भारतीय संस्कृति त्योहारों की संस्कृति है जो की विश्व की प्राचीन संस्कृति मानी जाती है| अपनी संस्कृति में सिर्फ मानव जीवन..
गरीबो का मसीहा बन कर घर घर जा कर मीडिया के माध्यम से गैर
कांग्रेसी सरकारों को कोसने वाले कांग्रेसी युवराज (?) राहुल गाँधी जी
को एक बार फिर से अपने मार्केटिंग करने के तरीके पर सोचना चाहिए क्यों
की उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में विफल होने के साथ ही अब तो उनके
लिए और भी बुरी खबर है—जिस गाँव को राहुल गाँधी जी ने गोद लिया था;
उसका पालन पोषण भी नहीं कर सके और पालन पोषण के लिए बीजेपी के मध्य
प्रदेश के अध्यक्ष श्री प्रभात झा जी ने 25 लाख रुपए देने का एलान
किया।
बात करीब अप्रैल २००८ की है जब राहुल गाँधी मध्यप्रदेश के एक छोटे से
गाँव “वैसा टपरियन” के एक परिवार के घर रुके थे और उसको हर संभव मदद
करने की बात कही थी, उस समय मीडिया ने कांग्रेसी युवराज को जनता का
नेता, जनता का हमदर्द जैसे तमगो ने नाबाज़ दिया था और रातो रात उस
गाँव का नाम भी “वैसा टपरियन” से “राहुल ग्राम टपरियन” कर दिया गया
था|
मध्य प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष श्री प्रभात झा जी ने अपनी सांसद निधि
से गांव के विकास के लिए 25 लाख रुपए देने का एलान किया।गांव की अनाथ
आदिवासी लड़की अंगूरी की गांव के ही युवक राधे से तय कराई और 25
अप्रैल को विवाह समारोह जन सहयोग से कराने के लिए आदिम जाति कल्याण
राज्य मंत्री हरिशंकर खटीक को जिम्मेदारी सौंपी और साथ ही कहा कि वे
कलेक्टर से कहकर इस गांव में लगा राहुल ग्राम नाम वाला बोर्ड उखड़वाकर
फिकवा दें।
उन्होंने कहा कि इस राशि से होने वाले विकास कार्य में न तो उनके नाम
का कोई शिलालेख लगाया जाए और न ही वे लोकार्पण में आएंगे। ताकि लोगों
को यह पता चले कि भाजपा के नेता धोखेबाज नहीं होते हैं। उन्होंने कहा
कि कांग्रेस के युवराज गांव के विकास का वायदा कर गए, लेकिन उसे पूरा
भाजपा की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि वे इस गांव में कोई
राजनीतिक नाटक या नौटंकी करने नहीं आए हैं, बल्कि चार साल पहले इस
गांव के गरीबों के पेट को तवा बनाकर उस पर जो राजनीतिक रोटियां सेंकने
की नौटंकी कांग्रेस के युवराज करके गए थे, उसे देखने आए हैं।
इस दौरान राज्यमंत्री हरिशंकर खटीक ने आदिवासी की बेटी का खुद
कन्यादान लेने और 25 अप्रैल को पूरी रात जिला भाजपा के साथ गांव में
रहने की घोषणा की और साथ ही गाँव के विकलांग आदिवासियों को
स्वेच्छानुदान निधि से १५-१५ हज़ार तथा कुछ को ५०० रुपये प्रति माह
भत्ता दिलवाने की घोषणा की।
बाद में विश्व प्रसिद्ध श्रीरामराजा सरकार मंदिर ओरछा में प्रभात झा
जी ने 1100 कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक रूप से सुंदरकांड का संगीतमय
पाठ किया। उन्होंने मिशन 2013-14 की सफलता और ओरछा में होने वाली
प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के सफल आयोजन के लिए ओरछाधीश के दरबार में
मत्था टेंककर मानौती मांगी।
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