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इस्लामिक जेहाद के विरोध में भगत सिंह क्रांति सेना की जनहित याचिका

भगत सिंह क्रांति सेना ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए यह अपील की
है, कि शरिया फॉर हिंद वेबसाइट एवं इस संस्था पर भारत में प्रतिबन्ध
लगाया जाए, जिसकी सुनवाई कल ०९:३० बजे दिल्ली उच्च न्यायालय में
है।
भगत सिंह क्रांति सेना ने शरिया फॉर हिंद नामक
संस्था की ०२-०३ मार्च को निकाली जाने वाली रैली / प्रेस कांफेरेंस /
सभाओं को स्थगित किया जाए, शेख अन्जेम चौधरी एवं अन्य सभी सम्बंधित
संथाओं को रोका जाए और इस संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों के
विरुद्ध वारंट जारी किया जाए।
गौरतलब है की भारत में शरियत लगाने का आह्वान करती यह वेबसाइट
इन्टरनेट पर अस्तित्व में आई है। www.shariah4hind.com नाम की इस
वेबसाइट का लक्ष्य भारत में इस्लामिक साम्राज्य एवं शरियत का क़ानून
लागू करना है। वेबसाइट अमेरिका के अटलांटा से चलायी जा रही है और
वेबसाइट पर संपर्क के लिए ब्रिटेन में प्रतिबंधित शरियत अदालत के
प्रबंधक शेख अन्जेम चौधरी का नाम है।
वेबसाइट कहती है कि कुरान के अनुसार गैर-मुस्लिम मुस्लिमों पर शासन
नहीं कर सकते और इस्लाम सेकुलरिस्म की आज्ञा नहीं देता। भारतीय
उपमहाद्वीप को उसके "गौरवशाली इस्लामिक शासन" के
दिनों तक लौटाने के लिए शरियत लगाना आवश्यक है। साईट कहती है कि
इस्लामिक कानून १४०० साल पुराने हैं और भारतीय संविधान उनके सामने
शर्मिंदा होने लायक है। साईट पर उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावों के
बहिष्कार का भी आह्वान है।
"चुनाव का बहिष्कार करो, शरियत लगाओ" का नारा दिया गया है। इसके अलावा
भारत के राजनैतिक दलों के विरुद्ध फतवा भी जारी किया गया है और भारत
के संविधान को उखाड़ फेंकने के लिए ३ मार्च २०१२ को इस्लामिक उम्माह
को इकठ्ठा होने को कहा गया है।
ज्ञात हो कि भारत में पहले से ही मुस्लिमों को विशेष अधिकार प्राप्त
हैं और उनके अपने नागरिक क़ानून हैं जिसके अंतर्गत उन्हें कुरान सम्मत
४ शादियाँ करने, उसी तरह तलाक़ लेने आदि की सुविधाएं प्राप्त हैं
परन्तु ये साईट हिन्दुओं एवं अन्य नागरिकों पर भी शरियत लगाने की बात
करती है | साईट पर एक पेज पर सभी मूर्तियाँ तोड़ने का भी आह्वान हैं
क्योंकि वह गैर-इस्लामिक है |
आई.बी.टी.एल पाठकों को ज्ञात है कि इस समाचार को सर्वप्रथम आई.बी.टी.एल ने
हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषा में जन-जन तक
पहुँचाया था, किसी अन्य समाचार पत्र एवं मिडिया हाउस ने इस समाचार को
जनता तक पहुंचाने का कोई ठोस कदम तक नहीं उठाया ! इस प्रकार किसी
वाह्य तंत्र का वेबसाइट के माध्यम से देश के विरुद्ध बोलना; राष्ट्र
की व्यवस्था एवं शासन तंत्र पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, यह घटना
शर्मसार कर देने वाली है, मिडिया का अपने दायित्व से पीछे हटना, सरकार
एवं सुरक्षा संस्थाओं का यह रवैया राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक बड़ी
चेतावनी है।
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