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क्या सचमुच कांग्रेस करवाती है मीडिया का मुँह बंद ?

वह बात जो एक सीधा सादा देशवासी कई बार अनुभव करता है और जो
विश्लेषण क्षमता और राजनैतिक मामलों की समझ रखने वाले दावे के साथ कहा
कहते भी हैं पर जिसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है, एक बार फिर उछल के
सामने आई है |
देश के एक अंग्रेजी दैनिक डेक्केन हेराल्ड ने इस आशय का समाचार
प्रकाशित किया है जो ऐसा इंगित करता है कि वाकई कांग्रेस मीडिया
घरानों को पैसे से प्रभावित करती है | समाचार अहमद पटेल (सोनिया गाँधी
के राजनैतिक सलाहकार, और पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता की
माने तो विदेशी बैंकों में धन की जो सूची आई थी, उनमें इनका नाम शामिल
था) और सनसनी फैलाने वाले समाचार छापने और स्टिंग करने से चर्चा में
आये तहलका के तरुण तेजपाल की बहन के बीच हुई बातचीत पर प्रकाश डालता
है |
पत्र के अनुसार अहमद पटेल द्वारा कई बार फोन किये जाने पर तहलका के
तरुण तेजपाल की बहन नीना तेजपाल गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामत से
मिलने आई | ये भेंट तहलका के ४-६ नवंबर के बीच हुए "थिंक २०११" -
कार्यक्रम से कुछ सप्ताह पहले हुई | उस भेंट मेंगोवा के प्रमुख सचिव
संजय श्रीवास्तव, पूर्व पर्यटन सचिव डी सी साहू, वित्त सचिव
कुमारस्वामी और पर्यटन निदेशक स्वप्निल नाईक शामिल थे |
नीना तेजपाल सौदेबाजी का मन बना के आई हुई महसूस हो रही थी और
उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के साथ भी अहंकार पूर्वक बात की | नीना
ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट पूछा कि तरुण होते तो डेढ़ करोड में मानते,
आप कितने देने को तैयार हो | नीना के ऐसे सीधे सीधे पूछ लेने पर
मुख्यमंत्री थोड़े विचलित हुए पर उन्होंने बोला कि उन्हें देखना होगा
कि किस विभाग से तहलका के कार्यक्रम के नाम पर पैसा दिया जा सकता
है और फिर प्रमुख सचिव ने ५० लाख में बात तय की |
मुख्यमंत्री कामत, जो गोवा के अवैध खनन मामले में फंसे हुए हैं, उन पर
विश्वास करें तो नीना तेजपाल उन्हें उसी कार्यक्रम के सन्दर्भ में
मिलने आई थी | कामत से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस की तहलका से कोई
"डील" हुई है ताकि तहलका गोवा में हो रहे अवैध खनन का भंडाफोड न करे,
तो उन्होंने अपेक्षित रूप से इनकार किया |
ज्ञातव्य है कि तहलका पर इससे पूर्व में थिएटर से जुड़े रहे हर्त्मन
डिसूजा ने भी गोवा में हो रहे खनन से सम्बंधित एक रिपोर्ट को दबा देने
का आरोप लगाया था | डिसूजा के अनुसार तहलका के पूर्व संवाददाता रमण
किरपाल ने थिंक फेस्ट में यह डील की थी | हालांकि तहलका ने तरुण
तेजपाल के माध्यम से इन आरोपों का खंडन किया है | परन्तु एक सरकारी
स्रोत ने कहा कि नीना तेजपाल से हुई भेंट के बाद सचिवालय में यह चर्चा
जोर-शोर से थी कि मुख्यमंत्री तहलका को ५० लाख देने पर सहमत हो गए
क्योंकि तहलका के पास कोई "धमाकेदार तथ्य" उपलब्ध थे |
कहते हैं समझदार को इशारा काफी होता है | नीरा राडिया के टेप वैसे भी
लोकप्रिय मीडिया घरानों की कलंक कथा का उच्च स्वर में गान कर चुके हैं
और अब इस आशय का समाचार आने के बाद तो ऐसी संभावना से इनकार करना समझ
से परे है | भारत की जनता पर एक बड़ा उत्तरदायित्व आ गया है कि वह
लोकतंत्र के इन स्तंभों के बीच हो रही भ्रष्टाचार पोषक कलुषित
सांठ गाँठ पर अपनी दृष्टि रखे और नीर क्षीर विवेक का प्रदर्शन करते
हुए, सच को झूठ से अलग पहचाने और उसी के अनुसार भारत के भाग्य का
निर्धारण करे |
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