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जमीन के बाद आसमान से आफत, भूकंप के तेज झटकों से हिला देश, 32 मौतें

भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में रविवार शाम आए 6. 9 तीव्रता के
भूकंप से मची तबाही के बाद अब आफत आसमान से बरस रही है। भूकंप से सबसे
ज्यादा प्रभावित सिक्किम में बारिश और भूस्खलन से बचाव के काम में
भारी दिक्कत आ रही है। भूकंप से अकेले सिक्किम में 2 जवानों समेत 19
लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में अब तक 32 की मौत और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। पश्चिम
बंगाल में 6 और बिहार में 7 लोगों की जानें गई हैं। उधर, भूकंप से
नेपाल में 20 और चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में सात लोगों की मौत
हुई है। उधर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख
और गंभीर रूप से घायल लोगों को 1-1 लाख रुपये देने की घोषणा की
है।
गंगटोक पुलिस का हेल्पलाइन नंबरः 03592-202022, 03592-202033,
03592-2022892
पश्चिम बंगाल पुलिस का इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबरः 033-22145486,
033-22143230, 033-22143024
सुबह भूकंप ने तोड़ी महाराष्ट्र की नींद
भूकंप के झटकों का सिलसिला सोमवार सुबह भी जारी रहा। महाराष्ट्र के
लातूर और परभणी जिलों में सोमवार सुबह भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर
इसकी तीव्रता 3.9 मापी गई। मौसम विभाग ने बताया कि उस्मानाबाद और
सोलापुर जिलों के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस
भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। हालांकि लोग डर
गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। मौसम विज्ञान की प्रेस रिलीज
में बताया गया है कि यह भूकंप सुबह छह बजकर 22 मिनट पर आया।
जमीन के बाद अब आसमान से आफत
सिक्किम में भूकंप के बाद बारिश और भूस्खलन से राहत कार्य में भारी
मुश्किल आ रही है। सूत्रों के मुताबिक सिक्किम में 12 जगह भूस्खलन हो
गया है। बचाव कार्य में सेना और आईटीबीपी के 5000 जवानों को लगाया गया
है। इसके अलावा एयरफोर्स के एक विशेष विमान को भी तैयार रखा गया
है।
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से उत्तरी जिला और तीस्ता नदी के किनारे
स्थित रांगपो , दिकचु , सिंगतम और चंगतांग जैसे इलाके में सबसे ज्यादा
नुकसान हुआ है। भूकंप के चलते गंगटोक में और उसके आसपास के इलाके में
कई इमारतें ढह गईं तथा लगभग 85 प्रतिशत भवनों में दरार पड़ गई है।
उत्तरी सिक्किम के अधिकांश इलाकों का देश के बाकी हिस्सों से सड़क
संपर्क टूट गया है। संचार की सभी लाइनें कट गई हैं। चीन बॉर्डर के पास
आईटीबीपी की 2 इमारतें भी गिर गईं। रविवार शाम से बीएसएनएल के सभी
टेलिफोन ठप हैं। इस बीच गंगटोक में सोमवार सुबह बिजली सप्लाई बहाल कर
दी गई। यहां के बाशिंदों ने भूकंप बाद आने वाले हल्के झटके के डर से
सारी रात अपने घरों से बाहर ही गुजारी।
भूकंप से दो बार हिला सिक्किम
30 मिनट के अंतराल पर सिक्किम भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। दूसरी
बार इसकी तीव्रता 4.8 थी। दोनों भूकंप के केंद्र सिक्किम में ही थे।
पूर्वोत्तर में पिछले दो दशक में अब तक के सबसे तेज इस भूकंप का
केंद्र गंगटोक से 50 किलोमीटर दूर सिक्किम - नेपाल सीमा पर मंगन और
सेक्योंग में था। भूकंप का केंद्र जमीन से 30 किलोमीटर नीचे था। भूकंप
ने नॉर्थ ईस्ट से लेकर राजस्थान तक को हिला दिया। सिक्कम में ज्यादा
तेज झटके आए। सिक्किम में शाम 6 बजकर 41 मिनट पर दोबारा भूकंप के झटके
महसूस किए गए। इस बार तीव्रता कम थी। प्रधानमंत्री में ने सिक्कम के
सीएम से बातकर स्थिति का जायजा लिया।
भूकंप से बिहार में 7 की मौत
बिहार में विभिन्न स्थानों पर 10 सेकंड से अधिक समय तक भूकंप के झटके
महसूस किए गए और इस दौरान दीवार गिरने , अफरातफरी की घटनाओं में
दरभंगा , नालंदा , नवादा और भागलपुर में एक महिला सहित कुल 7 लोगों की
मौत हो गई। नवादा और किशनगंज जिले में भूकंप के झटकों के कारण दीवार
गिरने की विभिन्न घटनाओं में 10 अन्य लोग घायल हो गए।
पश्चिम बंगाल में 6 की मौत
उत्तरी बंगाल के भूकंप प्रभावित इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन से
बचाव कार्य बाधित हो गया। दार्जिलिंग पहाड़ियों के कई इलाकों में
बारिश और भूस्खलन के कारण छह लोग मारे गए और सड़क यातायात बंद हो गया।
राज्य के मुख्य सचिव समर घोष ने कहा कि अभी तक कुल पांच लोगों के मरने
की खबर मिली है। कलिमपोंग में दो लोग , सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी में
एक-एक और दोआर्स के चाय बगान में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है।
सिलीगुड़ी जा रहे राज्य के वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि वह
बचाव अभियान तेज करने और भूकंप से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की
व्यवस्था के लिए वहां उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। कलिमपोंग के विधायक
हरका बहादुर छेत्री ने बताया कि भूकंप से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो
गईं , उनमें दरारें आ गई। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता
बनर्जी स्वयं स्थिति का निरीक्षण कर रही हैं।
नेपाल और चीन भी कांपा
उधर, भूकंप नेपाल और चीन में भी भारी तबाही हुई है। नेपाल में 20
लोगों के मरने की पुष्टि हो गई है। भूकंप से चीन का स्वायत्त प्रांत
तिब्बत भी प्रभावित हुआ है। वहां कम से कम सात लोगों की मौत हो गई ,
जबकि 22 अन्य घायल हो गए। (क्लिक करें, खबर पढ़ें : चीन में किस कदर
मचाई भूकंप ने तबाही)
10 दिन पहले दिल्ली-एनसीआर में भी आया था भूकंप
गौरतलब है कि करीब 10 दिन पहले दिल्ली - एनसीआर में भी भूकंप के तेज
झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र दिल्ली बॉर्डर से सटे सोनीपत में
था। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के सीसमीक मैप के अनुसार , दिल्ली को
हाई रिस्क जोन 4 में रखा गया है।
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