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महाराष्ट्र के ठाणे शहर की झोपडपट्टी में लोगों को अच्छे
निवासस्थान उपलब्ध करा देने के लिए १९७२ में प्रगति प्रतिष्ठान की
स्थापना की गई| यह उद्देश साध्य करने के बाद प्रतिष्ठान ने ठाणे के
वनवासी क्षेत्र में काम करना शुरू किया|
महाराष्ट्र ही नहीं भारत में प्रगति का प्रतीक बने मुंबई से ही सटे,
ठाणे जिले में आज भी बहुत बड़ा वनवासी क्षेत्र, विकास से कोसो दूर है|
ठाणे जिले की जव्हार तहसील ऐसी ही पिछडी है| इस तहसील के करीब १.५ लाख
एकड क्षेत्र पर वनवासी और पिछड़ी जाति के लोगों की बस्तीयॉं बसी हैं|
इन छोटी - छोटी बस्तीयों को ‘पाडा’ कहते है| यहॉं ऐसे २७२ पाडे है| इन
पाडों में रहनेवाले ९० प्रतिशत लोग वनवासी और पिछड़ी जातियों के हैं और
उनमें से ८० प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं| अनेक गॉंवो में
यातायात के लिए पक्की सड़कें नहीं है| बारिश में तो कई गॉंवो में कोई
भी वाहन नहीं जा सकता|
विकास की मूलभूत सुविधाओं के अभाव का शाप भोग रहे इस क्षेत्र के लोगों
के विकास के लिए प्रगति प्रतिष्ठान, ठाणे ने शिक्षा, आरोग्य, कृषि,
रोजगार के क्षेत्र में अनेक योजनाएँ आरंभ की है| यहॉं अस्वच्छता के
कारण मच्छर और दूषित पानी एक बड़ी समस्या थी| इसलिए गॉंव सफाई के साथ
आरोग्य जागृति अभियान भी आरंभ किया गया|
दूर दूर फैले पाडे इस अभियान में बड़ी समस्या थे| अधिकतर क्षेत्रों में
लोगों को आरोग्य सेवा के लिए चार से पॉंच किलोमीटर दूर - आरोग्य
केन्द्र में आना पड़ता था| प्रगति प्रतिष्ठान ने लोगों को घर पहुँच
आरोग्य सेवा देने का निर्णय लिया| प्रतिष्ठान के डॉक्टर सप्ताह में एक
बार पाडों को भेट देकर रुग्णों का उपचार करते है| साथ ही गर्भवती
महिलाओं, एवं बच्चों को दुग्धपान करानेवाली माताओं को पौष्टिक आहार
देते है| प्रतिमाह नेत्र जॉंच शिबिर आयोजित किए जाते है| रुग्णों के
आँखों की नि:शुल्क शल्यक्रिया कराने के लिए कुछ रुग्णालयों से अनुबंध
किए गए है|
पालना घर
यहॉं बहुंसख्य लोग दिनभर खेतों में काम करते है| इन लोगों के घरों में
बच्चों की देखभाल यह एक बड़ी समस्या होती है| प्रगति प्रतिष्ठान ने कई
पाडों में, कुछ महिलाओं की सहायता से इन बच्चों के लिए पालना घर शुरू
किए है| यहॉं बच्चों की देखभाल के साथ कुपोषित बालकों को पौष्टिक आहार
भी दिया जाता है| इन पालना घरों में बच्चों के व्यक्तित्व विकास के भी
उपक्रम चलाए जाते है|
वसतीगृह
मोखडा गॉंव में विद्यार्थिंयों के लिए वसतीगृह की व्यवस्था की गई है|
यहॉं के विद्यार्थी निकटवर्ती पाडों की शालाओं में पढ़ते है|
रोजगार प्रकल्प
प्रगति प्रतिष्ठान द्वारा मूक-बधिर बच्चों के लिए ‘वारली कला’ केन्द्र
चलाए जाते हैं| यहॉं बच्चों को वारली कला (वारली पेंटिंग) का
प्रशिक्षण भी दिया जाता है|
प्रतिष्ठान ने यहॉं का काजू उद्योग विकसित करने का काम भी आरंभ किया
है| काजू की खेती के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है| साथ ही
काजू प्रक्रिया के लिए लोगों को मशीन भी दी जाती है|
नर्सिंग, सिलाई, कुक्कुट पालन, बढ़ई काम, मोटर ड्रायव्हिंग, डिप्लोमा
इन बेसिक रूरल टेक्नालॉजी आदि के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई
है|
अपारंपरिक ऊर्जा
जव्हार तहसील के बहुत कम क्षेत्र में बिजली की सुविधा उपलब्ध है| जहॉं
बिजली है वहॉं लोडशेडिंग की समस्या है| इंधन के लिए लोग अधिकतर लकड़ी
का उपयोग करते है| इसके कारण जंगल कटाई की समस्या निर्माण होती
है|
प्रगति प्रतिष्ठान ने कई पाडो में लोगों को सौर ऊर्जा के दिये दिए और
बायोगॅस प्रकल्प शुरू करने के लिए अभियान चलाया| इसके लिए तकनिकी
सहायता के साथ आर्थिक सहायता भी दी गई|
एक पाडे में जनरेटर से बिजली की पूर्ति की जाती है| यह जनरेटर जट्रोफा
के बीज के तेल से चलता है| यहॉं जट्रोफा की खेती बड़ी मात्रा में होने
के कारण जनरेटर के लिए इंधन आसानी से और कम किमत में उपलब्ध होता
है|
संपर्क :
१. श्री अनिल डिंगोरे
टेंडूलकर स्मृति, पेट्रोल पंप के सामने
जव्हार, जिला : ठाणे
दूरभाष : ०२५२० : २२२४५४
फॅक्स : ०२५२० : २२३१४०
ई-मेल : [email protected]
२. श्रीमती सुनंदा पटवर्धन
जीवनछाया, राम मारुति रोड
नौपाडा, ठाणे (पश्चिम) ४०० ६०२
दूरभाष : ०२२ - २५३८९८००
मोबाईल : ९४२३० २७९३१
ई-मेल : [email protected]
३. श्री आर. सी. अग्रवाल
फ्लॅट नं. ५०३ ए, ब्रॉडवे कोऑपरेटिव्ह हाऊसिंग सोसायटी
हिरानंदानी इस्टेट, जी. बी. रोड
ठाणे (पश्चिम) ४०० ६०४
दूरभाष : ०२२ - २५८६१४१२
मोबाईल : ०९७०२१ ७२२०९
ई-मेल : [email protected]
कैसे पहुँचे जव्हार :
सडक मार्ग : मुंबई से सटे ठाणे शहर से जव्हार ९८.८ कि.मी. दूर है|
वहीं नाशिक से जव्हार की दूरी ७६ कि.मी. है|
हवाई मार्ग : जव्हार से समीपतम हवाई अड्डा नाशिक का है| मुंबई का
आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा १२४ कि.मी. है| वहॉं से हम टॅक्सी से जव्हार
आ सकते है|
रेल मार्ग : हावडा-मुंबई प्रमुख रेल मार्ग पर ठाणे, नाशिक
महत्त्वपूर्ण रेलस्टेशन है| भारत के सभी प्रमुख स्थानों से ठाणे और
नाशिक रेल मार्ग से जुडा है|
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