राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी अब वो कह दिया है जो देश की जनता कब से अनुभव करती आ रही है की सीबीआई जिस कार्य के लिए बनायीं..
दीपक का प्रयोग करते समय इन खास बातो का ध्यान रखें, पूजा को अशुद्ध ना करें

...... घी के दीपक का प्रयोग करें और आधुनिक लाइट के दीपक या
मोमबत्ती का उपयोग कर अपनी पूजा को अशुद्ध ना करें आज कल आधुनिक लाइट
के दीपकों ने घरों में अपनी एक जगह बना ली है, जबकि घी के दीपक का
प्रयोग दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है| मिट्टी का बना दीपक जलाने से
ना सिर्फ सुंदरता आती है बल्कि वहा उपस्तिथ नकारात्मक शक्तियों का भी
नाश होता है, जबकि लाइट के दीपक से प्रकाश के अतिरिक्त कुछ भी नहीं|
मिट्टी से बने 'घी' के दीपक से मन में सात्विक विचारों का जन्म होता
है परन्तु लाइट के दीपक से या मोमबत्ती से बाहरी आवरण की ओर मन
आकर्षित होता है|
सुंदरता मात्र ही सब कुछ नहीं होता, पूजा करने का मुख्य उद्देश्य मन
को शांत करना, ध्यान केंद्रित करना करना, सात्विक विचारों को मन में
लाना, अपने परिजनों एवं स्वयं के उद्येशों की पूर्ति के लिए सच्चे मन
से कामना करना होता है, जो कि आधुनिक लाइट के दीपक उपयोग को उपयोग
करके नहीं हो सकता| साथ ही एक बहुत बड़ा कारण और है कि घी के दीपक की
लौ से एक अत्यंत शांति प्रदान करने वाली सुगंध आती है जो वातावरण को
भी शुद्ध कर देती है जबकि मोमबत्ती के प्रयोग से भी ऐसा कुछ नहीं
होता|
दीपक का प्रयोग करते समय इन खास बातो का भी ध्यान रखे-
* देवताओं को घी का दीपक अपनी बायीं ओर तथा तेल का दीपक दायीं ओर
लगाना चाहिए।
* देवी-देवताओं को लगाया गया दीपक पूजन कार्य के बीच बुझना नहीं
चाहिए, विशेष ध्यान रखें।
* दीपक हमेशा भगवान के सामने ही लगाएं।
* घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती लगाएं।
* तेल के दीपक के लिए लाल बत्ती का उपयोग किया जाना चाहिए।
* दीपक कहीं से खंडित या टूटा नहीं होना चाहिए।
साभार : वन्दे मातृ संस्कृति | facebook.com/VandeMatraSanskrati
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