भारत में छपने वाले कई उर्दू समाचार पत्रों ने अन्ना हज़ारे के
अनशन वापस लेने को उनकी घटती लोकप्रियता से जोड़ा है.
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शरियत रैली पर हाई-कोर्ट की रोक, शरिया 4 हिन्द पर लग सकता है प्रतिबन्ध

दिनांक २२-फरवरी-२०१२ दिल्ली उच्च न्यायालय ने भगत सिंह क्रांति सेना द्वारा डाली गयी याचिका पर
सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिए हैं कि याचिका के
अनुसार इन सभी तथ्यों की जांच की जाए एवं सत्यता प्रमाणित होने पर ऐसी
वेबसाइट को बंद किया जाये।
भगत सिंह क्रान्ति सेना के अधिवक्ता (एडवोकेट) श्री विकास पडोरा ने
बताया है कि, हाई-कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस संगठन की जांच का आदेश
दिया एवं कहा कि इस संस्था द्वारा किसी भी प्रकार का कार्यक्रम या
रैली अनुमति होने पर भी न होने दिया जाए।
ज्ञातव्य है कि भगत सिंह क्रांति सेना ने शरिया फॉर हिंद नामक संस्था
की ०२-०३ मार्च को निकाली जाने वाली रैली / प्रेस कांफेरेंस / सभाओं
को स्थगित (इस्लामिक जेहाद के विरोध में भगत सिंह क्रांति सेना
की जनहित याचिका) किया जाए, शेख अन्जेम चौधरी एवं अन्य सभी
सम्बंधित संथाओं को रोका जाए और इस संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं एवं
सदस्यों के विरुद्ध वारंट जारी किया जाए।
अगली सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में २९ फरवरी को है, जिसमे दिल्ली
पुलिस अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेगी, संस्था एवं संस्था
से जुड़े लोगों को भारत में प्रतिबंधित किया जाए या नहीं इस पर निर्णय
लेगी।
आई.बी.टी.एल पाठकों को ज्ञात है कि इस समाचार को सर्वप्रथम आई.बी.टी.एल ने हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषा में जन-जन तक
पहुँचाया था, किसी अन्य समाचार पत्र एवं मिडिया हाउस ने इस समाचार को
जनता तक पहुंचाने का कोई ठोस कदम तक नहीं उठाया ! इस प्रकार किसी
वाह्य तंत्र का वेबसाइट के माध्यम से देश के विरुद्ध बोलना; राष्ट्र
की व्यवस्था एवं शासन तंत्र पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, यह घटना
शर्मसार कर देने वाली है, मिडिया का अपने दायित्व से पीछे हटना, सरकार
एवं सुरक्षा संस्थाओं का यह रवैया राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक बड़ी
चेतावनी है।
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