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लश्कर वेबसाइट में इशरत को शहीद बताया गया : पिल्लई

नई दिल्ली, 22 नवंबर : पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई ने गुजरात
सरकार के उस दावे का समर्थन किया है जिसमें कहा गया है खुफिया विभाग
ने इशरत के खिलाफ जानकारी दी थी। पिल्लई ने एक टीवी चैनल से कहा कि
इशरत के खिलाफ मिले सबूत से यह स्पष्ट था कि वह और कुछ अन्य लोगों की
गतिविधियां संदिग्ध थीं। इशरत अलग व्यक्ति के साथ अलग-अलग होटलों में
रहती थी जो निश्चित रुप से संदिग्ध था। उन्होंने ध्यान दिलाया कि
लश्कर-ए-तैयबा ने अपने वेबसाइट में इशरत को शहीद बताया था जिसे बाद
में हटा लिया गया।
पिल्लई ने कहा कि एसआईटी रिपोर्ट इशरत के आतंकवादी होने या न होने के
बारे में कोई कमेंट नहीं है। एसआईटी ने केवल यह कहा कि उपलब्ध सबूतों
के आधार पर पता चलता है कि इशरत इनकाउंटर फर्जी था। लेकिन यह नहीं कहा
कि इशरत और अन्य आरोपित आतंकवादी थे या नहीं।
सोमवार को नरेन्द्र मोदी सरकार को कड़ा झटका देते हुए गुजरात उच्च
न्यायालय ने कहा कि इशरत इनकाउंटर फर्जी था। जिसके बाद उच्च न्यायालय
ने निर्देश दिया कि फर्जी इनकाउंटर में शामिल लोगों के खिलाफ शिकायत
दर्ज किया जाए। एसआईटी टीम का नेतृत्व आईपीएस आफिसर आर आर वर्मा ने
किया और इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोहन झा और सतीश वर्मा भी शामिल
थे। एसआईटी ने कहा इशरत, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजद अली राणा
और जीशान जौहर की हत्या इनकाउंटर की तारीख 15 जून, 2004 से पहले की गई
थी। इन तीनों अधिकारियों ने कहा कि उक्त इनकाउंटर फर्जी था। इस मामले
में कौन प्राथमिकी दर्ज करेगा और जांच करेगा इस विषय पर बहस जारी
रहेगी।
फर्जी इनकाउंटर मामले में तत्कालीन पुलिस अधिकारी पी.पी. पाण्डेय,
डी.जी. वंजारा, जी. एल. सिंघल और एन. के. अमीन समेत 21 पुलिस
कर्मचारियों के शामिल होने का आरोप है। वंजारा और अमीन इस समय
सोहराबुद्दीन शेख फर्जी इनकाउंटर मामले और शेख की पत्नी कौसर बी की
हत्या के आरोप में सजा भुगत रहे हैं।
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