दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने मुसलमानों से कहा है कि वे अन्ना के आंदोलन से दूर रहें। उनका कहना ..
16 Oct 2011, 0826 hrs IST || नई दिल्ली ।। अन्ना हजारे और उनकी
टीम के अहम सदस्यों के बीच मतभेदों की खाई गहरी होती दिख रही है। मौन
व्रत पर जाने से ठीक पहले अन्ना ने जहां यह साफ संकेत दे दिया कश्मीर
पर प्रशांत भूषण के बयान को वह अब भी पचा नहीं पा रहे और भूषण को टीम
में बनाए रखने का फैसला अभी तक नहीं हुआ है। उन्होंने एक अन्य अहम
सदस्य केजरीवाल के उस बयान पर भी नाराजगी जताई जिसमें अन्ना को संसद
से ऊपर बताया गया था। अन्ना ने यह भी कह दिया कि अगर कांग्रेस
जनलोकपाल बिल और दूसरे मसलों पर अपने वादे पूरे कर देती है तो वह
कांग्रेस के पक्ष में देश भर में प्रचार कर सकते हैं। हालांकि
उन्होंने दोहराया कि अगर कांग्रेस शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल बिल पास
नहीं करवाती है तो वह कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे।
शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अन्ना ने प्रशांत भूषण के
कश्मीर बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भूषण के उस बयान की वजह
से उनका टीम अन्ना में बने रहना अनिश्चित हो गया है। अन्ना ने कहा, '
मैं हर उस आदमी का विरोधी हूं जो देश को तोड़ने की बात करता है। भूषण
ने जो कहा है उससे मैं बड़ा असहज हो गया हूं। हमारी कोर कमिटी मीटिंग
करके इस मसले पर विचार करेंगी कि उन्हें टीम में रखना है या नहीं।
इसकी बैठक के बाद मैं फैसला करूंगा। '
अन्ना की यह टिप्पणी उनके और केजरीवाल के उन बयानों से आगे जाती है
जिनमें जनमतसंग्रह वाले भूषण के बयान से टीम अन्ना को अलग किया गया
था। केजरीवाल ने अपने बयान में उन रिपोर्टों को गलत करार दिया था
जिनमें अन्ना के हवाले से बताया गया था कि भूषण को कोर कमिटी से बाहर
किया जा सकता है।
गौरतलब है कि टीम अन्ना के एक अन्य सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े ने
हिसार उपचुनाव में कांग्रेस का विरोध करने के फैसले पर एतराज जताते
हुए कहा था कि चूंकि कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल बिल लाने
का वादा किया है इसलिए उससे पहले कांग्रेस के खिलाफ प्रचार शुरू कर
देना ठीक नहीं हुआ और इससे टीम अन्ना की गैर राजनीतिक छवि प्रभावित
हुई है। शनिवार को अन्ना ने जो बातें कहीं, उनसे भी यह साफ होता है कि
वह टीम अन्ना के कांग्रेस विरोधी होने की धारणा खत्म करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ताजा पत्र से उन्हें इस
बात की उम्मीद हुई है कि सरकार शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल बिल पास
करने का वादा निभा सकती है। उन्होंने कहा कि ' अगर जनलोकपाल बिल पर
अपना वादा निभाती है तो मैं कांग्रेस का विरोध क्यों करूंगा ? मैं तो
उसके साथ मिलकर काम करूंगा। '
केजरीवाल के उस बयान पर भी अन्ना ने नाराजगी जाहिर की जिसमें कथित तौर पर अन्ना को संसद से ऊपर बताया गया था। अन्ना ने कहा ,' केजरीवाल ने मुझसे यह बात नहीं कही। लेकिन, अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह गलत है। लोग संसद से ऊपर हैं, अन्ना नहीं। मैं चाहूंगा कि टीम अन्ना के सदस्य हर मुद्दे पर बोलने की प्रवृत्ति से बचें। '
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