जनलोकपाल के लिए संघर्ष कर रही टीम अन्ना के अहम सदस्य प्रशांत भूषण पर बुधवार को हुए हमले के बाद गुरुवार को उनकी तीखी आलोचना..

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के कल के वक्तव्य जिसमें उन्होंने यूपीए को कमजोर कहा था एवं नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की थी, के बाद यूपीए के बड़े घटक डीएमके के टी आर बालू ने कहा है कि वे पवार की बात से आंशिक रूप से सहमत हैं | बालू ने कहा कि सरकार स्थितियों को बेहतर ढंग से संभाल सकती थी | बालू ने विशेषकर अन्ना हजारे घटनाक्रम, सीएजी की रिपोर्ट और बढती महंगाई का जिक्र किया | साथ ही बालू ने श्री लंकाई तमिलों के मुद्दे पर भारत के लचर रवैये पर भी असंतोष व्यक्त किया | भाजपा ने इस सारे घटनाक्रम पर टिपण्णी देते हुए कहा है की यूपीए के घटक दल अब समझ रहे हैं कि वे एक डूबते जहाज के यात्री हैं | राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पहले ममता बनर्जी ने बंगलादेश की यात्रा से हाथ खींच कर प्रधानमंत्री को झटका दिया और अब पवार और बालू, सरकार के विरुद्ध जनता के बीच बोल रहे हैं | उधर प्रिटोरिया से लौटते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया है कि यूपीए को संगठित रखना एक बड़ी चुनौती होगी |
Share Your View via Facebook
top trend
-
कश्मीर में रायशुमारी के रुख पर अड़े प्रशांत भूषण के खिलाफ भड़का गुस्सा
-
अन्ना की आलोचना करने पर लालू की पार्टी में बगावत, विधायक ने छोडी पार्टी
अन्ना के आंदोलन को गलत बताने वाले लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में बगावत हो गई है। दिल्ली..
-
रियो की उपलब्धि शून्य : न पर्यावरण बचाने के ठोस उपाय, न साझा सहयोग का वायदा
ब्राजील की राजधानी रियो डि जेनेरो में 20 से 22 जून, 2012 को सम्पन्न हुए मौसमी बदलाव पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन की कुल..
-
स्वागत योग्य कदम, जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद
स्वागत योग्य कदम पंजाब सरकार ने देश के शहीदों व महापुरुषों के जन्म व शहीदी दिवसों पर स्कूलों में होने वाली छुट्टियां बंद क..
-
उच्च न्यायालय ने ठुकराई पादरी समिति की गीता पढ़ाने का विरोध करने वाली याचिका
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने धर्मनिरपेक्षता का झंडा लेकर भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं पर कुठाराघात करने एवं उन्..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)