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2G घोटाले में सोनिया गाँधी के विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण हैं : डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी

जनता पार्टी के अध्यक्ष, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और देश के
जाने-माने कानूनविद् डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी ही वह व्यक्ति हैं,
जिन्होंने 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले को जोर-शोर से उठाया।
परिणामस्वरूप करीब 1.76 लाख करोड़ रु. के इस घोटाले के आरोप में कई
लोग जेल की हवा खाकर इन दिनों जमानत पर हैं। स्वतंत्र भारत के इस सबसे
बड़े घोटाले का मामला विशेष न्यायालय में तेजी से चल रहा है। इधर डा.
स्वामी इस मामले में केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को आरोपी बनाने
की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। वे चिदम्बरम के मामले को सर्वोच्च
न्यायालय तक ले गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर बहस पूरी कर
निर्णय सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद है जुलाई माह में सर्वोच्च
न्यायालय पी. चिदम्बरम के भाग्य पर फैसला सुना देगा। 2 जी मामले में
अब तक क्या प्रगति हुई इस पर पाञ्चजन्य ने डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी से
लम्बी बातचीत की, जिसके मुख्यांश यहां प्रस्तुत हैं। - सं. अरुण कुमार
सिंह
अब तक 2 जी मामला कहां तक पहुंचा है? - अभी 2 जी के
मामले दो जगह चल रहे हैं। एक तो सर्वोच्च न्यायालय में और दूसरा विशेष
सत्र न्यायालय में। सर्वोच्च न्यायालय में गृहमंत्री पी.चिदम्बरम को
सह-आरोपी बनाने का मामला है। इस पर जुलाई में फैसला आने की उम्मीद है।
विशेष न्यायालय में एक साथ दो मामले चल रहे हैं। एक मामला सीबीआई ने
दायर किया है, दूसरा मेरे द्वारा दाखिल किया गया है। सीबीआई और मेरे
मामले में एक फर्क है। मैं केवल राजनीतिज्ञों को आरोपी बना रहा हूं,
तो सीबीआई 2 जी से जुड़े सरकारी बाबुओं और अन्य उद्योगपतियों को आरोपी
बना रही है। उम्मीद है सीबीआई के मामले पर जल्द ही सुनवाई पूरी हो
जाएगी, जबकि मेरे आवेदन को निपटाने में थोड़ा और समय लगेगा, चूंकि
मेरा मामला राजनीतिज्ञों से जुड़ा है। उसमें अभी कई तरह की अड़चनें
डाली जा सकती हैं। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में जिन राजनीतिज्ञों को
छोड़ा है मैं उन्हें आरोपी बनाने का प्रयास कर रहा हूं। उन्हीं
राजनीतिज्ञों में गृहमंत्री पी.चिदम्बरम भी हैं। मैं उन्हें सह- आरोपी
बनाने की मांग कर रहा हूं।
किंतु पिछले दिनों एक न्यायालय ने चिदम्बरम के संदर्भ में
आपकी दलील को खारिज कर दिया था - उस न्यायालय ने कहा कि
पी.चिदम्बरम के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं है जिसके आधार पर उनके खिलाफ
मामला चलाया जाए। इसके बाद मैं सर्वोच्च न्यायालय गया। वहां बहस पूरी
हो चुकी है। निर्णय सुरक्षित रखा गया है। मेरी मांग है कि सीबीआई इस
बात की जांच करे कि 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में तत्कालीन वित्त
मंत्री और अब गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की क्या भूमिका रही है? जिस दिन
इस जांच की अनुमति दी जाएगी उसी दिन पी.चिदम्बरम को अपने पद से
इस्तीफा देना पड़ेगा। चिदम्बरम के साथ मैं दयानिधि मारन को भी
जोड़ूंगा, क्योंकि वे भी एयरसेल को 2 जी बेचने के मामले में शामिल
थे।
2 जी के मामले में आप बराबर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और
उनके परिवार को भी घसीटते हैं। उनके खिलाफ आपके पास कोई सबूत
है? - मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो केवल बोलने के लिए
बोलते हैं। मैं तभी कुछ बोलता हूं जब मेरे पास उसके पुख्ता सबूत होते
हैं। सोनिया गांधी और उनके परिवार के खिलाफ तो बहुत लोगों के पास सबूत
हैं। पर वे लोग कुछ बोलते नहीं हैं। लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगा। उचित
समय पर उन सबूतों को बाहर निकाला जाएगा और सोनिया गांधी को भी 2 जी
घोटाले में आरोपी बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी। जिस दिन सोनिया गांधी
2 जी मामले में सह-आरोपी बन जाएंगी उस दिन उनके परिवार के अनेक लोग भी
मुसीबत में पड़ जाएंगे।
2 जी आवंटन के मामले में जितने लोग भी जेल में बंद थे, वे सभी
जमानत पर बाहर आ गए हैं। उस पर आपकी क्या राय है? - चूंकि यह
कोई आपराधिक मामला नहीं है इसलिए आरोपियों को जमानत मिल गई है। फिर भी
मैं कहूंगा कि आरोपियों को काफी समय बाद जमानत मिली है। इससे इस मामले
की गंभीरता पता चलती है, जबकि इस तरह के मामलों में जमानत आसानी से
मिल जाती है। अन्य मामलों से उलट 2 जी मामले पर बड़ी तेजी से सुनवाई
हो रही है।
वर्तमान केन्द्र सरकार के तीन साल पूरे हुए हैं। उसके कामकाज
पर आपकी राय? - इस सरकार का विश्वास लोकतंत्र पर नहीं रह गया
है। यह केवल लूटतंत्र पर विश्वास करने लगी है। हर तरफ से जनता को
लूटो, उस पर 'कर' लगाओ, यही नीति है इस सरकार की। सरकार की गलतियों के
कारण आज शेयर बाजार गिर रहा है, डालर के मुकाबले रुपया टूट रहा है। उस
पर सरकार कहती है कि पैसा नहीं है, तेल के दाम बढ़ाओ, जनता पर कर
लगाओ। यदि ईमानदारी से प्रयास किया जाए तो सरकार को देश चलाने के लिए
जनता से कर भी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि बाजार भाव से
स्पेक्ट्रम, कोयला खदानों और कृष्णा गोदावरी (जहां कच्चा तेल प्राप्त
होता है) की ही नीलामी की जाए तो देश को लगभग 5.5 लाख करोड़ रु.का
राजस्व प्राप्त होगा, जबकि कर के रूप में देश को लगभग 4.90 लाख करोड़
रु. प्राप्त होते हैं।
डॉ स्वामी का साक्षात्कार देखने के लिए चित्र
पर क्लिक करें ...
मनमोहन सरकार ने अपने कार्यकाल में अनेक ऐसे कार्य किए हैं,
जिन्हें हिन्दू विरोधी कहा जाता है। उन कार्यों का हिन्दू समाज पर
क्या प्रभाव पड़ेगा? - इस सरकार ने चार-पांच लोगों को पकड़कर
काल्पनिक रूप से 'हिन्दू आतंकवाद' का भ्रमजाल खड़ा करने की पूरी कोशिश
की। किंतु किसी काल्पनिक चीज का कोई सबूत नहीं होता है। उसी प्रकार उन
लोगों के खिलाफ भी सरकार को कोई सबूत नहीं मिल रहा है। अब सरकार
उन्हें न तो बाहर करने की स्थिति में है और न ही अंदर रखने की स्थिति
में। हां, सरकार की इस हरकत से पाकिस्तान को जरूर फायदा हुआ है। वह
समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में निहायत ही घटिया मांग कर रहा है।
इसके अलावा इस सरकार ने कई ऐसे कार्य किए हैं, जिनसे हिन्दुओं में
आक्रोश है।
पाञ्चजन्य
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