नई दिल्ली। एक, दो, तीन नहीं 30 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हिमालय में ही नहीं साइबेरिया के बर्फीले इलाकों में..
पीएम और सोनिया गांधी को भेजा 32-32 रुपए का ड्राफ्ट

मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और सांसद प्रभात झा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को 32-32 रुपए का ड्राफ्ट भेज कर इतने में 1 दिन गुजारने की चुनौती दी है। प्रभात झा ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को भी 26 रुपए का ड्राफ्ट भेजकर इतने में एक दिन बिता कर दिखाने को कहा है।
प्रभात झा ने इन नेताओं को ड्राफ्ट के साथ एक लेटर भेजकर आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) का मापदंड शपथपूर्वक देकर देश की गरीब जनता से भद्दा मजाक किया है।
उन्होंने मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, प्रणव मुखर्जी और मोंटेक सिंह अहलूवालिया को चुनौती दी है कि वे इस रकम के जरिए एक दिन का जीवन चला कर साबित करें कि देश का आम गरीब इतने में भला किस तरह खर्च चला सकता है।
राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि यह विडंबना ही है कि यूपीए सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से भागकर जनता के साथ आंकड़ों का खेल कर रही है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
हिममानव के होने का सबूत मिला, वैज्ञानिकों ने ढूंढे बाल!
-
नई पहल: संवेदना ने संवारी बूढ़े बरगद की जर्जर काया, आई.बी.टी.एल कार्यकर्ता ने दिखाया दम
योगेश कुमार राज, खुर्जा यह खबर नहीं, बल्कि भावशून्य हो रहे इंसान की आत्मा पर संवेदना की चोट है। इस संवेदना की स्याही ने धर..
-
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद : भारतीयता की अभिव्यक्ति - पं. दीनदयाल उपाध्याय
भारत में एक ही संस्कृति रह सकती है; एक से अधिक संस्कृतियों का नारा देश के टुकड़े-टुकड़े कर हमारे जीवन का विनाश कर देगा। अत..
-
भगत सिंह क्रांति सेना ने प्रेस कांफ्रेंस कर दिया इंडिया अगेंस्ट करप्शन को स्पष्टीकरण, कहा कांग्रेसी नहीं है !
नमस्कार एवं वन्दे मातरम,
सबसे पहले हम माननीय बाला साहब ठाकरे,श्री उद्धव ठाकरे जी और देश की उन लाखो-करोड़ो जनता .. -
अल्पसंख्यक हिंदुओं की त्रासदी
सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम को जीवन का आधार मानने वाले हिंदुओं की स्थिति उन देशों में काफी बदतर है जहां वे अल्पसंख..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)