भगत सिंह क्रांति सेना ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए, जनरल वी.के सिंह एवं भारतीय सेना की छवि को धूमिल करने के प्रयास पर अ..
वैज्ञानिक और स्वच्छता का प्रतीक है: शीतला माता पूजा
बसंत अब लगभग बिदाई की ओर है | होली के बाद अब गर्मी की मौसम की भी
शुरुआत होने लगी है| इसके साथ ही अब रोज की दिनचर्या में भी परिवर्तन
आना शुरू हो जाता है| इसी प्रकार की बातों को ध्यान में रखते हुए ही
हमारे बुजुर्गो ने त्योहारों को जन्म दिया | इन्ही में से एक त्योहार
है “शीतला पूजा” |
“शीतला पूजा” होली के एक सप्ताह बाद या कहीं कहीं होली के बाद के पहले
सोमवार को या गुरूवार को मनाया जाता है| इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य
ऋतु परिवर्तन पर होने वाले रोगों से बचना है, जैसे बुखार, पीलिया,
चेचक, आँखों के रोग |
भगवती शीलता की पूजा का विधान भी अनूठा है | देवी को ठंडा ओर बासी
भोजन अर्पित किया जाता है, इसी लिए एक दिन पहले बने भोजन का ही भोग
लगाया जाता है| इसी लिए इस उत्सव को बसोड़ा भी कहते है| ऐसी मान्यता है
की इस दिन से बासी खाने को खाना बंद कर दिया जाता है, जिस का
वैज्ञानिक कारण मौसम में परिवर्तन है| इस समय मौसम थोड़ा गरम भी होना
शुरू हो गया होता है इसीलिए बासी खाने से बीमारियों के होने का डर बना
रहता है| बासी खाना सिर्फ शरीर को ही नहीं मस्तिष्क को भी नुकसान
पहुचाता है|
धार्मिक रूप से देखने पर स्कंधपुराण में माता के रूप को दर्शाया गया
है, जिसमें माता हाथों में सूप, झाड़ू, गले में नीम के पत्ते पहने,
गर्दभ पर विराजमान दिखाई गयी है| इन बातों का वैज्ञानिक एवं
प्रतीकात्मक महत्व होता है, चेचक का रोगी कपड़े उतार देता है और उसको
सूप से हवा की जाती है, झाड़ू से चेचक के फोड़े फट जाते है, नीम के
पत्ते फोड़ों को सड़ने नहीं देते है, और कलश के रूप में ठंडा पानी रोगी
को शीतलता देता है|
इसी प्रकार से शीलता माता का पूजन हमें स्वच्छता की ओर प्रेरित करती
है और संक्रमण के इस समय मे साफ़ सुधरा भोजन करके स्वस्थ जीवन जीने का
रास्ता दिखाती है | किसी ने सही ही कहा है: “जैसा अन्न वैसा मन” |
“स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है” |
साभार : वन्दे मातृ संस्कृति | facebook.com/VandeMatraSanskrati
Share Your View via Facebook
top trend
-
जनरल एवं सेना की छवि धूमिल करने का प्रयास, बग्गा द्वारा इंडियन एक्सप्रेस पर प्रतिबन्ध की मांग
-
हिसार उपचुनाव में कांग्रेस की हार निश्चित: बाबा रामदेव
स्व. राजबाला की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने पहुंचे योगगुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि हिसार उपचुनाव मे..
-
इंडिया टीवी को चुनौती कराए नार्को टेस्ट यां मांगे माफ़ी : तजिंदर पाल सिंह बग्गा
दिनांक १० नवम्बर को इंडिया टीवी पर तथाकथित स्ट्रिंग ओपरेशन दिखाया गया. सबसे पहले तो इस स्ट्रिंग ओपरेशन में मुझे जितेन्द्र ..
-
नेत्रहीनों का सहायक सेवाभारती का ‘मनोनेत्र’
भारत में करीब देड करोड नेत्रहीन है| योग्य प्रशिक्षण और शिक्षा देने पर ये नेत्रहीन कई काम कर सकते है; यह बात ध्यान में रखकर..
-
कालेधन के विषय पर पीछे हटने के लिए मिला था बड़ा ऑफर : बाबा रामदेव
योगगुरु बाबा रामदेव ने नेटवर्क 18 के सहयोगी चैनल लोकमत के संपादक निखिल वागले को बताया की सरकार ने उन्हें काले धन के खिलाफ ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)