अगर किसी की गरीबी तय करने का पैमाना सिर्फ यही है कि वह रोज़ाना कितना खर्च करता है तो हमारे देश में सबसे ज्यादा गरीब तो न..
मुद्रा एक सरल और सह आध्यात्मिक उपाय - सुश्री तनुजा ठाकुर

समाज के 100% व्यक्ति को आज अनिष्ट शक्तियों (सूक्ष्म आसुरी शक्ति) द्वारा कष्ट है, ऐसे कष्ट के उपाय हेतु योग्य प्रकार से साधना की आवश्यकता होती है अन्यथा वर्तमान जन्म ही नहीं अपितु कई जन्म अनिष्ट शक्ति के नियंत्रण में निकल जाता है| अनिष्ट शक्तियों से बचाव हेतु मुद्रा एक सरल और सह आध्यात्मिक उपाय है इसे आप कभी भी और कहीं भी स्वयं के रक्षणार्थ कर सकते हैं इससे आपकी साधना की शक्ति संग्रहीत तो होती ही है हमारे ऊपर कवच भी निर्माण होता है | IBTL
Share Your View via Facebook
top trend
-
यह गरीब नहीं, ढोर होने का पैमाना है : डॉ. वेदप्रताप वैदिक
-
मातृभूमि के लिए समर्पित थे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद
डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। (जन्म- 3 दिसम्बर, 1884, जीरादेयू, बिहार, मृत्यु- 28 फ़रवरी, 1963, स..
-
मोदी विरोध की कांग्रेसी कठपुतलियां, संजीव भट्ट का इतिहास
कठपुतलियां खुद नहीं नाचती हैं। वह तो नचाने वाली उगंलियों की गुलाम होती है। पर्दे के पीछे खड़े व्यक्ति के हाथों के उंगलियों..
-
पीसी के खिलाफ जांच नहीं चाहती सीबीआई, सीबीआई का कहना अधिकार क्षेत्र में नहीं
सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका का विरोध किया है , जिसमें 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में तत्कालीन वित्त मंत्री पी . चिदंबरम की..
-
छत्तीसगढ़: नक्सलियों की रईसी का राज खुला, उद्योगपतियों और ठेकेदारों के गठजोड़
बस्तर में नक्सलियों के साथ उद्योगपतियों और ठेकेदारों के गठजोड़ और जबरिया वसूली के माओवादियों का व्यापक तंत्र पहली बार बेपर..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)