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वेद क्या हैं? भारतीय दर्शन और संस्कृति का मूल आधार, वेद हैं।
सबको अपने में समाहित करने की हमारी प्रकृति और सबके लिए सदा द्वार
खुले रखने की भावना को इस प्रकरण में दिखाया गया है। वेदों का ज्ञान
हमें अपना व्यक्तिगत जीवन शुद्ध करने, समाज को ऊंचा उठाने, और
संपूर्णता में सबके साथ सामंजस्य स्थापित करने का माध्यम उपलब्ध कराता
है। वेद के ज्ञान से आपको परिचित कराने के लिए हमने मुग़ल सल्तनत के
युवराज दारा शिकोह को चुना है।
In English : Veda - The Source of Dharma
कहानी शुरु होती है, औरंगज़ेब द्वारा दारा शिकोह को गिरफ़्तार किये
जाने से। जेल में दारा शिकोह अपने बेटे सिपिहर शिकोह को कहानी सुनाता
है कि कैसे उसे उसके उस्ताद मियाँ मीर ने उपनिषदों के फारसी में
अनुवाद के लिए प्रेरित किया और कैसे दारा शिकोह पंडित चन्द्रभान के
साथ काशी जा कर बाबा लालदास से वेदों की शिक्षा प्राप्त करता है।
इस प्रकरण में पिछले सप्ताह के विचार को आगे बढ़ाते हुए यह बताया गया
है कि वेद का अर्थ ज्ञान है। वेद को चार भागों में किस आधार पर बाँटा
गया? फिर उन चार वेदों को कैसे छोटे छोटे उप विभागों में बाँटा गया?
इन छोटे भागों में कौन सी बात कही गई है? वे मानवीय भावनाओं को कैसे
ऊंचा उठाते हैं? ये सभी विषय इस प्रकरण में दिखाए और समझाए गये
हैं।
इसके लिए इस प्रकरण के नायक दारा शिकोह की कहानी को आगे बढ़ाते हुए हम
देखेंगे कि किस तरह दारा शिकोह ने बाबा लालदास से वेद - वेदांगों की
शिक्षा ली। इसी बीच औरंगज़ेब और कट्टरपंथी मौलवियों ने उसके ख़िलाफ़
साज़िश करके उसे जेल भिजवा दिया और उस पर काफ़िर और इस्लाम विरोधी
होने के आरोप मढ़ कर उसे सज़ाए मौत दे दी।
स्रोत : उपनिषद् गंगा | फेसबुक.कॉम/उपनिषद्गंगा (जुडें)
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