ई -शासन पर भारत संचार समाज (सीएसआई) एवं गुजरात सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हु..
'टोपी' प्रकरण ने साबित कर दिया कि 'सेकुलर' लोग गंदगी में लोटने वाले कीड़े हैं

नरेन्द्र मोदी ने एक इमाम की दी हुई जालीदार टोपी स्वीकार नहीं की तो मानो देश एक गम्भीर समस्या से जूझने लगा…। सरकारी भाण्ड चैनलों पर जो "सेकुलर कीड़े" बिलबिला रहे थे, शायद अब उन्हें संतुष्ट करने के लिए यानी हिन्दुओं को स्वयं को सेकुलर साबित करने के लिए बुर्का धारण करना होगा, क्रास पहनना होगा…।
१९९८ में उदयपुर में मशहूर सेकुलर एक्टर दिलीप कुमार (युसूफ खान) ने
मेवाड़ी पगड़ी पहनने से इनकार कर दिया था. हालांकि वह किसी पंडित,
पुजारी या हिन्दू संगठन ने नहीं पहनाई थी. लेकिन दिलीप साहब को उस
पगड़ी में महाराणा प्रताप की देशभक्ति की बू आ रही थी, जिसने अकबर को
उसकी नानी याद दिला दी थी. और दिलीप कुमार ये कैसे सहन कर सकता
है…
एक तरफ तो मुसलमान हिन्दू प्रतीकों को छोड़ो, "भारतीय प्रतीकों" से भी
नफ़रत करते हैं, वहीं दूसरी तरफ मुसलमान और उनके सेकुलर चमचे पूरे
दुनिया की 'मुसलमानी' करने पे तुले हुए हैं...इसे कहते हैं
सेकुलरिज्म…। क्या अजमेर की दरगाह पर मत्था टेकने वाले घटिया
अभिनेताओं/नेताओं की कौम, यह बताएगी कि वैष्णो देवी या अमरनाथ के
दर्शन करने जाने वालों में कितने मुस्लिम अभिनेता या नेता हैं?
न जाने कितनी फ़िल्मों में आपने देखा होगा कि "हिन्दू नामधारी
हीरो-हीरोइन" भागकर शादी करने अथवा संकट आने पर चर्च जाते हैं या सीने
पर क्रास बनाते हैं… कितनी बार आपने मुस्लिम या ईसाई नामधारी
हीरो-हीरोइन को फ़िल्म में मन्दिर में पूजा करते देखा है? शायद एक भी
नहीं… क्योंकि सिर्फ़ हिन्दू पर ही यह साबित करने की जिम्मेदारी होती
है कि वह "सेकुलर" है, बाकियों पर यह नियम लागू नहीं होता…।
"वन्देमातरम" और "सरस्वती वन्दना" का विरोध करने वालों पर मेहरबानी
करते, दो कौड़ी की मानसिकता वाले सेकुलर, इस देश के सबसे गन्दे कीड़े
हैं…
— सुरेश चिपलूनकर
Share Your View via Facebook
top trend
-
गुजरात की प्रगति का माध्यम बना है ई - गवर्नेंस - नरेंद्र मोदी
-
दोपहर की शादी में थ्री पीस सूट पहनना स्वीकार, भले ही चर्म रोग क्योँ न हो : भारत का सांस्कृतिक पतन
-
आखिर कौन है कैश फॉर वोट काण्ड का असली गुनाहगार? राजदीप सरदेसाई और अहमद पटेल तो नहीं?
यह एक अनोखा मुकद्दमा है जिसमें सफेदपोश चोर तो आजाद घूम रहे हैं, लेकिन उन्हे पकड़वाने और बेनकाब करने वाले सींखचों के पीछे ध..
-
हैंगर में टँगे सूट की तरह हैं राहुल, डेविड मलफ़र्ड का भेजा संदेश : विकीलीक्स
अमरीकी राजनयिकों के लीक हुए केबल के मुताबिक़ कांग्रेस पार्टी में युवराज जैसी अहमियत रखने वाले राहुल गाँधी को चार साल पहल..
-
भारतीय घरों में ५० लाख करोड़ का सोना : भारतीय संस्कृति का प्रभाव एवं मजबूत भारत
श्रृंगार का प्रतीक सोना सदैव भारत वर्ष की पहचान रहा है। ज्ञातव्य है की इसे भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान दिया गया है। अब..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)