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स्वदेशी के प्रखर वक्ता, राजीव भाई की स्मृतियाँ...
029 नवम्बर 2010 की मनहूस शाम को करीब 7:30 बजे किसी ने फ़ोन करके बताया कि राजीव भाई की तबियत ठीक नहीं है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.| वे उस समय छत्तीसगढ़ के प्रवास पर थे और उस दिन भिलाई में शाम को भारत स्वाभिमान की सभा को संबोधित करने..
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जानवरों को क़त्ल कर, मांस बढाने के अनाज खिलाते है, इसी भोजन की कमी से लाखों लोग भूख से मरते हैं
....... राजीव दीक्षित बताते है की अगर दुनिया मांस खाना बंद कर दे तो इस दुनिया में इतना अनाज पैदा हो रहा है की वो सारी दुनिया के एक एक व्यक्ति का तो पेट भर ही देगा इसके बराबर की दूसरी दुनिया और पैदा हो जाये तो भी सबका पेट भर देगा | सारी दुनिया मे..
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क्या विदेशी कंपनियों के आने से लोगों को आजीविका मिलती है, गरीबी कम होती है? : राजीव दीक्षित
क्या विदेशी कंपनियों के आने से भारत का निर्यात बढ़ता है (भाग ०३) से आगे पढ़ें... जैसे जैसे विदेशी कंपनियां भारत में बढ़ रही है यहाँ गरीबी बढ़ती जा रही है..
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क्या विदेशी कंपनियों के आने से भारत का निर्यात बढ़ता है : राजीव दीक्षित
क्या विदेशी कंपनियों के आने से पूंजी आती है (भाग ०२) से आगे पढ़ें ... हमने प्रयास किया कि भारत के पिछले ६३-६४ (63-64) वर्षों के निर्या..
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क्या विदेशी कंपनियों के आने से पूंजी आती है : राजीव दीक्षित
भारत में विदेशी कंपनियों द्वारा की जा रही लूट (भाग ०१) से आगे पढ़ें: विदेश व्यापार मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय एव..
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भारत में विदेशी कंपनियों द्वारा की जा रही लूट : राजीव दीक्षित
भारत में जो ५०००+ विदेशी कंपनियां कार्यरत है इनमें से कुछ विदेशी कंपनियां ऐसी है जो सीधे अपनी शाखा स्थापित कर व्यापार कर रही है एवं कुछ कंपनियां ऐसी है जो भारत की कंपनियों के साथ समझौते करती हैं | कुछ कंपनियां तकनीकी रूप से तो कुछ वित्तीय रूप से..
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मेरी शिक्षा मातृभाषा में हुई, इसलिए ऊँचा वैज्ञानिक बन सका - अब्दुल कलाम
उच्च तकनीकी क्षेत्र जैसे उपग्रह निर्माण जिसे उच्च तकनीक कहा जाता जो बहुत कठिन एवं क्लिष्ट तकनीक होती है, उसमें आज तक कोई विदेशी कंपनी इस देश में नहीं आई | भारत जिसने १९९५ एक आर्यभट्ट नमक उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़ा एवं उसके उपरांत हमारे अनेकों उपग्..
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अंग्रेजो ने भारत से कितना धन लूटा एवं यह कैसे प्रारंभ हुआ ? : भाई राजीव दीक्षित
लूट के जो आंकड़ें प्राप्त हैं वह ही इतने बड़े है कि यदि ज्ञात एवं अज्ञात आंकड़ों का मिलान किया जाए तो सर चकरा जाता है। २३ जून सन १७५७ जब प्लासी का ' युद्ध ' होना था " मीर जाफर " ने १ करोड़ स्वर्ण मुद्राओं एवं उच्च राजपद की लालसा मे..
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भारत में गीत संगीत का विकास जलवायु एवं वातावरण के अनुसार हुआ : भारत का सांस्कृतिक पतन
भोजन की बात करें तो हम इतने भाग्यशाली है कोई दूसरा देश उसकी कल्पना नहीं कर सकता से आगे पढ़ें : भारत में गीत संगीत का विकास भी हुआ है तो जलवायु एवं वातावरण के अनुसा..
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भोजन की बात करें तो हम इतने भाग्यशाली है कोई दूसरा देश उसकी कल्पना नहीं कर सकता
दोपहर की शादी में थ्री पीस सूट पहनना स्वीकार, भले ही चर्म रोग क्योँ न हो से आगे पढ़ें : भोजन के स्तर पर भी हमने बहुत अधिक अंधानुकरण किया है। भारत का भोजन भी, हमारी जलवायु ..
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दोपहर की शादी में थ्री पीस सूट पहनना स्वीकार, भले ही चर्म रोग क्योँ न हो : भारत का सांस्कृतिक पतन
अंग्रेजी कोई बड़ी भाषा नहीं है, केवल १४ देशों में चलती है जो गुलाम रहे हैं से आगे पढ़ें : एक बहुत बड़ा विकार हमारी भूषा में आया है। अमेरिका, यूरोप आ..
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अंग्रेजी कोई बड़ी भाषा नहीं है, केवल १४ देशों में चलती है जो गुलाम रहे हैं : भारत का सांस्कृतिक पतन
विद्यालयों से लेकर न्यायालयों तक अंग्रेजी भाषा की गुलामी से आगे : अंग्रेजी कोई इतनी बड़ी भाषा नहीं है, जैसी की हमारे मन में उसकी छद्म छवि है, विश्व के मात्र १४ ..
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विद्यालयों से लेकर न्यायालयों तक अंग्रेजी भाषा की गुलामी : भारत का सांस्कृतिक पतन
भारतीय भाषाओँ के विरुद्ध षड़यंत्र से आगे : ऐसा ही सत्यानाश हमने न्याय व्यवस्था का कर रखा है, उदाहरण : मान लीजिए मैं असम का व्यक्ति हूँ मुझे कुछ न्याय संबंधित पर..
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फुटपाथ पर जीने वाले लोगों की संख्या, विदेशी कंपनियों के कारण बढ़ रही है
गुलामी नए रूप में : आज चारों ओर घन अन्धकार है एक समाज नहीं एक देश नहीं समुची मानवता एवं समूची प्रकृति के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा पैदा हो चुका है भारत की नहीं विश्व के अनेकों देश विदेशी कंपनियों की गिरफ्त में अपनी राष्ट्रीय अस्म..
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भारतीय भाषाओँ के विरुद्ध षड़यंत्र : भारत का सांस्कृतिक पतन
ऋषि भूमि, राम भूमि, कृष्ण भूमि, तथागत की भूमि... भारत के गौरवशाली अतीत को यदि शब्दों में एवं वाणी में कालांतर तक भी बांधने का प्रयास किया जाए तो संभव नहीं है। वर्तमान में पश्चिम का अंधानुकरण करने से जो भारत का सांस्कृतिक पतन हुआ है वह निश्चय मानिए..
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भारत में ७ लाख ३२ हज़ार गुरुकुल एवं विज्ञान की २० से अधिक शाखाएं थीं : भारत का स्वर्णिम अतीत
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राष्ट्रीय सुरक्षा और चीन की चुनौती: भावी खतरे का स्पष्ट संकेत
पिछले कुछ वर्षों में भारत की सीमाओं पर लगातार बढ़ते तनाव से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियां उस खतरे का स्पष्ट संकेत हैं, जिसका..
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नदियों के साथ जुड़ा है देश का भविष्य : अब छोटी नदियों में भी प्रदूषण फैल रहा है
विगत दिनों इलाहाबाद में नदियों के पुनर्जीवन को लेकर महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश भर से पानी के क्षेत्र ..
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'टोपी' प्रकरण ने साबित कर दिया कि 'सेकुलर' लोग गंदगी में लोटने वाले कीड़े हैं
नरेन्द्र मोदी ने एक इमाम की दी हुई जालीदार टोपी स्वीकार नहीं की तो मानो देश एक गम्भीर समस्या से जूझने लगा…। सरकारी ..
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आतंकवादी रह चुके लोग जम्मू कश्मीर में पा रहे हैं ऊंचे सरकारी पद
अनेक ऐसे लोग जो कुछ वर्ष पहले तक आतंकवादी थे, अब जम्मू कश्मीर की न्यायिक, प्रशासनिक एवं पुलिस सेवाओं में अफसर बन चुके है..
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सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
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वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
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आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
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अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
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सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
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नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
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न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
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पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
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वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
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जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
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उफ़ ये बुद्धिजीवी !
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कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
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मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
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भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
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२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
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वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
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चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
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समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
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विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
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सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
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Badrinath was re-established as a major pilgrimage site by Adi Shankara
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On this very day sun enters his second course and passes Libra
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Meenakshi Lekhi addressing : Hunger Strike in support of Indigenous Peoples of Assam
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Shvethavahana (one of Shining Steeds: He whose chariot is drawn by white horses)
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