दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रशासनिक कहर झेलने के बाद भी योग गुरू बाबा रामदेव कालेधन को देश वापस लाने की बात पर अडिग हैं।..

शल्यक्रिया (ऑपरेशन) के समय, रुग्ण के लिए रक्त तैयार रखना यह
मुश्किल काम होता है| और दुर्घटनाओं के समय, जब एक साथ बड़ी संख्या में
घायलों का उपचार करना होता है, तब तो यह समस्या और भी जटिल हो जाती
है| किसी स्थान पर सब गुटों का रक्त उपलब्ध रहे, यही इस समस्या का हल
होता है| समाज की यह आवश्यकता ध्यान में रखकर रक्तपेढीयॉं बनाना आरंभ
हुआ| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जनकल्याण समिति ने भी इस सामाजिक काम
में हाथ बटाया है| जनकल्याण समिति द्वारा महाराष्ट्र में दस
रक्तपेढीयॉं चलाई जाती है| नासिक की रक्तपेढी भी इन्हीं में से एक
है|
१९८९ से यह रक्तपेढी अल्प शुल्क में रुग्णों को सेवा दे रही है| इसके
लिए स्वयंसेवक वर्ष भर, विविध अवसरों पर, सरकारी रक्तपेढी या आयएमए
(इंडियन मेडिकल असोसिएशन) की सहायता से रक्तदान शिबिर आयोजित करते है|
रक्तदाओं की सूची भी तैयार की गई है|
स्थापना के बाद से इस रक्तपेढी ने नया तकनीक अपनाते हुए क्रमबद्ध
विकास जारी रखा है| १९९८ में यहॉं उत्तर महाराष्ट्र की पहली
कॉम्पोनेंट प्रीपरेशन लॅबोरेटरी स्थापन की गई| इसमें रेड सेल्स
कॉंसेंट्रेट, फ्रेश फ्रोझन प्लाझ्मा, लिक्विड स्टेबल प्लाझ्मा आदि
उपलब्ध है| नासिक के रुग्णों की आवश्यकता पूर्ण कर रक्तपेढी में शेष
प्लाझ्मा, मुंबई के नॅशनल प्लाझ्मा फ्रॅक्शनेशन सेंटर को भेजा जाता
है| इससे फॅक्टरVIII, अलब्युमिन, इमम्युनोग्लोब्लिन आदि निर्माण किया
जाता है, अब यह देश में उचित शुल्क में उपलब्ध है| पहले इनका आयात
किया जाता था; और ये बहुत महँगे साबित होते थे| रक्तपेढीयों का सुधरता
स्तर और बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर भारत सरकार के आरोग्य विभाग ने
रक्तपेढीयों के आधुनिकीकरण को अपनी योजना में शामिल किया है; इस कारण
रक्तपेढीयों को कंपोनट सेपरेशन के अनेक उपकरण प्राप्त हुए है| इसके
अलावा नॅको (नॅशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनायझेशन), राज्य सरकार, साई
संस्थान (शिर्डी) और अन्य संगठनों से इस रक्तपेढी को मदद मिलती
है|
दूरदराज के क्षेत्रों में भी रक्त और रक्त से संबंधित उत्पाद रुग्णों
को शीघ्र उपलब्ध होने चाहिए इसलिए जनकल्याण रक्तपेढी ने तहसील स्तर पर
वितरण केन्द्र स्थापित किए
है|
संपर्क :
जनकल्याण रक्तपेढी
उमिया अपार्टमेंट,
डॉ. हेडगेवार चौक,
शरणपुर मार्ग, नासिक
महाराष्ट्र (भारत) ४२२ ००५
फोन : ०२५३ - २५७३४९३, २५७५२४९
कैसे पहुँचे
हवाई मार्ग : मुंबई छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा| नासिक से दूरी १८०
किलोमीटर| मुंबई से नासिक के लिए टॅक्सी सेवा उपलब्ध|
रेल मार्ग : नासिक रोड रेल स्टेशन, नासिक शहर से ९ किलोमीटर दूर|
मुंबई और भारत के सब शहरों से जुड़ा|
सड़क मार्ग : मुंबई और महाराष्ट्र के सब शहरों के बस सेवा उपलब्ध|
..............
Share Your View via Facebook
top trend
-
स्वाभिमान यात्रा के दूसरे चरण में बाबा रामदेव ने केंद्र को फिर ललकारा
-
२६/११ : कुछ याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर न आये
२६/११ को आतंकवादी हमले में भारत के २ एनएसजी कमांडो, १५ पुलिस अधिकारी व सिपाही, एवं लगभग १५० नागरिक अपने प्राणों की आहुति..
-
चाइना बाजार के रूप में तब्दील हुआ सदर बाजार, 50 फीसदी हिस्से में चीनी वस्तुओं का कब्जा
सुधीर कुमार, नई दिल्ली देश के महत्वपूर्ण व्यवसायिक स्थलों में से एक सदर बाजार चाइना बाजार में तब्दील हो गया है। चीन से आया..
-
ऐसे में कहाँ अविरल रह पाएगी गंगा
8,295 मेगावाट -- सुनने में यह आंकड़ा काफी जादुई लगता है, लेकिन लगे हाथ जब यह जानकारी भी मिलती है कि इतने बिजली उत्पादन क..
-
गाँधी परिवार का तो लूट का इतिहास रहा है : बाबा रामदेव
नोएडा। योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को कहा कि केंद्र में सत्ताधारी कांग्रेस को अहंकार हो गया है और उसका यह अहंकार चुन..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)