पहले तिरंगा लेकर चलने वाले भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को बंदी बना कर उन पर लाठियाँ बरसाने वाले और संसद में विपक्ष..
कुरान पाठन में मिला पहला स्थान, पुरस्कार दिया गया एके-47

नैरोबी। अगर हमारे देश में बच्चों की प्रतियोगिता हो तो उन्हें क्या इनाम दिया जा सकता है? खिलौने, लंचबाक्स या और प्रोत्साहित करने वाले इनाम। लेकिन सोमालिया में ऐसा नहीं है। वहां हुए एक प्रतियोगिता में पहले स्थान पर आने वाले बच्चे को एके-47 दिया गया।
इस्लामिक गुट अल-शबाब के नियंत्रण वाले रेडियो स्टेशन पर कुरान-पाठन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में पहला और दूसरे पोजिशन पर आने वाले को एके-47 से नवाजा गया साथ ही कुछ धन और इस्लामिक किताबें दी गईं। जबकि तीसरे स्थान पर आने वाले को ग्रेनेड दिया गया।
ये प्रतियोगिता अगस्त में रमजान के दौरान अल कायदा से जुड़े अल शबाब ने करवाई थी।
अल शबाब के वरिष्ठ अधिकारी मुख्तार रोबो ने कहा कि “बच्चों को एक हाथ का इस्तेमाल शिक्षा हासिल करने के लिए करना चाहिए और दूसरे हाथ में हथियार होना चाहिए ताकि इस्लाम को बचा सकें।”
पिछली बार प्रतियोगिता में पहले नंबर पर आने वाले को ‘रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर’ दिया गया था।
गौरतलब है कि इस समय सोमालिया भंयकर सूखे की चपेट में के कारण अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में है लेकिन अल शबाब सहायता पहुँचाने की अंतर्राष्ट्रीय कोशिशों को बाधित कर रहा है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
फिर सामने आया उमर अब्दुल्ला का देश-धर्म विरोधी रवैया, तीर्थयात्रियों को बंदी बनाएगी सरकार?
-
राहुल गाँधी जितनी फंडिंग नहीं कर रहे हैं वरुण गाँधी, मीडिया से दूर
यह तो सभी जानते हैं कि वरुण गांधी तब से चक्कर काट रहे हैं जब राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में कोई अभियान शुरू नहीं किया थ..
-
हिंदी साहित्य में वीर महाराणा प्रताप
प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप के विषय में बहुत कुछ लिखा जा चुका है, बहुत कुछ लिखा जा रहा है। हिन्दी साहित्&zwj..
-
जनता तय कर रही है देश का राजनीतिक एजेंडा
नई दिल्ली राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा को म..
-
गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति में राज्यपाल की नीयत पर सवाल
राज्यपाल का पद एक बार फिर विवादों में है। इस बार गुजरात की राज्यपाल की नीयत पर उंगली उठाई जा रही है। घटना की पृष्ठभूमि में..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)