आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?

Published: Monday, Oct 14,2013, 19:18 IST
By:
0
Share
mahesh giri bjp, maheish girri art of living

व्यवसाय से अध्यात्म निकालें तो शोषण प्राप्त होगा, उसी प्रकार राजनीति से अध्यात्म निकालें तो प्राप्त होगी अराजकता, अव्यवस्था, और कुशासन। जिसके हम सब प्रत्यक्ष गवाह है। जो कार्य नेतृत्व, क्षमता, कुशलता और शौर्य का प्रतीक माना जाता था, उस क्षेत्र में प्रवेश करना अब गटर में प्रवेश के समान है। बचपन में समाज और जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करते हुए श्री श्री का सानिध्य प्राप्त कर, जब समाज सेवा में ही आत्मिक ख़ुशी मिली, तब मैंने मानव, समाज और राष्ट्र सेवा को अपना धर्म चुन लिया।

सेवक की भांति आप मर्ज़ का उपचार तो कर सकते हो, किन्तु मर्ज़ ना हो ऐसी स्थिति के लिए व्यवस्था बदलनी होगी। लम्बे समय से इसका आभास होने के बाद, जब श्री श्री ने मुझे व्यवस्था के क्षेत्र में अपना कदम बढाने की प्रेरणा दी, तब मैंने निश्चय किया कि अब अगर अपने बढ़ते क़दमों पर नियंत्रण करता हूँ, तो वह इतने वर्षों की समाज उपचार की भावना का निरादर होगा। मेरा लक्ष्य सड़क से सत्ता तक जाने में सीमित नहीं है, मुझे सत्ता से फिर उन्ही सड़कों की यात्रा करनी है, किन्तु इस बार परिवर्तन की ताकत ले कर।

तो फिर भा.ज.पा ही क्यूँ?

जैसा कि स्पष्ट है कि राजनीति में प्रवेश का उद्देश्य है, समाज की स्थिति में परिवर्तन। हमारी वर्तमान सरकार तो निश्चय ही अपनी स्थिति से बेहद प्रसन्न है। उसे दिल्ली की चमकती सड़कें तो दिखती हैं, पर उन सड़कों में छिपी दरारों का शायद उसे आभास भी नहीं है। अत: ऐसी सरकार में शामिल होना मेरे मूल्यों के विरुद्ध है और अन्य छोटी पार्टी में शामिल होकर मैं शायद ही कभी समाज में आपेक्षित परिवर्तन ला पाता। देश को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटने यह दल लोकतंत्र के नाम पर देश का नुकसान करती हुई ज्यादा दिखाई देतें हैं। इतना ही नहीं, ६० वर्षों के बाद भी भाजपा अभी तक देश के सभी हिस्सों में नहीं पहुँच पाई, तो कोई और नया संगठन बनाकर अथवा किसी अन्य छोटे संगठन में शामिल होकर क्यों देश को और ६० वर्षों के लिए अंधकार में क्यों धकेलना!

इन सबके अतिरिक्त आजादी के कुछ ही वर्षों पश्चात् बनी भारतीय जनता पार्टी ने अपने इतिहास में देश को कई अतुल्य नेतृत्व और अद्वितीय नेता दिए हैं। आज भी भा.ज.पा. शासित राज्यों का सञ्चालन परिणाम स्वरुप ज्यादा प्रजामुखी लगता है| प्रगति और विकास के मामलों में भी भा.ज.पा. शासित प्रदेशों ने अपना लोहा मनवाया है| ऐसी पार्टी की रणनीति और शासन कुशलता जग जाहिर है। विश्व भर में ख्याति प्राप्त श्री नरेन्द्र मोदी जी का व्यक्तित्व हर किसी की भांति मुझे भी आकृष्ट करता है। पार्टी की नीति, रणनीति,तौर-तरीके सभी ने मुझे प्रभावित किया। अत: मैंने भा.ज.पा. में सम्मिलित होकर भारत नवनिर्माण का सपना पूरा करने का निश्चय किया।

15 अक्टूबर को इस दिशा में मेरा पहला कदम उठेगा।अत: इस दिन उपस्थित होकर ना सिर्फ मेरा उत्साह वर्धन करे, अपितु कदम से कदम मिलाकर मेरे साथ आगे बढ़ें।

भारत बदल रहा है आओ साथ चलें... 

महेश गिरी | ट्विट्टर पर जुड़ें | twitter.com/MaheishGirri

Comments (Leave a Reply)

DigitalOcean Referral Badge