दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रशासनिक कहर झेलने के बाद भी योग गुरू बाबा रामदेव कालेधन को देश वापस लाने की बात पर अडिग हैं।..
32 रुपये खर्च की गरीबी रेखा इतनी बेतुकी भी नहीं : मोंटेक

32 रुपये रोजाना खर्च की गरीबी रेखा पर हो रही आलोचनाओं के बीच योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने फिर इसका बचाव किया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में शहर में रोजाना 32 रुपये और गांव में 26 रुपये खर्च करने वाले को गरीब नहीं माना है। उसी हलफनामे के संदर्भ में अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती को लिखे पत्र में आहलूवालिया ने कहा है कि अपने देश की परिस्थितियों में 32 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पांच व्यक्तियों के परिवार के लिए 4824 रुपये का मासिक खर्च पर्याप्त तो नहीं, लेकिन बेतुका भी नहीं कहा जाएगा।
आयोग की गरीबी रेखा की आलोचना पर आहलूवालिया ने कहा, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण इलाकों के लिए 3905 रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 4824 रुपये की गरीबी रेखा को क्रूर मजाक बताया है। दरअसल वे इस मासिक आमदनी को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन में तब्दील करके देख रहे हैं, जो 32 रुपये और 26 रुपये बैठ रही है। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा का मतलब ही है कि उसके नीचे रहने वाले के लिए स्थितियां सुविधाजनक नहीं होंगी। आयोग द्वारा गरीबी को कम करके आंकने के राज्यों के आरोप पर उन्होंने कहा कि कई राज्यों में गरीबों की वास्तविक संख्या से ज्यादा बीपीएल कार्ड जारी किए गए हैं। जबकि कई जरूरतमंदों को कार्ड नहीं दिए गए हैं।
मालूम हो कि गैर सरकारी संस्था राइट टू फूड कैंपेन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार की गरीबी रेखा को चुनौती दी है। इसी याचिका के संदर्भ में योजना आयोग ने हलफनामा दायर किया है, जिस पर विवाद उठा है। इस मामले में अटार्नी जनरल वाहनवती आयोग की पैरवी कर रहे हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
स्वाभिमान यात्रा के दूसरे चरण में बाबा रामदेव ने केंद्र को फिर ललकारा
-
हर हिंदुस्तानी तक इलाज के साधन मुहैया कराना आवश्यक, बाबा रामदेव की मदद ले सरकार : योजना आयोग
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने भले ही रामलीला मैदान में बाबा रामदेव पर लाठियां चलवाई हों, लेकिन योजन..
-
बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी ने अन्ना को दिया समर्थन
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और विश्व विख्यात हनुमानगढी मंदिर के महन्त ज्ञान दास के बाद अब बाबरी मस्जिद के मुद्दई औ..
-
वरूण ने कालेधन को लेकर तीनों सांसदों के नाम पूछे, आर.टी.आई. का सहारा ले सकते हैं
भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता एवं सांसद वरूण गांधी ने सरकार से उन तीन सांसदों के नामों का खुलासा करने की मांग की है जिन्..
-
कांग्रेस और जेहादियों से जान को खतरा : सुब्रमण्यम स्वामी
टेलीकॉम मामले पर केंद्र सरकार को कटखरे में खड़ा करने वाले जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस और जेहादियों स..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)