एक बार मैं बैंगलोर से मुम्बई विमान में गया था । विमान की क्षमता 300 यात्रियों की थी । लेकिन विमान में 40 से कम यात्री थे..
महिंद्रा बनाएगी किफायती मकान, 10 लाख रुपये तक के घरों की योजना

महिंद्रा एंड महिंद्रा देश भर में 10 लाख रुपये तक के घरों के साथ किफायती खंड में दस्तक देने की योजना बना रही है। महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स के अध्यक्ष अरुण के नंदा ने बताया कि कंपनी किफायती घरों के विकास पर अध्ययन कर रही है। नंदा ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर रीस्ट्रक्चरिंग एंवायरॉनमेंट एंड मैनेजमेंट (जीआइआरईएम) सम्मेलन में शिरकत करने वार्का पहुंचे थे।
हालांकि, नंदा ने पहली परियोजना शुरू करने की समयसीमा और निवेश राशि का खुलासा नहीं किया। महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स महिंद्रा एंड महिंद्रा की रियल्टी इकाई है। कंपनी फिलहाल मझोली और ऊंची कीमतों वाले घरों के खंड में काम कर रही है। इस समय महिंद्रा लाइफस्पेस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ ही चेन्नई, मुंबई और पुणे में अपनी परियोजनाओं पर काम कर रही है। नंदा ने कहा कि अलग-अलग रियल्टी कंपनियों के लिए किफायती घर की परिभाषा अलग है।
महिंद्रा अपनी परिभाषा के मुताबिक बड़े शहरों के लिए 10 लाख रुपये तक के घर बनाएगी। वहीं, टीयर-2 और 3 शहरों में इनकी कीमत पांच-सात रुपये तक होगी। कंपनी की योजना के मुताबिक ये घर 400-450 वर्ग फीट के होंगे। कंपनी प्रति वर्ग फुट निर्माण पर 700-800 रुपये खर्च करने की योजना बना रही है।
नंदा ने कहा कि कंपनी के पास बेहतरीन इंजीनियर हैं, जिनकी मदद से इस लागत पर मकान बनाए जा सकते हैं। रियल्टी उद्योग सबसे शानदार क्षेत्र है। हालांकि, इस क्षेत्र में समय के साथ निर्माण पद्धति को बदलते रहने की जरूरत बनी रहती है। साथ ही कंपनी अपनी परियोजनाओं को शुरू करने के लिए ऐसी जगहों की तलाश कर रही है, जहां से रोजगार परिसर और अवसर नजदीक हों।
उन्होंने कहा कि सरकार को किफायती घर बनाने में निजी कंपनियों की मदद के लिए सस्ती कीमतों पर भूमि अधिग्रहण पर ध्यान देना चाहिए। जीआइआरईएम के अध्यक्ष श्याम सुंदर एस पाणी ने कहा कि किफायती घरों की ज्यादा से ज्यादा परियोजनाएं ही गरीब परिवारों को छत मुहैया कराने में कारगर साबित हो सकती हैं, लेकिन महंगी जमीन, देरी से स्वीकृति और ऊंची निर्माण लागत के चलते कोई भी कंपनी इस क्षेत्र में कदम रखने से हिचकिचाती हैं।
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