उत्तर प्रदेश सरकार ने बांदा जिले के करिया नाले पर निर्माणाधीन छोटे पुल के नीचे लगे स्टिंग को निकालने की कोशिश के मामले को ..
नई पहल: संवेदना ने संवारी बूढ़े बरगद की जर्जर काया, आई.बी.टी.एल कार्यकर्ता ने दिखाया दम
योगेश कुमार राज, खुर्जा यह खबर नहीं, बल्कि भावशून्य हो रहे इंसान की आत्मा पर संवेदना की चोट है। इस संवेदना की स्याही ने धरातल पर सुखद अध्याय का अक्स खींच एक नई इबारत लिखी है। इतना ही नहीं, इसने मनुष्य और वृक्ष के पुरातन रिश्ते को नए सिरे से परिभाषित भी किया है। गांव दरवेशपुर में वटवृक्ष की जर्जर हो चुकी काया को ग्रामीणों ने अपने बल-बूते संवारा है। इसके चलते इस बूढ़े बरगद में फिर से नई जवानी आ गई है। यह सब हुआ है यहां के एक दंपती की पहल पर। अनूपशहर मार्ग पर शिकारपुर तहसील का गांव है दरवेशपुर। गांव में सैकड़ों वर्ष पुराना बरगद का एक पेड़ है।
अज्ञानता और वृक्षों के प्रति बढ़ती संवेदनहीनता की चादर में लिपटे ग्रामीणों ने इसकी जड़ से इतनी मिट्टी खोद दी कि वह गिरने के कगार पर आ गया। इस बीच, एक दिन गंगास्नान के लिए जा रहीं खुर्जा की नई बस्ती निवासी अनुराधा शर्मा की नजर इस बेबस बरगद पर पड़ी। अनुराधा पेड़ की दशा देखकर इतनी भावुक हुईं कि उन्होंने इसे बचाने का संकल्प ले लिया। साथ ही अपने पति चेतन शर्मा के साथ इस अभियान में जुट गर्इं। यह दंपती गांव गया और लोगों के समक्ष बरगद को बचाने का प्रस्ताव रखा।
दोनों की जिद और लगन ने आखिरकार ग्रामीणों की मृतप्राय: संवेदना पर प्रहार किया तो वे भी हाथ बंटाने को उठ खड़े हुए। दंपती के साथ पूरे गांव ने इसे एक अभियान के तौर पर लिया। गत 16 सितंबर को सभी एकत्र हुए और बरगद की जड़ों में मिट्टी भरने का काम शुरू हुआ। उनके कदम तब रुके, जब वृक्ष की खोखली जड़ें मिट्टी से लबालब हो गईं। दंपती की इस शानदार पहल के असर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिन ग्रामीणों ने इसकी जड़ें खोखली की थीं, उन्हीं ग्रामीणों ने इसे बचाने के लिए आपस में 17 हजार का चंदा भी जुटाया।
अनुराधा और चेतन का प्रयास यहीं नहीं थमा। उन्होंने ग्राम प्रधान से इस पेड़ के आसपास की जमीन शहीद पार्क के लिए मांगी। अब यहां शहीद पार्क बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए एक कमेटी भी बन चुकी है। विनोद इसके अध्यक्ष, जबकि हरेंद्र सिंह, बलवीर चौधरी और कलेंद्र सिंह क्रमश: उपाध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। कमेटी में 12 अन्य ग्रामीण भी हैं। ग्रामीणों में यह बदलाव देख अनुराधा और चेतन ने आश्वस्त होकर अब आगे का काम उन्हीं के ही हवाले कर दिया है।
विशेष: ज्ञात हो श्री चेतन शर्मा एवं अनुराधा शर्मा सामाजिक कार्यों में आई.बी.टी.एल का सहयोग करते आयें हैं, जिला बुलंदशहर तहसील खुर्जा के अंतर्गत आने वाले समस्त १७८ गाँव-गाँव में जन क्रान्ति फैलाने मैं गत वर्ष में उनका महतवपूर्ण योगदान है शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक चिंतन किसी भी क्षेत्र में, गाँव वालों के आमंत्रण पर सुबह ०४:३० गाँव पहुचना एवं समस्यों का हल निकालना... किसी संगठन विशेष से न जुड़कर तथा जाति-धर्म की सीमाओं को लांघ कर उन्होंने सभी की सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाये .... समस्त तहसील उन्हें अपने बड़े भाई की तरह सम्मान देता है... इन कार्यों में खुर्जा निवासी अनुराग अरोड़ा एवं दिव्येंदु प्रताप सिंह ने विशेषत: कदम से कदम मिला कर उनका साथ दिया... आवश्यकता पड़ने पर रात्रि ०१:०० सोकर प्रात: ०४:३० बजे घर से उक्त गाँव के लिए निकल जाना ... आई.बी.टी.एल. अपने इन राष्ट्रवादी सहयोगियों का आभारी है ...
Share Your View via Facebook
top trend
-
राहुल गांधी ने पहुंचाया पुल को नुकसान: यूपी सरकार
-
भूपेन हजारिका जी ने समानांतर सिनेमा प्रेमियों के मनमस्तिष्क पर अमित छाप छोड़ी
पद्मभूषण श्री भूपेन हजारिका के निधन सम्पूर्ण देश कि कला संस्कृति कि क्षति है भूपेन हजारिका कवि, गायक, गीतकार, अभिने..
-
अपराजेय अयोध्या : अयोध्या एक यात्रा
अयोध्या अपने शाब्दिक अर्थ के अनुसार यह अपराजित है.. यह नगर अपने २२०० वर्षों के इतिहास मे अनेकों युद्धों व संघर्षो का प्र..
-
जिस देश का प्रधानमंत्री महलों में रहता है उस देश की जनता झोपड़ी में रहती है - चाणक्य
घटना उन दिनों की है जब भारत पर चंद्रगुप्त मौर्य का शासन था और आचार्य चाणक्य यहाँ के महामंत्री थे और चन्द्रगुप्त के गुरु भी..
-
पाकिस्तान का भड़काऊ बयान, कहा- जम्मू कश्मीर नहीं है भारत का अभिन्न अंग
पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को भड़काने की कोशिश की है। उसने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)