बरेली : कांवर में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर रविवार की शाम को दो समुदाय आमने-सामने आ गए। शाहबाद में एक धार्मिक स्थल के पास..
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राहत शिविरों में पहुंचाये गये 20 गांवों के 7500 लोग
0बारिश रूक जाने के बाद भी गंगा के पानी के स्तर में कमी नहीं आई है और यह खतरे के निशान से उपर बह रही है जिसके कारण आज सुबह तक गंगा के किनारे बसे 20 गांवो के 7500 से अधिक लोगो को उनके गांवों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर बने राहत शिविरों में पहुं..
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हरिद्वार : कुष्ठ रोगियों के लिये खुले आत्मनिर्भर जीवन के द्वार
गंगा नदी के किनारे मौत हुई तो मऩुष्य के सारे पाप धुलकर उसे मुक्ति मिलती है, ऐसा पुराण युग से कहा जाता रहा है और इसी विश्वास के कारण मुक्ति की अभिलाषा मन में लिये हजारों लोक हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे बरसों मौत का इन्तजार करते पडे र..
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श्री विवेकानंद आवासम्, भैन्सा
महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की सीमा बर बसे, कपास के विख्यात व्यापार केन्द्र भैन्सा के श्री विवेकानंद आवासम् इस अनाथाश्रम में १८ अनाथ बच्चे रहते है| ये सभी बच्चे होनहार है| कक्षा में अव्वल नंबर बनाए रखने के लिये वे कड़ी मेहनत करते है| सेवाभारती के पू..
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‘वैदेही आश्रम’ : निराश्रित बालिकाओं के संस्कारित भविष्य का केन्द्र
निराश्रितों के जीवन को संसकारित एवं सुरक्षित भविष्य मिलना बहुत कठिन होता है| बालिकाओं के संदर्भ में तो यह समस्या और भी जटिल हो जाती है| ऐसी निराश्रित बालिकाओं के लिए सेवा भारती ने हैदराबाद में वैदेही आश्रम की स्थापना की है|
१९९३ में तीन.. -
खानाबदोश समाज के लिए यमगरवाडी आश्रमशाला
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में, नळदुर्ग के पास पारधीयों के, मरीआई समाज के लोगों की करीब तीस-पैतीस झोपड़ीयों की बस्ती है| हर बस्ती के सामने गंदे पानी से भरा एक गढ्ढा, और उस गढ्ढे में कीचड और गंदगी में सने,लोटते सुअर| पास ही घूमते शिकारी कुत्ते| स..
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इचलकरंजी में सेवा भारती के आरोग्य और शिक्षा प्रकल्प
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में, इचलकरंजी क्षेत्र के पिछड़े वर्ग की सहायता के लिए सेवा भारती, इचलकरंजी ने १९८९ में आरोग्य और शिक्षा प्रकल्प आरंभ किए| ‘नरसेवा ही नारायण सेवा है’ इस..
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जव्हार वनवासी क्षेत्र चौतरफा विकास की ओर
महाराष्ट्र के ठाणे शहर की झोपडपट्टी में लोगों को अच्छे निवासस्थान उपलब्ध करा देने के लिए १९७२ में प्रगति प्रतिष्ठान की स्थापना की गई| यह उद्देश साध्य करने के बाद प्रतिष्ठान ने ठाणे के वनवासी क्षेत्र में काम करना शुरू किया|
महाराष्ट्र ही.. -
निराधार बच्चों का बडा भाई : युथ फॉर सेवा
‘यूथ फॉर सेवा’ ये हिंदू सेवा प्रतिष्ठान की ऐसी निर्मिती है, जिसमे निराधार बच्चो को आधार, सम्मान और स्वावलंबी बनाने का सेवा कार्य होता है और संपन्न समाज की अंतर्मुख होनेवाली युवा पिढी को जीवन मे समाधानी होने का अनुभव भी मिलता है|
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श्री विवेकानंद महारोगी आरोग्य केन्द्रम्, राजमुंद्री
आज भी कई स्थानों पर कुष्ठरोगीयों को समाज से बहिष्कृत किया जाता है| इस स्थिति में यदि परिवार का मुखिया ही कुष्ठरोग से पीड़ित होता है तो वह पूरा परिवार ही इस बहिष्कार का शिकार होता है| ऐसे कुष्ठरोगीयों के उपचार और आवश्यक हो तो, उनके साथ, उनके परिवारो..
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अनाथ महिलाओं का आदर्श परिवार ‘अबलाश्रम’
महिला समाज की रीढ़ है| रीढ़ ही कमजोर होगी तो समाजव्यवस्था का ढ़ांचा ढहने में समय नहीं लगेगा| यही बात ध्यान में रखकर ‘अबलाश्रम’ अनाथ महिलाओं के पुनर्वसन में जुटा है| यह आश्रम, अनाथ महिलाओं के पुनर्वसन और देखभाल का काम जिस आत्मीयता से करता ..
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आदिवासी बेडों में नेत्र ज्योति प्रदान कर रहा है मोहन ठुसे नेत्र अस्पताल
महाराष्ट्र के उत्तर-पश्चिम भाग के पुणे, अहमदनगर और ठाणा जिले में सह्याद्री पर्वत की दुर्गम पहाडियों में बसे करीब ३० लाख आदिवासियों के आँखों के आरोग्य की देखभाल करने का महत्त्वपूर्ण कार्य डॉ. मोहन डोळे मेडिकल फाऊंडेशन द्वारा संचालित यमोह..
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मेघालय में सेवा भारती की आरोग्य रक्षक योजना
मेघालय मे दूर दूर पर्वतों मे बसे गॉंव, घनी बारीश, भयंकर ठंड, आनेजाने के लिए रास्ता नही, कोई सुविधा नही, और इतनी बडी संख्या मे लोग यहॉं रहते है| लेकिन डॉक्टर की संख्या बहोत ही कम होने से यहॉं के सभी लोगो के बिमारी का इलाज नही हो पाता था| थोडे बहोत ..
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मुंशीराम कॉलोनी का बस्ती विकास केंद्र
दिल्ली विश्वविद्यालय के समीप का बहुत पुराना और प्रसिद्ध चौक है - किंग्स्वे कॅम्प| चौक के बाई ओर विजयनगर तो दाहिनी ओर निरंकारी कॉलनी की ओर से जानेवाला कच्चा रास्ता छाटी-छोटी गलियों से गुजरता है| यहीं इलाका है - मुंशी राम कॉलनी| यह भाग छात्रसाल..
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धनवंतरी वैद्यकीय सहायता केन्द्र, भैन्सा
आज भी भारत में ऐसे कई स्थान और बस्तियॉं है जहॉं डॉक्टर नहीं है, और कहीं है भी तो वहॉं का खर्चा उन क्षेत्रों के गरीब लोगों की पहुँच से बाहर होता है| ऐसे कई स्थानों पर सेवाभारती पिछले १० वर्षों से ‘धनवंतरी’ नाम से नि:शुल्क वैद्यकीय केन्द..
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डॉ. पटवर्धन स्मृति रुग्णालय, पनवेल
आज महंगाई के समय में सामान्य लोगों को भी, अत्याधिक शुल्क के कारण आधुनिक आरोग्य सुविधाओं का लाभ लेना असंभव सा हुआ है| इस स्थिति में महाराष्ट्र में रायगड जिले के पनवेल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जनकल्याण समिति ने डॉ. पटवर्धन स्मृति रुग्णालय में ..
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रमजान के पहले दिन दंगा, उपद्रव-फायरिंग में एक मरा : कांवरियों पर हमला
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शहीद भगत सिंह की स्मृति में सिक्का जारी करेगा रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह की स्मृति में 5 रुपये का सिक्का जारी करेगा।
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कुशवाहा कांड के आईने में भाजपा और कांग्रेस : मापदंडों के मायने
२०१२ चाल-चेहरा-चरित्र में सबसे अलग होने और ‘पार्टी विद् अ डिफ़रेंस’ का दम भरने वाली भाजपा के लिए संकटों से शु..
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कालेधन के विषय पर पीछे हटने के लिए मिला था बड़ा ऑफर : बाबा रामदेव
योगगुरु बाबा रामदेव ने नेटवर्क 18 के सहयोगी चैनल लोकमत के संपादक निखिल वागले को बताया की सरकार ने उन्हें काले धन के खिलाफ ..
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चिदम्बरम का अदभुत गणित ज्ञान, देश के अमूल्य संसाधनों को लगाया चूना
2007 में जब वोडाफ़ोन ने हच का अधिग्रहण हेतु आवेदन किया तो चिदम्बरम ने उसे उस समय के बाजार भाव के अनुसार 60,000 करोड़ के FD..
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सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
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वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
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आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
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अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
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सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
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नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
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न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
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पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
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वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
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जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
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मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
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भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
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२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
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वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
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चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
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समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
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