अंशुमान तिवारी, नई दिल्ली 2जी घोटाले की बहुआयामी जांच में एक अप्रत्याशित मोड़ आ गया है। दूरसंचार क्षेत्र में पिछले डेढ़ दश..
बाबा रामदेव इस बार झांसी से उठाएंगे झंडा, भारत स्वाभिमान यात्रा २
बुंदेलखंड का झांसी एक बार फिर नया राजनीतिक युद्धस्थल बनने जा रहा है। रानी लक्ष्मीबाई की स्मृति को ताजा करने के लिए ही झांसी को बाबा रामदेव ने अपने आंदोलन का अगला पड़ाव चुना है। झांसी से रामदेव दिल्ली की सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। रामदेव बोले कि मुझे किसी प्रकार का डर नहीं है और न ही मैं किसी को डराना चाहता हूं। रामदेव समर्थकों को निर्देश मिल रहे हैं कि वे सभी 19 सितंबर को झांसी कूच करें। झांसी में 20-21 सितंबर को दो दिवसीय शिविर लगाया जाना है।
रविवार को एक भेंट में बाबा रामदेव ने बताया कि मेरी लड़ाई करप्शन तथा ब्लैक मनी के खिलाफ है। शिविर लगाने की इजाजत झांसी जिला प्रशासन से ली जा चुकी है। बाबा रामदेव तीन दिन झांसी में रहेंगे। फिलहाल उन्होंने केंद्र के समक्ष अपनी आवाज को रखने के लिए यूपी-उत्तराखंड को मेन सेंटर के रूप में चुना है। इन दोनों राज्य में इस समय गैरकांग्रेसी सरकारें हैं। शिविरों के माध्यम से ही रामदेव अपनी आवाज उठाने की रणनीति बना चुके हैं।
योग गुरु का कहना है कि केंद्र सरकार डर-लालच की रणनीति अपना रही है। लेकिन हम न ही डरेंगे और न ही किसी लालच-लोभ में आएंगे। फोन पर एनबीटी से वार्ता के दौरान रामदेव का कहना था कि ईडी के मामले में मुझे बदनाम करने की साजिश चलाई जा रही है, लेकिन मैं अपनी सही बात पब्लिक के बीच रखूंगा और इसी नाते मैने झांसी को चयन किया है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
दूरसंचार फैसलों से जुड़ीं कई अहम और संवेदनशील नीतिगत फैसलों की फाइलें लापता
-
स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती पर सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम
स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती आयोजन समिति के तत्वाधान में सोमवार सुबह सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया ग..
-
अमरनाथ यात्रा रोकने के लिए सरकार ने की जम्मू में धारा १४४ लागू
अपने पूर्व निर्धारित एवं घोषित कार्यक्रम के अनुसार विश्व हिन्दू परिषद् ज्येष्ठ पूर्णिमा अर्थात आज ३ जून से अमरनाथ ..
-
खुर्शीद ने डुबोयी कांग्रेस की लुटिया, चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी
उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं को मछलियों के समान मान उन्हें पकड़ने के लिए आरक्षण का चारा डाल जाल बिछ..
-
ताजमहल के वजूद पर खतरा, 5 सालों में ढह जाने की आशंका
अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले पांच सालों में 358 साल पुराना ताजमहल गिर जाएगा। जानकारों का कहना है कि अगर ताजमहल क..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)