कपूरथला में पतंजलि योग पीठ के तत्वावधान में आयोजित एक समारोह के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए योग गुरू बाबा रामदेव..
डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट द्वारा वनवासियोंकी स्वास्थ्य रक्षा

देश के वनवासी भागों में आज भी स्वास्थ्य रक्षा का प्रश्न गंभीर है| स्वच्छ और शुद्ध पीने का पानी, शौचकूप और स्वच्छता उन्हें आज भी नसीब नहीं हुई है| इनके अभाव के कारण वनवासीयों को बार-बार गंभीर बिमारियों का सामना करना पडता है| दुर्भाग्य की बात यह है की इन इलाकों में अस्पताल नहीं होते, डॉक्टर्स वहॉं नहीं जाते| वनवासियों को स्वास्थ्य रक्षा संबंधी जानकारी भी नहीं होती| सबका परिणाम यह होता है की यहॉं फैलनेवाली बिमारियों में कई बार बडी संख्या में लोगों की, बच्चों की जान तक जाती है| इन सारी बातों से चिंतित हो कर सूरत के डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट ने वनवासी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा पहुँचानेका महत्त्वपूर्ण कार्य आरंभ किया है|
डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट सूरत शहर के १० झुग्गी झोपडियों में रहनेवाले १ हजार से अधिक वनवासी परिवारों को अपने सेवाव्रती स्वयंसेवकों के सहायता से स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा रहा है| इसीके साथ ही इन क्षेत्रों में साफसफाई, शौचकूपों का इस्तेमाल, बिमारियों के फैलाव के समय बरतनेकी सावधानी, प्रतिबंधक उपायों के बारें में जनजागृती का काम भी किया जा रहा है| डॉ. बाबसाहेब आंबेडकर जयंती, रक्षाबंधन, भारतमाता पूजन और विविध त्यौहारों के उपलक्ष्यमें आयोजित विविध कार्यक्रमों के जरिये इन वनवासियों को समाज के मुख्यधारा में लाने का कार्य भी किया जा रहा है|
आज बिमारियों पर इलाज भी काफी महँगा हो गया है| निर्धन वनवासीयों के पास उतना पैसा भी नहीं होता| बिमार को इलाज के लिये शहरों में ले जाना भी उन्हें संभव नहीं होता| इसलिए डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट ने एक घूमता (मोबोईल) अस्पताल शुरू कर इन वनवासियों को उनके घर पर ही यह सुविधा देना आरंभ किया है| इस घूमते अस्पताल में एक प्रशिक्षित डॉंक्टर, कुछ सहायक और स्वयंसेवक का समावेश होता है| वे इन झुग्गी झोपडियों में नियमित रूप से जाकर वहॉं सेवा प्रदान करते हैं| साथ ही वे इन १ हजार परिवारों के संपर्क में रहकर उन्हें वे स्वास्थ्य सेवा के साथ साथ उनमें सामाजिक और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने का कार्य भी करते हैं| इन झोपडियों में रहनेवाले वनवासी मरीजों को उपयोगी साहित्य, दवाईयॉं भी उपलब्ध की जाती हैं| मरीजों के परिवारों से मिलकर उनका दर्द बॉंटने का प्रयास प्रामाणिकता से किया जाता है|
इन गरीब आदिवासियों को ऍलोपॅथी के महँगे इलाजोंपर खर्च करना संभव नहीं होता| साथ ही इस पॅथी की दवाईयों के कई विपरीत परिणाम भी मरीजों के शरीर पर होते हैं| यह ध्यान में रखते हुए इस पद्धती से काफी सस्ती और सुरक्षित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धती का अवलंब किया जाता है| यह पद्धती भारत की अपनी उपज है, उसका भी संवर्धन होता है| इसी दिशा में और कदम उठाते हुए डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट ने इन क्षेत्रों में कामधेनू (पंचगव्य) उपचार और औषधि वितरण केंद्र भी शुरू किये हैं| इन दवाइयों से कई बिमारियों पर सस्ते और प्रभावी रूप से इलाज कर वनवासियों को स्वस्थ्य, तंदुरुस्त जीवन जीने का मौका दिया जाता है|
संपर्क-
डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट,
एकलव्य भवन/वाल्मिकी भवन,
चोकसीवाडी के बाजू में, राधाकृष्ण मंदिर के सामने,
रन्डेर रोड, सूरत- ३९५ ००९
गुजरात (भारत)
दूरध्वनि- +९१- २६७-२७८१३९९
ई-मेल : [email protected]
कैसे पहुँचे-
विमान से- वडोदरा यह सूरत से १४० किलोमीटर पर स्थित सबसे नजदिकी हवाई
अड्डा है|
रेल्वे से- सूरत यह जंक्शन मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली के
रेल्वेमार्गपर स्थित है| वह देश के अन्य भागों से भी इन्ही लाईन
द्वारा जुडा हुआ है|
बस से- सूरत मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के कई प्रमुख शहरों से
रेल्वेद्वारा जुडा है|
Share Your View via Facebook
top trend
-
प्रधानमंत्री ८४ दंगा पीड़ितों के लिए न्याय प्रदान करने में विफल रहे : रामदेव
-
अब राम नवमी उत्सव मनाने एवं मंदिर में घंटी बजाने पर रोक की माँग
हैदराबाद में मजलिस पार्टी के विधायक दल के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने शहर में राम नवमी के अवसर पर निकलने वाली शोभा यात्रा क..
-
जनकल्याण रक्तपेढी (नासिक)
शल्यक्रिया (ऑपरेशन) के समय, रुग्ण के लिए रक्त तैयार रखना यह मुश्किल काम होता है| और दुर्घटनाओं के समय, जब एक साथ बड़ी संख्य..
-
अन्ना फिर बोले, 'प्रशांत भूषण को हटाया जा सकता है
16 Oct 2011, 0826 hrs IST || नई दिल्ली ।। अन्ना हजारे और उनकी टीम के अहम सदस्यों के बीच मतभेदों की खाई गहरी होती दिख रही ह..
-
जिस देश को बरबाद करना हो सबसे पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो
किसी ने सच ही कहा है कि जिस देश को बरबाद करना हो सबसे पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो और वहाँ की युवा पीढी को गुमराह करो । ..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)