महाराष्ट्र के ठाणे शहर की झोपडपट्टी में लोगों को अच्छे निवासस्थान उपलब्ध करा देने के लिए १९७२ में प्रगति प्रतिष्ठान की स्थ..
दिल्ली सरकार को सूरत शहर की तर्ज पर चमकाने की सलाह

अजय पांडेय, नई दिल्ली। एक तरफ जहां कांग्रेस के बड़े नेता नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल को खारिज कर रहे हैं, वहीं केंद्र ने दिल्ली सरकार को सूरत शहर की तर्ज पर दिल्ली को चमकाने की सलाह दी है। केंद्र ने कहा है कि जिस प्रकार सूरत में रिंग रोड बनाने के लिए फंड का इंतजाम किया गया, उसे राजधानी में भी अपनाया जा सकता है। प्रदेश सरकार सूरत नगर निगम द्वारा अपनाए गए प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर फंड जुटाने के इंतजाम में जुट गई है।
गौरतलब है कि कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी आए दिन नरेंद्र मोदी पर तीखे प्रहार करती रहती हैं।
मुख्य सचिव दीपक मोहन स्पोलिया ने हाल ही में विभिन्न महकमों के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उनसे सूरत मॉडल पर चर्चा कर दिल्ली में लागू करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। दिल्ली सरकार को भेजे गए पत्र में केंद्र ने कहा कि सूरत मॉडल की खासियत है कि इसे अमल में लाने के लिए केंद्र या राज्य सरकार को अपने खजाने से कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ रहा है।
दिल्ली में अर्बन एक्सटेंशन रोड विकास प्राधिकरण को बनानी है। इन सड़कों के आसपास पर्याप्त खाली जमीन है, जिसे पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया जा सकता है।
सूरत मॉडल के बारे में बताया गया कि सूरत नगर निगम व सूरत शहरी विकास प्राधिकरण ने मिलकर 11960 करोड़ रुपये एकत्र करने की योजना बनाई है। इसके तहत किसानों से जमीन लेकर उसे विकसित किया जाएगा। इसके बाद 60 प्रतिशत विकसित हिस्सा किसानों को वापस कर दिया जाएगा।
बाकी बचे 40 प्रतिशत हिस्से में 15 से 20 प्रतिशत राशि सड़कों पर, पांच प्रतिशत पार्क, खेल के मैदान, बगीचे आदि पर खर्च की जाएगी। शेष पांच प्रतिशत में स्कूल, डिस्पेंसरी आदि सार्वजनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी तथा 10 से 15 प्रतिशत जमीन का हिस्सा आवासीय, व्यावसायिक तथा औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बेचा जाएगा।
साभार जागरण
Share Your View via Facebook
top trend
-
जव्हार वनवासी क्षेत्र चौतरफा विकास की ओर
-
अथः श्री थोरियम घोटाला कथा और राम सेतु
संसद का मानसून सत्र समाप्त हो चुका है। कोयले घोटाले की आंच ने सरकार को संसद में बैठने नहीं दिया इस 1.86 लाख करोड़ के घोट..
-
इंदिरा-राजीव जयंती की याद में 7.25 करोड़ खर्च
समाचार पत्रों में छपी ख़बरों और मीडिया चेनलों पर छाया रखा कि वर्तमान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और इंदिरा ग..
-
विदेशी आक्रमणकारियों से रक्षा का संकल्प, १०००० भारतीय युवाओं ने किया सरहद प्रणाम
देश के प्रत्येक राज्य से पहुँचे दस सहस्त्र (१०,०००) युवाओं ने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए शपथ ली। फोरम फॉर इंट..
-
शिक्षा से ही नहीं, नौकरी से भी जाए अंग्रेजी
प्रो. यशपाल यों तो हैं, वैज्ञानिक लेकिन बात उन्होंने ऐसी कह दी है, जो महात्मा गांधी और राममनोहर लोहिया ही कह सकते थे| आजकल..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)