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अन्ना हजारे पर देश को बरगलाने, गुप्त एजेंडा रखने का आरोप, भेजा कानूनी नोटिस
हिसार लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को निशाना बनाने वाली टीम अन्ना कानूनी पचड़े में फंस सकती है। 22 साल के युवा ने टीम अन्ना को नोटिस भेजकर आरोप लगाया है कि इस टीम ने अपने अभियान की दिशा एक पार्टी के खिलाफ मोड़कर भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
दिल्ली के गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में कानून के छात्र विभोर आनंद ने टीम अन्ना को देश को बरगलाने के आरोप में कानूनी नोटिस भेजा है। विभोर के मुताबिक, 'मैंने बेहतर भारत के लिए इस आंदोलन का समर्थन किया था। लेकिन टीम के हालिया बयान साफ करते हैं कि इस टीम का छुपा हुआ एजेंडा है। एक पार्टी का विरोध करने से दूसरी राजनीतिक पार्टियों को फायदा पहुंचेगा।
विभोर एक गैरसरकारी संगठन भी चलाते हैं। उन्होंने टीम अन्ना के सभी सदस्यों को नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई की दिशा मोड़कर एक पार्टी के खिलाफ कर दिया। नोटिस के मुताबिक लाखों लोग अन्ना के आंदोलन से प्रेरित हुए थे। यह पूरी तरह से गैर राजनैतिक आंदोलन था, जो किसी पार्टी विशेष के खिलाफ नहीं था। लेकिन बाद में टीम ने अपना इरादा बदला और सिर्फ एक पार्टी यानी कांग्रेस का विरोध करना शुरू कर दिया। शीतकालीन सत्र का इंतजार किए बगैर टीम के सदस्यों ने चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की अपील कर दी।
नोटिस में गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, हरियाणा के डीजीपी को भी पार्टी बनाते हुए मांग की गई है कि पूरी टीम के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई शुरू की जाए। विभोर ने आरोप लगाया है कि इस तरह की गतिविधियों और बयानों से कानून व्यवस्था का मजाक बनता है और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को अस्थिर होने का खतरा है।
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