" बात खरी है | बात ऐसी है जो देश की पुरानी पीढ़ी का हर कोई जानकार और निष्पक्ष नागरिक मानता है, और बोलता भी है | लेकिन इस बा..
प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर आया था २ जी का नोट : प्रणब

घोटालों और अंतर्विरोधों से घिरे यूपीए का महाभारत थमने के आसार
नहीं दिखाई दे रहे हैं | वित्त मंत्रालय का वह नोट जिसने देश को
बतलाया कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम चाहते तो पौने दो लाख करोड़
का २ जी घोटाला नहीं होता, और जिसके कारण प्रणब मुख़र्जी और चिदंबरम
के बीच तलवारें खिंच गयी, वह प्रधानमंत्री कार्यालय से विस्तृत
चर्चाओं के बाद उसी के आदेश पर तैयार किया गया था जबकि वित्त मंत्रालय
का आर्थिक मामलों का विभाग इस पक्ष में नहीं था कि नोट जारी किया जाए
|
यह रहस्योद्घाटन किया है स्वयं प्रणब मुख़र्जी ने और वो भी
प्रधानमंत्री को लिखे गए अपने पत्र में | मुख़र्जी के पत्र के
अनुसार वित्त मंत्रालय से जो नोट तैयार किया गया था वह संक्षिप्त था
और उसमें विस्तार से तथ्य डालने की बात प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा
की गयी | प्रधानमंत्री कार्यालय ने नोट में संशोधन किये और संशोधित
नोट वित्त मंत्रालय को स्वीकार नहीं था परन्तु प्रधानमंत्री कार्यालय
के संयुक्त सचिव द्वारा वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के सचिव
को फ़ोन कर के निर्देश देने के बाद वह नोट सार्वजनिक किया गया |
ऐसे में यह समझाना मुश्किल हो जाता है कि जब नोट स्वयं प्रधानमंत्री
कार्यालय के ही सचिव स्तर के अधिकारियों की भूमिका से तैयार हुआ, तो
फिर प्रधानमंत्री को प्रणब मुख़र्जी से स्पष्टीकरण मांगने की आवश्यकता
क्यों पड़ी जिसके कारण मुख़र्जी को अपनी अमेरिका यात्रा बीच में छोड़
कर भारत आना पड़ा था |
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