चलिये… अन्ततः “आज़ादी की दूसरी लड़ाई”(?) बगैर किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई। जिस प्रकार से यह “द..
-
माओवादियों ने जिन्हें मारा वे फासिस्ट थे?
0छत्तीसगढ़ में किए नरसंहार पर ‘भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)’ ने एक आत्म-प्रशंसात्मक विज्ञप्ति निकाली है। चार पन्ने की विज्ञप्ति का पहला ही शब्द है ‘फासीवादी’। पूरे पर्चे का लब्बो-लुआब है कि माओवादियों ने जिन्हें म.. -
सरहद को प्रणाम, फोरम फॉर इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी की पहल
फरीदाबाद से जाने वाले दल का विवरण : आशीष गौड़, तुषार त्यागी, दिनेश शर्मा, प्रदीप सिंह, विपिन वर्मा, ब्रिजेन्द्र सिंह, कनिष्क गुप्ता, अशोक कुमार, स्वामीनन्द सिन्हा और पुनीत सिंगोदिया
कार्यक्रम : सरहद को प्र.. -
अन्ना, रामदेव, भूमि सुधार और व्यवस्था परिवर्तन के आन्दोलन का एक सूत्र में बंधना संभव
जिन अभियानों से बड़े बदलाव की देश उम्मीद कर रहा था, उनमें से एक भटकाव के भंवर में फंस गया है। वह अन्ना अभियान है। जब किसी अभियान की चर्चा होती है, तो अन्ना अभियान का ही लोगों को ख्याल आता है, क्योंकि इसने पूरे देश को कुछ दिनों के लिए झिंझोड़ दिय..
-
आपकी कला देश से बड़ी कैसे?
सीमा-पार पड़ोसी देशों से भारत में होने वाली घुसपैठ पिछले कुछ वर्षों से कला के क्षेत्र में भी हो रही है। कभी कोई गायक, कोई संगीतकार, कोई स्टैंड-अप कॉमेडियन, कोई अभिनेत्री और कभी क्रिकेटर इस देश में आ रहे हैं। भले ही पाकिस्तान में भारतीय गायकों-कल..
-
राष्ट्रीय सुरक्षा और चीन की चुनौती: भावी खतरे का स्पष्ट संकेत
पिछले कुछ वर्षों में भारत की सीमाओं पर लगातार बढ़ते तनाव से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियां उस खतरे का स्पष्ट संकेत हैं, जिसका सामना निकट भविष्य में भारत को करना पड़ेगा। देश के भीतर लगातार बढ़ रही हिंसा की घटनाएं भी इसी का प्रतिफल हैं। देश में जगह-जगह..
-
डूसू चुनावों में कांग्रेस ने की है लोकतंत्र की हत्या...
भारतीय लोकतंत्र संसार का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और छात्र राजनीति लोकतंत्र की सबसे प्रारंभिक सीढ़ी। मेरा मानना है की अगर भारतीय लोकतंत्र एक जीवमान व्यक्तित्व होता, तो मुझे लगता है की एनएसयूआई और कांग्रेस को कल उनके द्वारा की गई लोकतंत्र की हत्या पर..
-
चारित्र्यशील लोगों को संसद में भेजना पड़ेगा - अन्ना हजारे
टीम-अन्ना भंग करने के बाद, अन्ना हजारे का जनता के नाम प्रथम सन्देश !
जन लोकपाल, राईट टू रिजेक्ट, ग्रामसभा को अहिकर, जनता की सनद ऐसे कानून लेन की चाबी जनता के हाथ में है। इसलिए चारित्र्यशील लोगों को संसद में भेजना पड़ेगा। -
'अंग्रेजो भारत छोड़ो' आह्वान की 07वीं वर्षगांठ पर 'कांग्रेस हटाओ-देश बचाओ' की जनक्रांति का श्रीगणेश
09 अगस्त की तारीख भारतीय और अन्तरराष्ट्रीय इतिहास में बहुत महत्व रखती है। 1942 में इसी तारीख को महात्मा गांधी ने मुम्बई के आजाद मैदान से 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' के आंदोलन की शुरूआत की थी तो 1945 में अमरीका ने जापान के हिरोशिमा-नागासाकी पर ..
-
विशाल अमर रहेगा!
विशाल क्रिटिकल केयर यूनिट में मृत्युशय्या पर लेटा हुआ है। शोकातुर सिसकियों ने किरण की आवाज़ बंद कर दी है। यह आह्वान 16 जुलाई के विनाशक दिन की देर रात में चेंगन्नूर जिला प्रचारक, किरण ने किया। मैंने चेंगन्नूर के पास कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों क..
-
ज्ञान के आभाव में दम तोड़ती परम्पराएँ
कहते है जितनी विविधताएँ हमारे देश में हैं, उतनी विश्व के किसी भी देश में नहीं है। बोली, भाषा, खानपान, वेशभूषा से लेकर गीत, संगीत तक की परम्पराएँ। हर तीन कोस पर बोली और भाषा के साथ इस देश में चेहरे-मोहरे भी बदलने लगते हैं। भारत की इसी गौरवश..
-
मुस्लिम वोट के लालच में देश को बांटने की संप्रग सरकार की शर्मनाक साजिश
इस वर्ष के अंत में देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यकों के मत बटोरने के उद्देश्य से संप्रग सरकार ने जिस तरह से खुलेआम मुस्लिम तुष्टीकरण का अभियान शुरू किया है उसके कारण देश और समाज के टुकड़े-टुकड़े होने का खतरा पैद..
-
एक और पाकिस्तान : नरेन्द्र सहगल
जम्मू-कश्मीर, सरकारी वार्ताकारों द्वारा तुष्टीकरण के आधार पर तैयार की गई रपट का अर्थ है 'एक और पाकिस्तान'
जम्मू-कश्मीर को भारतीय संविधान के दायरे से बाहर करने (1952) तुष्टीकरण की प्रतीक और अलगाववाद की ज.. -
क्या प्रत्येक मुस्लिम लड़की 18 की बजाय 15 वर्ष की आयु मे बालिग मान ली जाए?
एक बार फिर हमारी तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ न्याय व शासन प्रणाली की कड़वी सच्चाई सामने आई है जो धर्मनिरपेक्षता की बजाय अल्पसंख्यक तुष्टीकरण पर आधारित है। भारत मे मुस्लिम लड़कियों को 15 वर्ष की आयु मे विवाह करने का अधिकार मिल गया है।<..
-
अमेरिका से सीख ले भारत
लेख का शीर्षक उन कट्टर हिन्दू राष्ट्रवादियों को नहीं भायेगा जो दिन में एक बार अमेरिका को गाली दिए बिना रह नहीं पाते हैं। तो क्या हुआ अगर अमेरिका अकेले जिहादी आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने में लगा हुआ हो (उसके अपने स्वार्थ जो भी हो) जबकि जिहादी आतंकवाद..
-
'आईटी' को 'बीएचयू' से अलग किया: सोनिया सरकार के नये फरमान
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय अब पहले जैसा नहीं रहेगा। परिसर में 'मधुर मनोहर अतीव सुंदर/ यह सर्वविद्या की राजधानी' की स्वर लहरियां तो गूंजेंगी, किन्तु उनकी लय बिगड़ चुकी होगी। विश्वविख्यात वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर द्वारा रचित इस कुलगीत..
top trend
-
आज़ादी की दूसरी लड़ाई ? खत्म हुई, क्या दूसरी समस्याओं को देख लें ?
-
राहुल बदलवाएंगे गरीबी रेखा का आधार? 32 रुपए की इस सीमा पर एतराज जताया
नई दिल्ली ।। शहरों में 32 रुपए रोज और गांवों में 26 रुपए रोज खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर बताने वाले योजना आयोग के..
-
राष्ट्रपति की विदेश यात्राओं पर 205 करोड़ रुपये खर्च, हमेशा बोइंग 747-400 विमान का प्रयोग
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की विभिन्न विदेश यात्राओं पर करीब 205 करोड़ रुपये का खर्च आया। इस मामले में उन्होंने ..
-
राष्ट्रपति पद को लेकर उलझे कांग्रेसी, कलाम जैसे सर्वमान्य अराजनीतिक व्यक्ति से चिढ़ क्यों?
देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को लेकर वोट बैंक गणित में उलझे कांग्रेसी कलाम जैसे सर्वमान्य अराजनीतिक व्यक्ति से संप्रग को..
-
सोनिया से बोफोर्स की काली कमाई लाने को कहेंगे बाबा रामदेव
नई दिल्ली, काले धन के मुद्दे पर राजनीतिक समर्थन जुटाने के अभियान में जुटे बाबा रामदेव ने बोफोर्स के मुद्दे को भी छेड़कर ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-