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अन्ना की प्रस्तावित यात्रा में यूपी को प्राथमिकता

लोकपाल के मुद्दे पर अनशन कर चुके अन्ना हज़ारे अपनी प्रस्तावित यात्रा भले ही अपने पैतृक नगर से शुरू करें, लेकिन उसका पहला पड़ाव उत्तर प्रदेश हो सकता है, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अन्ना हज़ारे जनसभाएं करेंगे, वहीं उनके साथी कार्यकर्ता युवाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
अन्ना हज़ारे के महाराष्ट्र स्थित पैतृक नगर रालेगण सिद्धि में 10 और 11 सितंबर को लोकपाल आंदोलन की 22 सदस्यीय कोर समिति की बैठक हुई थी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गयी.
बैठक के दौरान हज़ारे ने इच्छा जाहिर की थी कि वे देशभर में यात्रा करना चाहते हैं, ताकि अपने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बारे में जनता से सीधे संवाद कर सकें. हज़ारे अक्तूबर की शुरुआत में यह यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं.
इस यात्रा को लेकर क्या तैयारी की जा रही, इस पर कोर समिति के सदस्य और हज़ारे के साथी कार्यकर्ता मनीष सिसौदिया ने बताया, ‘‘हज़ारे उन राज्यों को प्राथमिकता देना चाहते हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उनकी कोशिश यही रहेगी कि यात्रा अधिकतर ट्रेन के जरिये हो. उनकी यात्रा का पहला पड़ाव उत्तर प्रदेश हो सकता है.’’
क्या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ हज़ारे के एजेंडे में शीर्ष पर है, इस सवाल पर उन्होंने बताया, ‘‘हज़ारे वहां एक बड़ी जनसभा कर सकते हैं.’’
गौरतलब है कि सियासी रूप से उत्तर प्रदेश काफी अहम राज्य है. यहां 403 विधानसभा सीटें और 80 लोकसभा सीटें हैं. राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें मौजूदा मुख्यमंत्री मायावती की बसपा के साथ ही कांग्रेस, सपा और भाजपा के बीच मुकाबला होगा.
उत्तर प्रदेश के अलावा किन राज्यों में हज़ारे यात्रा कर सकते हैं, इस पर सिसौदिया ने बताया कि उत्तराखंड और पंजाब में भी गांधीवादी कार्यकर्ता यात्रा निकालेंगे. यात्रा के स्वरूप के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई रथयात्रा नहीं होगी. हज़ारे ने कहा है कि उनकी यह यात्रा दौरे की तरह होगी. इसमें वह मुख्य शहरों में जनसभाएं करेंगे.’’
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि हज़ारे मुख्य रूप से जनसभाएं करेंगे, जबकि अरविंद केजरीवाल तथा अन्य साथी कार्यकर्ता युवाओं से संवाद साधने के लिये विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों से बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि हम इलाहाबाद, लखनऊ, पटना और अलीगढ़ जैसे विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों से बातचीत करना चाहते हैं. इस कवायद की कमान केजरीवाल के हाथों में होगी.
हज़ारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की प्रवक्ता अश्वती मुरलीधरन ने बताया कि हज़ारे पक्ष के मुख्य कार्यकर्ताओं की व्यस्तता और पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को ध्यान में रखकर ही यात्रा की रूपरेखा तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि अहम शहरों में हज़ारे पक्ष के सभी सदस्य सभाएं करेंगे और अन्य जगहों पर अलग-अलग यात्रा होगी.
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