खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर 1889 ई. को बंगाल में मिदनापुर ज़िले के हबीबपुर गाँव में त्रैलोक्य नाथ बोस के यहाँ हुआ था। खुद..
प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर आया था २ जी का नोट : प्रणब

घोटालों और अंतर्विरोधों से घिरे यूपीए का महाभारत थमने के आसार
नहीं दिखाई दे रहे हैं | वित्त मंत्रालय का वह नोट जिसने देश को
बतलाया कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम चाहते तो पौने दो लाख करोड़
का २ जी घोटाला नहीं होता, और जिसके कारण प्रणब मुख़र्जी और चिदंबरम
के बीच तलवारें खिंच गयी, वह प्रधानमंत्री कार्यालय से विस्तृत
चर्चाओं के बाद उसी के आदेश पर तैयार किया गया था जबकि वित्त मंत्रालय
का आर्थिक मामलों का विभाग इस पक्ष में नहीं था कि नोट जारी किया जाए
|
यह रहस्योद्घाटन किया है स्वयं प्रणब मुख़र्जी ने और वो भी
प्रधानमंत्री को लिखे गए अपने पत्र में | मुख़र्जी के पत्र के
अनुसार वित्त मंत्रालय से जो नोट तैयार किया गया था वह संक्षिप्त था
और उसमें विस्तार से तथ्य डालने की बात प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा
की गयी | प्रधानमंत्री कार्यालय ने नोट में संशोधन किये और संशोधित
नोट वित्त मंत्रालय को स्वीकार नहीं था परन्तु प्रधानमंत्री कार्यालय
के संयुक्त सचिव द्वारा वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के सचिव
को फ़ोन कर के निर्देश देने के बाद वह नोट सार्वजनिक किया गया |
ऐसे में यह समझाना मुश्किल हो जाता है कि जब नोट स्वयं प्रधानमंत्री
कार्यालय के ही सचिव स्तर के अधिकारियों की भूमिका से तैयार हुआ, तो
फिर प्रधानमंत्री को प्रणब मुख़र्जी से स्पष्टीकरण मांगने की आवश्यकता
क्यों पड़ी जिसके कारण मुख़र्जी को अपनी अमेरिका यात्रा बीच में छोड़
कर भारत आना पड़ा था |
Share Your View via Facebook
top trend
-
शहीद खुदीराम बोस के जन्मदिवस पर शत शत नमन, जिन्हें १८ वर्ष की आयु में मृत्युदंड मिला
-
तुर्की में कुर्द हमले में 26 सैनिक मारे गए
तुर्की में आज कुर्द विद्रोहियों के हमलों में 26 सैनिक मारे गए। सेना की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई है।
तुर्क सेना..
-
दोपहर की शादी में थ्री पीस सूट पहनना स्वीकार, भले ही चर्म रोग क्योँ न हो : भारत का सांस्कृतिक पतन
-
आज से पाकिस्तान तक पहुंचेगी सुखोई की दहाड़, जोधपुर में एसयू-30 की तैनाती
पश्चिमी सीमा पर हवाई सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए जोधपुर एयरबेस पर सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई-30 के स्क्वाड्रन की तैना..
-
जी हां! यहां लगती है इंसानों की मंडी, बुंदेलखण्ड, उत्तर प्रदेश
चौंकिए मत, यह सच है. बुंदेलखण्ड के जनपदों के तकरीबन सभी कस्बों में 'इंसानों की मंडी' लगती है, जहां सूखे और बेरोजगारी से पस..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)