विगत तीन चुनावों से गुजरात में बड़ी ही मजबूती से जमे हुए भारत के सबसे सफ़ल मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को वहाँ से उखाड़ने के लि..
सुब्रमनियन स्वामी की जनता पार्टी एन.डी.ए में शामिल

भ्रष्टाचार के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे सुब्रमनियन स्वामी ने अपनी
जनता पार्टी को एनडीए में अंततः शामिल कर लिया है | ट्विटर पर स्वामी
ने रीट्वीट कर के इसकी पुष्टि की | उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता तरुण
विजय ने ट्वीट कर के इस समाचार को प्रसारित किया एवं उनका स्वागत भी
किया |
यद्यपि जनता पार्टी का कोई राजनैतिक वर्चस्व नहीं है, लेकिन
सुब्रमनियन स्वामी का व्यक्तित्व आज इतना बड़ा हो चुका है कि उनका
एनडीए में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक और बुरी सूचना है | स्वामी
के वो समर्थक जो भाजपा को पसंद नहीं करते, वे भी अब स्वामी के एनडीए
में होने के कारण भाजपा को समर्थन देंगे | राष्ट्रवादी लोगों ने सोशल
मीडिया पर इस समाचार का उत्साहपूर्ण स्वागत किया है |
अभी यह स्पष्ट नहीं कि हिंदुत्व के नाम पर ही बिदकने वाले जनता दल
(यू) जैसे एनडीए के घटक इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे, क्योंकि स्वामी
विराट हिंदुत्व के भी पैरोकार हैं और जदयू और भाजपा के संबंधों में
विगत कुछ माह से पहले भी खिंचाव चल रहा है | दोनों ने उत्तर प्रदेश
चुनाव एक दूसरे के विरुद्ध लड़ा और भाजपा के कमज़ोर प्रदर्शन पर नितीश
कुमार ने उन्हें नसीहत भी दी
# हस्तिनापुर के 'न्याय' में छुपे महाभारत के
बीज
# सावरकर, स्वामी और मोदी का भारत - हमको क्यों
नहीं स्वीकार ?
# हज के बाद अब येरुशलम पर सब्सिडी, अल्पसंख्यक वोट के
लिए धन लुटा रही सरकार
यह भी देखना रुचिकर होगा कि क्या सुब्रमनियन स्वामी प्रधानमंत्री पद
के लिए नरेन्द्र मोदी की संभावित प्रत्याशी होने को चुनौती देते हैं
अथवा वो केवल राष्ट्रवादी शक्तियों के ध्रुवीकरण के उद्देश्य से ही
आये हैं | कारण यह कि मोदी की तरह ही स्वामी को भी हिन्दुत्ववादी
शक्तियों का समर्थन मिलना स्वाभाविक है | जहाँ मोदी के पास विकास का
महान रिकॉर्ड विकास है वहीँ स्वामी भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई का
प्रतीक बन चुके हैं |
Share Your View via Facebook
top trend
-
नरेन्द्र मोदी से निपटने के दूसरे तरीके ढूँढ रही है कांग्रेस - सुरेश चिपलूनकर
-
मेट्रो में अनाउंस हुईं सहेलियों की बातें, गुड़गांव-राजीव चौक मेट्रो
अमित मिश्रा।। नई दिल्ली || ' अगला स्टेशन ..... है, दरवाजों से हटकर खड़े हों' जैसी आवाजें मेट्रो के पैसेंजरों के लिए आ..
-
सलमान भाई आप हमारे यहां आते तो सस्ते में कर देता इलाज !
सलमान खान को होने वाला असहनीय दर्द और उनका ऑपरेशन उपराजधानी के उनके प्रशंसकों को थोड़ा परेशान किए हुए था। दरअसल, बॉलीवुड अ..
-
भारतीय मीडिया एक निरंकुश हाथी...
एमएमएस घोटालों मे हाल ही में आयी बाढ़ को व्यंग्यात्मक रूप से कुछ यूं देखा जा सकता है: यह राष्ट्र एक एमएमएस, मन मोहन सिंह..
-
अब अमरनाथ यात्रा के दिनों में कटौती के आदेश, केवल ३९ दिन की अनुमति
कश्मीर में हिन्दू हित दमन अनवरत जारी है | अब यूपीए की केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने अमरनाथ यात..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)