उत्तर प्रदेश के पिलखुवा जिले से सम्बन्ध रखने वाले कुमार विश्वास को आज कौन नहीं जानता। अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने..
गणेश आरती गाने पर विधानसभा से साल भर के लिए निलंबित १४ विधायक
चौंकिए नहीं, ये बात पाकिस्तान या किसी तालिबानी देश की नहीं है।
घटना हमारे महाराष्ट्र की है जहाँ गत १२-१३ वर्षों से कांग्रेस-एनसीपी
का राज चल रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष दिलीप पाटिल ने
शिवसेना के १३ और भाजपा के एक विधायक को साल भर के लिए विधानसभा से
निलंबित कर दिया है।
रायगढ़ जिले के दिवेआगर मंदिर से गणेश जी की १.५ किलो सोने की मूर्ति
एक सप्ताह पहले चोरी हो गयी थी। चोरों ने एक सुरक्षाकर्मी की हत्या भी
कर दी थी। एक सप्ताह बीत जाने पर भी चोरों का कोई पता प्रदेश पुलिस ने
नहीं लगाया है। इस विषय पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए शिवसेना एवं
भाजपा के कुछ विधायक गणेश जी की एक छोटी चांदी की परत चढ़ी मूर्ति लेकर
सदन में आये थे। विधायकों ने केसरिया टोपी पहनी हुयी थी एवं केसरिया
अंगवस्त्र भी डाला हुआ था। विरोध जताने के लिए विधायकों ने "गणपति
बाप्पा मोरिया, गणपति गेले चोरीला, ला नहीं सरकला" (गणपति चोरी हो गए,
सरकार को लज्जा नहीं है) ऐसे नारे लगाए।
कुछ समय बाद जब विधायक प्रताप सरनायक अपनी बात कहने के लिए सदन में
खड़े हुए, तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें कुछ भी बोलने से पहले
केसरिया टोपी और अंगवस्त्र उतार देने के लिए
कहा। इस तुगलकी फरमान के उत्तर में प्रताप सरनायक ने मराठा
प्रतिरोध का परिचय देते हुए गणेश जी की आरती गानी शुरू कर दी और
शिवसेना भाजपा के अन्य विधायकों ने भी स्वर में स्वर मिला दिया।
विधानसभा में गणेश आरती गाये जाने से स्तब्ध विधानसभा अध्यक्ष ने आधे
घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
बाद में जब पुनः कार्यवाही शुरू हुई तब शिवसेना के विधायक अध्यक्ष के
आसन के समक्ष एकत्र हो गए। इस पर अध्यक्ष ने उन्हें गणेश मूर्ति सदन
में लाने पर फटकारा। शरद पवार की एनसीपी के शशिकांत
शिंदे ने गणेश जी की प्रतिमा सदन में लाने को सदन का व गणेश
जी का अपमान बताया और इस विषय का राजनीतिकरण करने के लिए शिवसेना की
निंदा की। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन ने विधायकों के निलंबन का
प्रस्ताव रखा जिसे कांग्रेसी विधायकों एवं एनसीपी विधायकों ने ध्वनि
मत से पारित करवा दिया। और इस प्रकार शिवसेना के १३ विधायक एवं भाजपा
के एक विधायक श्री राम शिंदे को एक साल के लिए विधानसभा से निलंबित कर
दिया गया।
विचार: ये घटना शिवाजी के महाराष्ट्र की है जिन्होंने भारत के शौर्य
एवं अस्मिता के प्रतीक केसरिया रंग को धूमिल नहीं होने दिया था
और स्वराज की स्थापना की थी। आज उसी महाराष्ट्र में शिवाजी के
नृशंस आततायी शत्रु एवं गुरु तेग बहादुर के हत्यारे
औरंगजेब की बरसी मनाने उसकी कब्र पर १
लाख लोग आते हैं, और इस उपलक्ष्य में स्थानीय प्रशासनिक छुट्टी भी
घोषित होने लगी है।
Other Links :
# a journey through time : Unconquerable Ayodhya, the
kingdom of Kosal
# Godhra to Garvi Gujarat - The Facts the media didn't
remind you!
# Godhra to Garvi Gujarat - Role of the Gujarat Govt in
controlling violence
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