नई दिल्ली | चिदंबरम के मामले पर निचली अदालत के फैसले से निराश न होते हुए डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि आज नहीं तो कल ग..
‘यूथ फॉर सेवा’ ये हिंदू सेवा प्रतिष्ठान की ऐसी निर्मिती है, जिसमे निराधार बच्चो को आधार, सम्मान और स्वावलंबी बनाने का सेवा कार्य होता है और संपन्न समाज की अंतर्मुख होनेवाली युवा पिढी को जीवन मे समाधानी होने का अनुभव भी मिलता है|
बडे महानगरो में देखा जाता है, कि करीअर की दृष्टि से अच्छी डिग्री तथा आयटी, बीटी, बीपीओ आदि क्षेत्र में भारी वेतनवाली नौकरी पाना संपन्न समाज की युवा पिढी के लिए कोई आम बात है| किंतु जीवन की भयंकर गति एवं परिवार व समाज से बिलकुल कट जाना, इस से यह युवा त्रस्त होता है| युवा होने के कारण यह संवेदनशील होते है, और आसपास के समाज के बारे मे चिंता भी करते है| लेकीन इन्हे सेवा कार्य मे सहभागी होने की व्यवस्था नही मिलती| उन के मन को समझ कर, उन की भाषा में बोलकर उन्हे सेवा का आनंद देनेवाली व्यवस्था का निर्माण हिंदू सेवा प्रतिष्ठान के कुछ कार्यकर्ताओं ने किया जिस का नाम है ‘यूथ फॉर सेवा’!
महाविद्यालयों के छात्र जिन में इंजिनीयरिंग, आर्ट्स, कॉमर्स के साथ आयआयएम् जैसा प्रतिष्ठित मॅनेजमेंट संस्थान भी शामिल है- ऐसे छात्र बडी संख्या में यूथ फॉर सेवा के कार्यक्रम में सहभागिता देते है|
बेंगलुरु महानगर के बीस से अधिक सेवा प्रकल्पों से यूथ फॉर सेवा जुडा हुआ है| सडकपर पाए जानेवाले बच्चों का घर बननेवाला ‘नेल्ले’ प्रकल्प, सरकारी आवासी विद्यालय, अपंग तथा मतिमंद बच्चों के विद्यालय, संस्कार केंद्र, कैन्सरग्रस्त बच्चों का रुग्णालय, ऐसे विभिन्न प्रकल्पों में यूथ फॉर सेवा के युवक लगे हुऐ है| हप्ते में दो घंटे से लेकर महाविद्यालय की पूरी डेढ महिने की छुट्टी तक पूरा समय सेवा में देनेवाले युवक इस कार्यक्रम में सम्मीलित है|टाइम्स ऑफ इंडिया के ‘टीच इंडिया’ अभियान में यूथ फॉर सेवा सब से बडा साझेदार था, और टाइम्स के अभियान में दो हजार से अधिक युवक यूथ फॉर सेवा के काम में जुड गये|
इन में कालेज छात्रों के अलावा विभिन्न व्यावसायिक, गृहिणी, अध्यापक ऐसे सभी तरह के लोग है| बेंगलुरू के सात विभागों में यूथ फॉर सेवा के झोनल को-ऑर्डिनेटर है| इन में से कुछ छात्र है, तो कुछ आयटी या अन्य उद्योगों में नोकरी करनेवाले युवा है| हर महिने युवा कार्यकर्ताओं का एक दिन का प्रशिक्षण चलता है| जिस में बच्चों के साथ कैसे खेलना, गाना चाहिए -इस से लेकर-सेवा का जनजागरण व आह्वान के विषय होते है| यूथ फॉर सेवा के कार्यकर्ता स्वयं प्रेरणा से नुक्कड नाटक, प्रतियोगिताएँ, मेले, सहल जैसे कार्यक्रम, बस्ती के बच्चों के लिए करते हैं|
पुणे स्थित सेवा सहयोग व सेवा इंटरनैशनल ने मिलकर ‘युवा फॉर सेवा इंटरनैशनल’ का प्रयोग पिछले दो वर्षों से शुरू किया है| इस प्रयोग मे अमेरिका एवं ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के दस छात्र दो महिने के लिए महाराष्ट्र व कर्नाटक के विभिन्न सेवा प्रकल्पों में विस्तारक के रूप में रहें| इन सभी युवकों को भारत समझने का यह विशेष अवसर प्राप्त हुआ|
संपर्क :
युथ फॉर सेवा, बेंगलुरु
८/२८ बुल टेम्पल रोड
बेंगलुरु (कर्नाटक, भारत)
पिन ५६० ००४
मोबाईल : +९१ ९९००२२७३८२
ई-मेल : [email protected]
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