खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर 1889 ई. को बंगाल में मिदनापुर ज़िले के हबीबपुर गाँव में त्रैलोक्य नाथ बोस के यहाँ हुआ था। खुद..
इचलकरंजी में सेवा भारती के आरोग्य और शिक्षा प्रकल्प
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी के जन्म
शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में, इचलकरंजी क्षेत्र के पिछड़े वर्ग की
सहायता के लिए सेवा भारती, इचलकरंजी ने १९८९ में आरोग्य और शिक्षा
प्रकल्प आरंभ किए| ‘नरसेवा ही नारायण सेवा है’ इस श्रद्धा से चलाए जा
रहे इस प्रकल्प की सेवाओं का, गत बीस वर्षों से प्रतिवर्ष हजारों लोग
लाभ उठा रहे हैं|
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिलें के इचलकरंजी में, दाताओं से अत्यल्प
मात्रा में दान लेकर यह प्रकल्प चलाया जा रहा है| करीब तीन हजार लोगों
से ‘प्रति दिन एक रुपया’ निधि संकलन यह इस सेवाप्रकल्प की ताकद और
विशेषता है|
इस प्रकल्प के इचलकरंजी और समीपवर्ती १२ गॉंवों में सेवा केन्द्र है,
जिनमें से दो कर्नाटक में है|
आरोग्य सेवा प्रकल्प
डॉ. हेडगेवार चल रुग्णालय हर सप्ताह दो बार, इन १२ गॉंवों का दौरा कर
रुग्णों पर इलाज करता है| प्रतिवर्ष करीब २५ हजार रुग्ण इसका लाभ
उठाते है| १९९३ में पॅथॉलॉजिकल लॅब की स्थापना की गई, यहॉं नाममात्र
शुल्क में रुग्णों के खून, थूँक आदि की जॉंच की जाती है| प्रतिवर्ष
पॉंच हजार से अधिक रुग्ण इस सेवा का लाभ लेते है| छ: हजार से अधिक
रुग्ण प्रतिवर्ष इस प्रकल्प की बाह्य रुग्ण सेवा का लाभ उठाते है| इस
प्रकल्प द्वारा इचलकरंजी के लालनगर झोपडपट्टी में कुपोषण से पीड़ीत
बालकों को पौष्टिक आहार दिया जाता है|
नैसर्गिक आपदाओं के समय भी इस प्रकल्प ने पी़डितों की उल्लेखनीय
सहायता की है| महाराष्ट्र के किल्लारी में १९९३ और गुजरात के कच्छ में
२००१ में आए भूकंप के समय वहॉं बच्चों के लिए आरोग्य जॉच और सहायता
शिबिर लगाए गए थे| इसी प्रकार २००५ और २००६ को कोल्हापुर में आई बाढ़
समय भी सेवा भारती के इस प्रकल्प ने पीड़ीतों की सहायता की थी| इसके
साथ नियमित रूप से आरोग्य जॉंच और सेवा शिबिर भी आयोजित किए जाते
है|
शिक्षा
इसी प्रकल्प के अंतर्गत गणेशनगर कॉंलनी में माधव शिशु मंदिर (केजी) और
माधव विद्या मंदिर (प्राथमिक शाला) २००२ से आरंभ की गई है| इचलकरंजी
के लालनगर झोपड़पट्टी में बालवाडी भी आरंभ की गई है|
इसके अलावा विद्यार्थींयों के लिए एकलव्य अभ्यासिका (स्टडी रूम) और
महिलाओं के लिए भगिनी निवेदिता सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र भी आरंभ किया
गया है|
संपर्क :
१. सेवा भारती, इचलकरंजी
सोना-पार्वती सदन, तिलक रोड, गुजरी कॉर्नर
इचलकरंजी, जिला : कोल्हापुर,
महाराष्ट्र (भारत)
फोन : ०२३० - २४३०४३५
ई-मेल : [email protected]
२. श्री श्रीकांत प्रभुदेसाई
फोन : ०२३० - २४२६४६५, मोबाईल : ०९४२२०४८७०८
ई-मेल : [email protected]
कैसे पहुँचे :
इचलकरंजी, महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में है|
समीपवर्ती रेल जंक्शन : मिरज| यह मुंबई-बंगलोर मुख्य रेलमार्ग पर है
और भारत के मुख्य शहरों से जुड़ा है| मिरज स्टेशन इचलकरंजी से करीब २८
किलोमीटर दूर है| इस यात्रा के लिए २० मिनट लगते है|
समीपवर्ती हवाई अड्डा : कोल्हापुर २२ किलोमीटर और बेलगॉंव (कर्नाटक)
११० किलोमीटर दूर|
.............
Share Your View via Facebook
top trend
-
शहीद खुदीराम बोस के जन्मदिवस पर शत शत नमन, जिन्हें १८ वर्ष की आयु में मृत्युदंड मिला
-
स्विस बैंकों से गायब हो चुका भारत का धन
दैनिक समाचार पत्र डीएनए में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसियों को इस बात के पुष्ट प्रमाण मिले हैं की अनेक ..
-
दिल्ली के हैं तभी मिलेगी नौकरी
नई दिल्ली अगर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में नौकरी करने के इच्छुक हैं तो दिल्ली का निवासी होना (डोमिसाइल) फायदा पहुंचा सकता ..
-
नरेन्द्र मोदी की और कितनी अग्नि परीक्षाएं?
पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं। किनारे पर खड़े रहने वाले कभी नहीं डूबते। लेकिन किनारे पर खड़े रहने वाले लोग कभी तैरना ..
-
चीन की चाल को कब समझेगा भारत
पाक अधिकृत कश्मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी भारत के लिए गंभीर चिंता का सबब है। इसे नजरअंदाज करना भारत के लिए बड़ा खतरा स..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)