आशा भोंसले और तीजन बाई ने दिल्लीवालों की लू उतार दी| ये दोनों देवियाँ 'लिम्का बुक ऑफ रेकार्ड' के कार्यक्रम में द..
मुस्लिम युवाओं की पसंद बन रहा है आरएसएस का मुस्लिम मंच - २७ राज्यों के २०० जिलों में पकड़

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गत माह पश्चिमी यूपी के
मुस्लिम बहुल इलाकों में कई कार्यक्रम चलाए। पश्चिमी यूपी के कई जिलों
मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मेरठ और आगरा में संगठन
अलग-अलग स्ताथों पर मौलानाओं और समुदाय के प्रभावी लोगों से संपर्क
में रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के "मुस्लिम राष्ट्रीय मंच" का कहना
है कि वह मुख्य रूप से मुस्लिम युवाओं को अपने साथ जोड़ रहा है जो देश
से जुड़े राष्ट्रवादी मुद्दों पर सशक्त नज़र रखेंगे।
मंच के संयोजक मोहम्मद अफजल ने दावा किया, 'हम उत्तर प्रदेश और देश के
अन्य भागों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। हमारे साथ बड़ी संख्या में
मुस्लिम युवा वर्ग जुड़ रहा हैं। हम मुस्लिम समुदाय के बुजुर्गों को
समझाना आसान नहीं और संघ को लेकर जो पूर्वाग्रह हैं, उन्हें खत्म करना
मुश्किल है, परन्तु युवा आज की स्तिथि समझता है। आज हमें मिलकर ही
चलना है नहीं तो विदेशी समस्याओं अधिक हावी हो जाएँगी।
Eng : Muslim youth drifting towards RSS' Muslim wing:
Active in 200 Distt
अफजल ने कहा, 'हम मुस्लिम युवाओं के पास जा रहे हैं। नई पीढ़ी
आज की वास्तविकता समझती है और उन्हें हम यह समझाने में कामयाब हो रहें
हैं कि कांग्रेस और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने इतने वर्षों तक
मुस्लिम समुदाय के साथ धोखा किया है। अब लोगों को समझ में
आने लगा है कि संघ और बीजेपी से मुसलमानों के लिए किसी तरह का खतरा
नहीं है।'
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की देश के २७ राज्यों के २०० से अधिक जिलों में
क्षेत्रीय स्तर पर शाखाएं हैं और इनमें मुस्लिम युवाओं की संख्या
हजारों में हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना वर्ष २००२
में संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार की ओर से की गई थी।
संघ से १९५९ से (५२ वर्षों से) जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता
इन्द्रेश कुमार पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से मेकेनिकल
इंजीनियरिंग में सर्वाधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए थे परन्तु १०
वर्ष की आयु से ही संघ से जुड़े होने के कारण उनका राष्ट्र-निर्माण में
ही स्वयं को समर्पित करने का मन था।
उनके प्रयासों का परिणाम तब सामने आया था जब मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने
लगभग १० लाख मुस्लिम लोगों के हस्ताक्षर गौ-हत्या के विरोध में करवा
के दिखलाये। अभी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने जंतर मंतर पर अपने ३ माह
लंबे अभियान का समापन किया था जिसमें १०००० लोग उपस्थित थे।
जंतर मंतर की रैली : जिसे मुख्य मिडिया ने नहीं
कवर किया पढ़ें : आर.एस.एस का असर - कश्मीरी मुस्लिम चाहते हैं हटे ३७०, भारत
में मिले पाक और चीन के कब्जे वाला कश्मीर
Share Your View via Facebook
top trend
-
आशा भोंसले ने दिल्लीवालों की लू उतार दी, क्या दिल्ली में सिर्फ अंग्रेजी बोली जाती है?
-
नरेंद्र मोदी के प्रति बदला मुसलमानों का नजरिया: मौलाना महमूद मदनी
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अब राज्य के मुसलमानों का रुख नरम हो रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौल..
-
भारत के युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के १५०वें जन्मशती वर्ष का प्रारंभ आज
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। संगीत, साहित्य और दर्शन में स्वामी विवेकानंद को विशेष रुचि..
-
मानव सेवा प्रतिष्ठान के बंगाल वनवासीयों में सेवा-प्रकल्प
भारत का पूर्वी भाग आज भी काफी पिछडा हुआ है| शिक्षा, स्वास्थ्य रक्षा की समस्याओं से लेकर आर्थिक शोषण तक कई गंभीर प्रश्..
-
मुसलमानों के साथ नाइंसाफी के लिए संघ जिम्मेदार : राहुल, मुस्लिम संगठनों ने कहा हास्यास्पद
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बयान पर उलमा और मुस्लिम संगठनों ने मिला-जुली प्रतिक्रिया जाहिर की, राहुल गांधी ने ब्यान ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)