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ज्यादा टैक्स चुकाने के लिए तैयार रहें, वित्त मंत्री ने साहसिक बयान दिया है
वित्त मंत्री के रूप में आम लोगों को विभिन्न प्रकार के करों को कम कर राहत पहुंचाने वाले केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज सुझाव दिया कि अमीर लोगों पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए।
चिदबंरम ने यहां ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि हालांकि उनके इस विचार को लोग पंसद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि संसाधनों में कमी आने की संभावना के मद्देनजर कर राजस्व बढा़ने की आवश्यकता है। हालांकि अधिकांश लोग इसे पसंद नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने इस तरह का साहसिक बयान दिया है।
चिदंबरम मई 2004 से नवंबर 2008 तक वित्त मंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने कई तरह के कर में कमी की और अपने कार्यकाल के प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने आम सरोकार पर आधारित बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों पर कर का बोझ कम करने वाला वित्त मंत्री था1 हालांकि अब आपको विशेषकर अमीर लोगों को अधिक कर चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूरोप में अमीर लोग अधिक कर लगाने का आग्रह करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देने का सथान नहीं है और वह यह भी नहीं कह सकते हैं कि करों में बढो़तरी की जानी चाहिए।
लेकिन हमें देश के कर राजस्व में वृद्धि के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि वित्त वर्ष 2012-13 के आम बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी है। चिदंबरम ने कहा कि अगले वर्ष अप्रैल से शुरू हो रही पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण पत्र के अनुसार कर राजस्व के चालू वित्त वर्ष के 7.4 प्रतिशत से बढ़कर अगले वित्त वर्ष में 8.9 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना जबकि गैर कर राजस्व में कमी आने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि जहां तक कुल संसाधन का सवाल है तो यह चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 14 प्रतिशत से कम होकर अगले वित्त वर्ष में 13.11 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है1 इस कुल राजस्व में कर राजस्व गैर कर राजस्व गैर ऋण पूंजी राजस्व और सरकारी उधारी शामिल है।
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