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नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका को सुनवाई
के लिए स्वीकार किया जिसमें यह प्रश्न रखा गया कि क्या विदेशी मूल का
कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक पद पर आसीन हो सकता है।
न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति सी.के. प्रसाद ने इस मुद्दे
की सुनवाई को तेजी से किए जाने का समर्थन किया जिसे एक सामाजिक
राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने उठाया है। मोर्चा ने
दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के विरुद्ध अपील दायर की थी जिसने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया
था। इसमें कहा गया था कि इटली मूल की होने के नाते वह किसी भी
संवैधानिक पद को संभालने की हकदार नहीं हैं।
अपनी याचिका में आरएमएम ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि वर्ष 1999 में
राजग सरकार द्वारा संसद में विश्वास मत खो देने के बाद तत्कालीन
राष्ट्रपति ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को केंद्र में सरकार
बनाने के लिए आमंत्रित किया था। शीर्ष न्यायालय ने इस मुद्दे पर
अप्रैल 2007 में केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस बीच
केंद्र ने अभी तक कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया है और शीर्ष अदालत से
इसको अंतिम सुनवाई के लिए रखने को कहा है।
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