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बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय को खण्ड-खण्ड करने पर तुली केन्द्र सरकार
पिछले दिनों विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने एक
वक्तव्य जारी करके बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संदर्भ में कहा कि
केन्द्र सरकार की नीतियां बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की गौरवमयी
परंपराओं और उपलब्धियों को ध्वस्त कर रही हैं। केन्द्रीय मंत्री कपिल
सिब्बल ने इस दुस्साहसी कृत्य में अपने से पहले के सभी मंत्रियों को
पीछे छोड़ दिया है।
विश्वविद्यालय को इतना अनदेखा किया गया है कि छात्र और अध्यापक दोनों
अब मजबूरन बीएचयू-आईटी को आईआईटी में रूपांतरित करने की मांग कर रहे
हैं। विश्वविद्यालय के नाम में 'हिन्दू' शब्द होने के चलते न केवल
इसकी हिन्दू पहचान को ध्वस्त किया जा रहा है, बल्कि इसमें दी जाने
वाली शिक्षा, खासकर तकनोलॉजी की शिक्षा को साजिश के तहत चोट पहुंचाई
जा रही है। मालवीय जी की 150वीं जयंती के मौके पर इसमें सर्व प्रकार
की शिक्षा देने के उनके व्यापक विचार को मिटा देने की कोशिशें चल रही
हैं।
श्री सिंहल ने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का 'समग्र शिक्षा
केन्द्र' का वैभवशाली दर्जा कायम रहना चाहिए। प्रस्तावित आईआईटी पूरी
तरह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रशासन और न्यायक्षेत्र के
अंतर्गत रहनी चाहिए। विस्तृत रिपोर्ट के लिए आगे पढ़ें ... 'आईटी' को 'बीएचयू' से अलग किया: सोनिया सरकार के नये
फरमान
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