...... जो बच्चें सॉफ्टड्रिंक्स का अधिक सेवन करते हैं उनको हृदय रोग होने का खतरा कहीं ज्यादा होता है, एक नए शोध में यह बा..
बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी ने अन्ना को दिया समर्थन
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और विश्व विख्यात हनुमानगढी
मंदिर के महन्त ज्ञान दास के बाद अब बाबरी मस्जिद के मुद्दई और करीब
78 वर्षीय बुजुर्ग मोहम्मद हाशिम अंसारी ने भी अन्ना हजारे के आन्दोलन
को समर्थन देने की घोषणा की है।
अंसारी ने बताया कि हजारे ने एक बडी मुहिम शुरू की है इससे देश का
भविष्य जुड़ा हुआ है। हर वर्ग को इसमें सहयोग देना चाहिए। उनकी तबियत
ठीक नहीं चल रही है बावजूद इसके वह दिल्ली जाने का कार्यक्रम बना रहे
हैं। वहां वह रामलीला मैदान जाकर हजारे को समर्थन देंगे।
उन्होंने कहा कि देश की तरक्की में भ्रष्टाचार एक बहुत बडी बाधा है।
नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार व्याप्त है। देशहित में इसे समाप्त किया
जाना बहुत जरूरी है। उनका कहना था कि यदि भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हुआ
तो आने वाली पीढी हमें माफ नहीं करेगी।
इसलिए हर देशवासी का कर्तव्य है कि श्री हजारे की मुहिम को सफल
बनायें।गौरतलब है कि ज्ञान दास के साथ ही अयोध्या के कई साधु संतों ने
हजारे के आन्दोलन को अपना समर्थन दे रखा है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
सॉफ्टड्रिंक्स से बच्चों को होता है हृदयरोग व रक्तचाप ?
-
मेघालय में सेवा भारती की आरोग्य रक्षक योजना
मेघालय मे दूर दूर पर्वतों मे बसे गॉंव, घनी बारीश, भयंकर ठंड, आनेजाने के लिए रास्ता नही, कोई सुविधा नही, और इतनी बडी संख्या..
-
गृह मंत्री पद के दुरूपयोग का नया मामला, चिदंबरम पर नई मुसीबत
२ जी घोटाले में आरोपी बनाने की दहलीज पर खड़े गृह मंत्री चिदंबरम पर अब अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा है | समूचा विपक्ष तो ..
-
दिल्ली में लगभग दो लाख रूपए की लागत से बना टॉयलेट अचानक गायब, थाने में रपट दर्ज
सूचना के अधिकार से अभी-अभी मालूम पड़ा है कि दिल्ली के एक गांव में लगभग दो लाख रूपए की लागत से जो टॉयलेट बना था, वह अचानक ग..
-
नंगे सच को धर्मनिरपेक्षता के कपड़े पहनाने का प्रयास
मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के सच को सामने लाने पर एक समूह विशेष द्वारा आजतक को जमकर निशाना बनाया जा रहा है। इस स्टिंग ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)