२०११ भारत के लिए एक उथल पुथल भरा वर्ष सिद्ध हुआ - भले ही वह राजनैतिक परिदृश्य हो, अथवा आर्थिक | परन्तु इस बीच कुछ सुखद ब..
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दीप से दीप चलो जलाते, नहीं होगा अंधकार कभी...
0दीवाली को दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ’योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति यानी प्रकाश की ओर जाइए’ कथन को सार्थक करता है। दीवाली अंधेरे से रोशनी में जाने का प्रतीक है। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की रात दीय..
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धनतेरस पर करें समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए पूजा ...
दीवाली का त्योहार पांच दिन तक चलता है। इसकी शुरुआत होती है धनतेरस से। दीवाली से दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हैं। धनतेरस धन-सम्पत्ति और अच्छी स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। देवताओं को अमर करने के लिए भगवान विष्णु&nbs..
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श्री महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम्
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दनुते ॥
गिरिवरविंध्यषिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
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वेद, भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार
वेद क्या हैं? भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार, वेद हैं। सबको अपने में समाहित करने की हमारी प्रकृति और सबके लिए सदा द्वार खुले रखने की भावना को इस प्रकरण में दिखाया गया है। वेदों का ज्ञान हमें अपना व्यक्तिगत जीवन शुद्ध करने, समाज को ऊंचा उठा..
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शास्त्र को शस्त्र अथवा हथियार ना बनाओ - अष्टावक्र
ज्ञान ही शक्ति है। इसलिए ज्ञान का उद्देश्य "सभी का समान रूप से लाभ" होना चाहिए। लेकिन अगर ज्ञान किसी के अहंकार का साधन बन जाये, किसी के ध्वंस का हथियार बन जाये, तो ज्ञान का वास्तविक उद्देश्य नष्ट हो जाता है। ज्ञान को ग़लत अर्थ में समझे..
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जागो भारत, जानो भारत - स्वामी विवेकानंद
"अगर भारत को जानना है तो विवेकानंद पढ़िये... उनके विचारों में केवल सकारात्मकता है, नकारात्मक कुछ भी नहीं...! गुरुदेव रवींद्रनाथ ने कहा था स्वामी विवेकानंद के बारे में!" - अरुण करमरकर
1888 से 1892 तक संन्यासी विवेकानंद ने .. -
“शून्य” से नयी क्रांति... पुनः सृजनात्मक “शून्य”
अनादि काल से अब तक विश्व में समग्र मानव कल्याण के लिए बहुत से धर्मों, दर्शनों, राजनैतिक व्यवस्थाओं का प्रादुर्भाव हुआ है। कालांतर में एक एक करके अधिकांश विचार जो स्वयं मानव ने प्रतिपादित किये उन्हें स्वयं ही नकार दिया और एक ऐसे परिष्कृत विचार की..
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क्या हम उदारीकरण के मिथक रूपी 'कचरा' सोच से बाहर निकल पाएंगे : मानसून और पंचांग
हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण माह जो भाद्रपद के साथ मिलकर भारत मे मानसून की अवधि का निर्माण करता है, 4 जुलाई को प्रारम्भ हुआ, उसने 5 जुलाई को गर्मी से झुलसे मेरे शहर को बारिश से सराबोर कर दिया। क्या मानसून सही वक़्त पर आया या फिर देरी से, जैसा क..
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गुरु पूर्णिमा महोत्सव : सुश्री तनुजा ठाकुर
नई दिल्ली, ०२ जुलाई, २०१२: 'गुरुपूर्णिमा के अवसर पर "उपासना हिन्दु धर्मोत्थान संस्थान" की संस्थापिका, सुश्री तनुजा ठाकुर ने गुरु पूर्णिमा के दिन का महत्त्व बताते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का दिन सद्गुरु को कृतज्ञता व्यक्त करने का स्..
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भारतीय इतिहास की गौरवशाली गाथा है शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक
रायगढ़ में ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तदनुसार 6 जून 1674 को हुआ छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हिंदू इतिहास की सबसे गौरवशाली गाथाओं में से एक है। सैकड़ों वर्ष विदेशियों के गुलाम रहने के पश्चात हिंदुओं को संभवतः महान विजयनगर साम्राज्य के बाद पहली..
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कैसे जानें कब हैं अपने त्यौहार?
समय के साथ साथ समाज बदलता है परन्तु जो अपना महत्व बनाए रखता है - वही परंपरा का प्रतीक बन जाता है। ऐसी ही कुछ बातों में से एक है हमारा पंचांग। माना आज सब कुछ बदल गया है, भले ही अबीर-गुलाल का वसंतोत्सव (होली) शराब पी कर कपड़े फाड़ कर, ना ना प्रकार ..
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शक्ति का स्रोत पदार्थ से परे है : क्या संसार केवल भौतिक पदार्थों का या प्रकृति की ही रचना है?
अधिकांश वैज्ञानिकों का मत है कि संसार केवल भौतिक पदार्थों का या प्रकृति की ही रचना है! उसके मूल में कोई ऐसी चेतन या विचारशील सत्ता नहीं है जिसे हम ईश्वर कह सके या जीव या आत्मा कहे!
भारतीय तत्वदर्शन में इन शब्दों को वैज्ञानिक.. -
पांडवों की कुलदेवी मां हथीरा देवी
पांडवों द्वारा कुरु भूमि पर धर्मरक्षा और न्याय के लिए महाभारत का भीषण युद्ध लड़ा गया। इस युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्रीकृष्ण की थी। उन्होंने प्रत्येक विषम परिस्थिति से पांडवों को सचेत करके उनका मार्ग प्रशस्त किया। व..
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दीपक का प्रयोग करते समय इन खास बातो का ध्यान रखें, पूजा को अशुद्ध ना करें
...... घी के दीपक का प्रयोग करें और आधुनिक लाइट के दीपक या मोमबत्ती का उपयोग कर अपनी पूजा को अशुद्ध ना करें आज कल आधुनिक लाइट के दीपकों ने घरों में अपनी एक जगह बना ली है, जबकि घी के दीपक का प्रयोग दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है| मिट्टी का बना दी..
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नींव के संस्कार पर इमारतें खड़ी होती हैं, मकान के संस्कार पर घर
पिताजी ने दिल्ली में जमीन खरीदी थी। उस पर मकान बनाना था। दादी ने पूछा- "नींव की पूजा कैसे होगी?" पिताजी बोले-"हवन करवा देंगे। और क्या?" "नहीं रे! मकान की नींव डालने की विशेष पूजा होती है। तभी तो मकान का संस्कार बनता है। ..
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उदाहरण है विवेक ओबेरॉय का फोर्ब्स की लोक-कल्याण नायक सूची पर होना
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इन महाशय ने विवेकानन्द स्मारक न बनने देने, एवं रामसेतु को तोड़ने की योजना के लिए जी-तोड़ प्रयास किये थे
केरल के मूल निवासी 66 वर्षीय आर्चबिशप जॉर्ज एलेंचेरी को गत सप्ताह पोप ने कार्डिनल की पदवी प्रदान की। वेटिकन में की गई घो..
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देश की सत्ता पर भ्रष्टाचार का साम्राज्य, सरकार की गलत नीतियों का परिणाम : बाबा रामदेव
फर्रखाबाद। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि आज देश की सत्ता पर भ्रष्टाचार का साम्राज्य है और इसमें आमूलचूल परिवर्तन की जर..
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केवल सत्रह वर्ष में 7 लाख, 50 हजार, 860 किसानों ने की आत्महत्या
किसानों की आत्महत्या के कारण विदर्भ में दिनों दिन विधवाओं की संख्या में होती जा रही है बढ़ोतरी।
इन.. -
भारतीय संस्कृति का प्रतीक 'नमस्कार' एवं इसके आध्यात्मिक लाभ
१.नमस्कार के लाभ
२. मंदिर में प्रवेश करते समय सीढियों को नमस्कार कैसे करें ?
३. देवता को नमन करने की योग्य..
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सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
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वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
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आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
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अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
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सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
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नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
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न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
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पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
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वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
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जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
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मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
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भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
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२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
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वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
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चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
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समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
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