वॉशिंगटन।। कभी अमेरिका ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को अपने यहां आने के लिए वीजा नहीं दिया था (2002 के गुजरात दंगों के ब..
कोलकाता उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय: बकरीद पर खुलेआम गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध

कोलकाता उच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक निर्णय से देश के करोड़ों
हिन्दुओं की दशकों से लहुलुहान होती आ रही भावनाओं पर मरहम का फाहा
रखा है | न्यायालय ने बकरीद के दिन गली मोहल्लों में खुले आम होने
वाली निर्मम गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध घोषित कर दिया | न्यायालय के
इस वन्दनीय, प्रशंसनीय निर्णय की सराहना करना तो दूर, निकृष्टता की ओर
अग्रसर हमारे देश के 'मेनस्ट्रीम मीडिया' ने उसे प्रकाशित और प्रसारित
करने का अपना नियत कर्त्तव्य भी नहीं निभाया |
कोलकाता उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ जिसमें मुख्य
न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायमूर्ति जे एन पटेल व अशीम कुमार शामिल थे,
उन्होंने यह निर्णय बकरीद के ठीक पहले दिया है | न्यायालय ने
अपने निर्णय में स्पष्ट कहा है कि राज्य अथवा निगम प्रशासन के किसी भी
अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वे गौ-वंश अथवा अन्य पशु-संपदाओं को
ईद-उल-जुहा पर काटने ले जाने की व्यवस्था करें | न्यायालय ने पशु
सम्पदा कि लेन देन और पशु बाजारों के लगाने पर भी कड़ा प्रतिबन्ध लगा
दिया है | दुर्भाग्यवश बंगाल में गौ-हत्या पर वैसे प्रतिबन्ध नहीं है,
इसलिए कसाइघरों में ये हत्याएं अभी भी हो सकेंगी |
पीठ ने इस सम्बन्ध में इसी प्रकार के अन्य विवादों में पूर्व में
सर्वोच्च न्यायालय के १९९४, २००२, २००३, २००४ एवं २०१० में दिए गए
निर्णयों का संज्ञान लेते हुए पश्चिमबंग प्रशासन के प्रमुख सचिव को
स्पष्ट आदेश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि पशुओं के बलिदान एवं
उनके व्यापार, जो कि दोनों ही पश्चिम बंगाल पशु वध नियंत्रण अधिनियम
१९५० द्वारा वर्जित हैं, वे वास्तव में नहीं हो रहे हैं |
न्यायालय के आदेश का आलम्ब मिलते ही राष्ट्रीय गोरक्षा सेना, आर्य वीर
दल, तथा अन्य गोरक्षक संस्थाओं ने सक्रिय होकर अवैधानिक तरीके से
गौ-माता को मारने ले जा रहे दलों को पकड़ा तथा मासूम गायों तथा बछड़ों
को मुक्त कराने के लिए पुलिस को बुलवाया परन्तु पुलिस ने अत्यंत
निकृष्टता और राजनैतिक विवशता का परिचय देते हुए उन्हें कसाइयों के
पास यह कहकर जाने दिया कि उन्हें न्यायालय के आदेश की प्रति नहीं मिली
है |
इस दौरान गोरक्षा सेना के बंधुओं अशोक मोंगिया तथा उपानंद ब्रह्मचारी
आदि पर मुस्लिमों के झुण्ड ने घातक अस्त्र-शास्त्रों के साथ आक्रमण
किया | यद्यपि पुलिस ने उन्हें तो बचाया पर स्वयं ही गाय बछड़ों
को मुस्लिम कसाइयों के सुपुर्द कर के गो रक्षा सेना के प्रयास पर पानी
फेर दिया और निर्दोष गौ-वंश कि हत्या का पाप अपने सर ले लिया | यह
घटना पुलिस प्रशासन द्वारा न्यायालय के आदेश के उल्लंघन का नग्न चित्र
प्रस्तुत करती है | फिर भी संविधान और उसके द्वारा प्रदत्त ढांचे में
अपनी आस्था बनाये रखते हुए गो रक्षा सेना ने कोलकाता पुलिस के सह
आयुक्त जावेद शमीम से पुलिस और रक्षा सेना का संयुक्त दल बना कर
न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखा है |
हिजाब पहन कर भारतीय रेल के एक विज्ञापन में दिखाई देने वाली
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अथवा उनकी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया
नहीं है और न ही कोई कार्यवाही की जा रही है | "एनीमल राइट्स" की बात
करने वाले, धर्मनिरपेक्षता का ध्वज लेकर चलने वाले तथाकथित बुद्दिजीवी
भी इस घटना पर स्थायी मौन का झीना वस्त्र ओढ़ कर अपने नग्न हो चुके
दोहरे मापदंडों को ढकने का असफल प्रयास कर रहे हैं | और इसी सब
के बीच भारतीय संविधान के नीति-निर्देशक तत्वों में गौ-रक्षा की
स्पष्ट संस्तुति के बाद भी लाखों गाय बकरीद के बहाने काटे जाने की
प्रतीक्षा में अंतिम श्वासें गिन रही हैं |
उच्च न्यायालय का आदेश : प्रथम | द्रितीय | तृतीय | चतुर्थ
Share Your View via Facebook
top trend
-
94 पन्नों की एक रिपोर्ट में अमेरिका ने बांधे नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल
-
कमाई डीटीसी की, लाभ निजी कंपनियों को ― दिल्ली परिवहन निगम को करोड़ों का चूना
नई दिल्ली जब योजना किसी और को मुनाफा देने के लिए बने तो घाटा होना लाजमी है? ऐसे ही सौदों की वजह से डीटीसी (दिल्ली परिवहन न..
-
भारत के युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के १५०वें जन्मशती वर्ष का प्रारंभ आज
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। संगीत, साहित्य और दर्शन में स्वामी विवेकानंद को विशेष रुचि..
-
१७ दिसंबर - चिदंबरम के विरुद्ध न्यायालय में डॉ. स्वामी ने दिए साक्ष्य
२ जी स्पेक्ट्रम घोटाले में चिदंबरम की भूमिका के सम्बन्ध में आज भ्रष्टाचार के विरुद्ध धर्मयुद्ध लड़ रहे जनता पार्टी के अध्य..
-
उत्तर प्रदेश में उभरेगा युवा नेतृत्व : डॉ. वेदप्रताप वैदिक
उत्तरप्रदेश के चुनाव का महत्व किसी भी प्रदेश के चुनाव से कई गुना है। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है कि वह सबस..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)