पहले तिरंगा लेकर चलने वाले भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को बंदी बना कर उन पर लाठियाँ बरसाने वाले और संसद में विपक्ष..
राहुल की ताजपोशी संभव, अन्ना ने यूपीए को हिलाया - ब्रिटिश मीडिया का आकलन

ब्रिटेन के प्रमुख साप्ताहिक पत्र ‘इकॉनामिस्ट’ ने कहा है कि राहुल गांधी की पीएम के तौर पर ताजपोशी और जल्दी हो सकती है। इसके मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार को हिला कर रख दिया है। ऐसे में अब संभावना है कि कांग्रेस महासचिव को जल्द ही यह पद सौंपा जाए।
अन्ना हजारे के आंदोलन के बारे में ‘इकॉनामिस्ट’ ने यह भी कहा है कि
सोनिया गांधी की बीमारी के कारण सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की
मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस बारे में संदेह बना हुआ है कि सोनिया गांधी
कब तक स्वदेश लौट सकेंगी। ऐसे में संभव है कि राहुल गांधी को शीघ्र ही
बड़ी जिम्मेदारी दे दी जाए।
रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस का मानना है कि अन्ना का आंदोलन
शहरों तक सीमित है। इसमें लोकतांत्रिक प्रणाली की कमजोरियों से
क्षुब्ध छात्र और रोमांटिक लोग शामिल हैं। विदेशी अखबारों में भी
अन्ना-अन्ना केंद्र की यूपीए सरकार को ‘झुकने’ को मजबूर करने वाले
अन्ना हजारे की चर्चा दुनियाभर के मीडिया में है। गिरफ्तारी और अनशन
के लिए चल रही बातचीत को अमेरिकी मीडिया ने महत्वपूर्ण स्थान दिया।
ब्रिटिश मीडिया ने अन्ना को ‘दूसरा महात्मा गांधी’ करार दिया। अमेरिका
के प्रतिष्ठित अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने कहा, ‘महात्मा गांधी के
अनुयायी अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी सामाजिक
आंदोलन का चेहरा बन गए हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के साथ
उनका गतिरोध लगातार कड़वा होता जा रहा है।’ सीएनएन की रिपोर्ट कहती है
कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहरा असंतोष है।
भ्रष्टाचार से ऊब चुके लोगों का सड़कों पर उतरना मतदान की तरह ही भारत
के स्थिर और जीवंत लोकतंत्र का हिस्सा है। न्यूयार्क टाइम्स ने अन्ना
हजारे और पुलिस के बीच अनशन को लेकर हुई सहमति को अपनी वेबसाइट की
पहली खबर बनाया है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ ने लिखा है,
‘भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं की तरह हजारे महात्मा गांधी के
तरीकों को अपनाकर आदर्श नेता बन गए हैं।
ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ की हेडलाइन है, ‘नए गांधी ने भारत को
हिलाया’। खबर हजारे को गांधीवादी का ‘पुनर्जन्म’ बताती है जिसे
स्थानीय मीडिया में व्यापक प्रचार मिल रहा है। पैट्रिक फ्रेंच की लंबी
रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी है कि कहीं लोकपाल सुपरमैन न बन जाए।
रिपोर्ट में परिस्थितियों से निपटने की सरकारी कवायद की निंदा की गई
है। कहा गया है कि सरकार की गलतियों का ही आंदोलन के कर्ता-धर्ताओं को
फायदा मिल रहा है।
समर्थन में उतरे भारतीय-अमेरिकी : गांधीवादी अन्ना हजारे का समर्थन
करते हुए भारतीय अमेरिकियों ने भारत सरकार से देश में भ्रष्टाचार को
रोकने के लिए गंभीर कदम उठाने की अपील की है। पेंसिलवेनिया में योग
गुरु दानोबा केंद्रे ने कहा, ‘हम एनआरआई (प्रवासी भारतीय) भारत में
भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं। हम अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार
मिटाने, लोकपाल विधेयक को पारित करने और कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति
घोषित करने के प्रयासों का समर्थन करते हैं।’ मेरीलैंड विश्वविद्यालय
के छात्र रंगराजन ने कहा कि भारत में हाल में हुए सभी प्रदर्शनों में
यह सबसे अधिक वैधानिक और जमीनी स्तर का प्रदर्शन है, यह देश की तकदीर
को बदल सकता है। एक अन्य छात्र उमंग अग्रवाल ने कहा कि वे सीधे
सुप्रीम कोर्ट को ईमेल करके स्वत: संज्ञान के आधार पर कदम उठाकर देश
को बचाने के लिए कह रहे हैं।
Share Your View via Facebook
top trend
-
फिर सामने आया उमर अब्दुल्ला का देश-धर्म विरोधी रवैया, तीर्थयात्रियों को बंदी बनाएगी सरकार?
-
विधानसभा में अश्लील वीडियों देखना अपराध है तो चैम्बर में अश्लील हरकत महा अपराध है
निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन में अंतर की बहस पुरानी है। जो सार्वजनिक जीवन में हैं, वे अपने अमर्यादित आचरण को निजता के तर्..
-
यूपीए सरकार के कारण दुनिया भर में हिंदुओं की स्थिति चिंताजनक: बाबा रामदेव
..... १० मई को बाबा रामदेव 1857 के शहीदों को श्रधांजलि देने मेरठ पहुंचे फिर एवं उन्होंने यूपीए (कांग्रेस गठब..
-
सलमान रश्दी की भारत यात्रा - 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के ठेकेदारों की पोल खुलेगी
इससे बुरे समय पर शायद ये घटना नहीं घट सकती थी। कल ही भारत ने प्रवासी भारतीय दिवस मनाया और तभी भारतीय मूल के ही एक अंतर्र..
-
नेत्रहीनों का सहायक सेवाभारती का ‘मनोनेत्र’
भारत में करीब देड करोड नेत्रहीन है| योग्य प्रशिक्षण और शिक्षा देने पर ये नेत्रहीन कई काम कर सकते है; यह बात ध्यान में रखकर..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)