कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बयान पर उलमा और मुस्लिम संगठनों ने मिला-जुली प्रतिक्रिया जाहिर की, राहुल गांधी ने ब्यान ..
संस्कृत बनेगी नासा की भाषा, पढ़ने से गणित और विज्ञान की शिक्षा में आसानी
आगरा [आदर्श नंदन गुप्त]। देवभाषा संस्कृत की गूंज कुछ साल बाद
अंतरिक्ष में सुनाई दे सकती है। इसके वैज्ञानिक पहलू का मुरीद हुआ
अमेरिका नासा की भाषा बनाने की कसरत में जुटा है। इस प्रोजेक्ट पर
भारतीय संस्कृत विद्वानों के इन्कार के बाद अमेरिका अपनी नई पीढ़ी को
इस भाषा में पारंगत करने में जुट गया है।
In Eng : NASA to echo Sanskrit in space, website confirms its
Mission Sanskrit
गत दिनों आगरा दौरे पर आए अरविंद फाउंडेशन [इंडियन कल्चर] पांडिचेरी
के निदेशक संपदानंद मिश्रा ने 'जागरण' से बातचीत में यह रहस्योद्घाटन
किया। उन्होंने बताया कि नासा के वैज्ञानिक रिक ब्रिग्स ने 1985 में
भारत से संस्कृत के एक हजार प्रकांड विद्वानों को बुलाया था। उन्हें
नासा में नौकरी का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि संस्कृत ऐसी
प्राकृतिक भाषा है, जिसमें सूत्र के रूप में कंप्यूटर के जरिए कोई भी
संदेश कम से कम शब्दों में भेजा जा सकता है। विदेशी उपयोग में अपनी
भाषा की मदद देने से उन विद्वानों ने इन्कार कर दिया था।
इसके बाद कई अन्य वैज्ञानिक पहलू समझते हुए अमेरिका ने वहां नर्सरी
क्लास से ही बच्चों को संस्कृत की शिक्षा शुरू कर दी है। नासा के
'मिशन संस्कृत' की पुष्टि उसकी वेबसाइट भी करती है। उसमें स्पष्ट लिखा
है कि 20 साल से नासा संस्कृत पर काफी पैसा और मेहनत कर चुकी है। साथ
ही इसके कंप्यूटर प्रयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ भाषा का भी उल्लेख
है।
स्पीच थैरेपी भी : वैज्ञानिकों का मानना है कि
संस्कृत पढ़ने से गणित और विज्ञान की शिक्षा में आसानी होती है,
क्योंकि इसके पढ़ने से मन में एकाग्रता आती है। वर्णमाला भी वैज्ञानिक
है। इसके उच्चारण मात्र से ही गले का स्वर स्पष्ट होता है। रचनात्मक
और कल्पना शक्ति को बढ़ावा मिलता है। स्मरण शक्ति के लिए भी संस्कृत
काफी कारगर है। मिश्रा ने बताया कि कॉल सेंटर में कार्य करने वाले
युवक-युवती भी संस्कृत का उच्चारण करके अपनी वाणी को शुद्ध कर रहे
हैं। न्यूज रीडर, फिल्म और थिएटर के आर्टिस्ट के लिए यह एक उपचार
साबित हो रहा है। अमेरिका में संस्कृत को स्पीच थेरेपी के रूप में
स्वीकृति मिल चुकी है।
साभार जागरण
Share Your View via Facebook
top trend
-
मुसलमानों के साथ नाइंसाफी के लिए संघ जिम्मेदार : राहुल, मुस्लिम संगठनों ने कहा हास्यास्पद
-
काशी हिंदू विश्वविद्यालय संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय
भारतमाता को गुलामी की जंजीर से मुक्त कराने में जिन वीर सपूतों का योगदान रहा, उनमे पंडित मदन मोहन मालवीय का नाम उल्लेखनीय..
-
भोपाल की उस काली रात का सच, चश्मदीदों के ब्यान
२-३ दिसंबर १९८४ की रात ४२ टन मिथाइल आइसोसाईंनेट रिसकर उड़ चली थी हवा का बहाव नजदीकी झोपड़पट्टियों की ओर था उस जहरीले बादलो..
-
महाराष्ट्र में आरटीआइ का गला घोंटने की तैयारी, चुपचाप विधानमंडल में मंजूर भी करवा लिया
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। सूचना अधिकार कानून [आरटीआइ] के जरिए जिस महाराष्ट्र में आदर्श सोसाइटी जैसा बड़ा घोटाला उजागर हुआ,..
-
गे पार्टी पर छापे में पकड़ी गईं बॉबी डार्लिंग, इस पार्टी के लिए टिकटों की ऑनलाइन बिक्री थी
मुंबई पुलिस ने शनिवार देर रात गे पार्टी पर छापा मारकर टीवी पर्सनैलिटी बॉबी डार्लिंग समेत 110 लोगों को हिरासत में लिया। हाल..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)