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पैसों का हिसाब मांगने अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जुटे आईएसी के लोग, विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली. टीम अन्ना पर चंदा के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगा है। यह आरोप इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की ओर से लगाया गया है। यह वही संगठन है, जिसके बैनर तले जनलोकपाल के लिए अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा है। इस बीच, अन्ना हजारे रविवार से अनिश्चितकालीन मौन व्रत पर जा रहे हैं।
आईएसी के स्वयंसेवक श्रीओम के नेतृत्व में कई कार्यकर्ता शनिवार को गाजियाबाद के कौशांबी स्थित आईएसी के दफ्तर के बाहर जुट गए। श्रीओम ने दैनिकभास्कर.कॉम को बताया कि वह कई महीनों से अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के समक्ष आर्थिक अनियमितताओं और चंदे के पैसे के गलत इस्तेमाल का मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल का एनजीओ परिवर्तन और पीसीआरएफ से जुड़े लोग आंदोलन के नाम पर जुटाए गए चंदे की रकम मनमाने ढंग से खर्च कर रहे हैं।
श्रीओम करीब तीस लोगों के साथ प्रदर्शन करने पहुंचे थे। उनके मुताबिक शांतिपूर्ण प्रदर्शन को देखकर पहले तो पुलिस चली गई, लेकिन बाद में उन्हें जबरदस्ती वहां से हटा दिया गया।
केजरीवाल रालेगण सिद्धि में हैं। उनका पक्ष लेने के लिए उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। रालेगण में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें शुक्रवार शाम से ही उनके दफ्तर पर हमले की खबर मिल रही है। ये हमला किनकी ओर से और क्यों होगा, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। उन्होंने इसे साजिश बताया।
इधर, श्रीओम ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के एनजीओ परिवर्तन, पीसीआरएफ और कबीर ने अन्ना के पूरे आंदोलन को हाईजैक कर लिया है और ये संस्थाएं अन्ना हजारे को जानकारी दिए बिना चंदा वसूल रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन एनजीओ के कर्मचारी पैसे का निजी इस्तेमाल कर रहे हैं और जहां रेल से जाया जा सकता है वहां भी विमान से जा रहे हैं।
श्रीओम को शांत करने के लिए उन्हें अन्ना से बात कराने की पेशकश की गई और उन्हें दफ्तर के अंदर बुलाया गया। लेकिन उन्होंने मांग रखी कि बातचीत सार्वजनिक रूप से कराई जाए, ताकि उनके साथी भी सुन सकें। इसके बाद अन्ना से उनकी बातचीत नहीं कराई गई।
दूसरी ओर, टीम अन्ना से जुड़े सूत्रों ने यह भी बताया कि श्रीओम ने दिल्ली से भोपाल तक जनलोकपाल के समर्थन में यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कुछ आर्थिक अनियमितताएं की जिसके चलते टीम अन्ना ने उनसे दूरी बना ली।
कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि श्रीओम ने भोपाल की कार्यकर्ता शेहला मसूद से भी कुछ पैसे आंदोलन के नाम पर उधार लिए थे, जिसके कारण अरविंद केजरीवाल उनसे नाराज हुए थे। आरटीआई कार्यकर्ता मसूद की 16 अगस्त को अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी।
टीम अन्ना के सदस्यों के नाम पर भारी मात्रा में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के लिए धन जुटाए जाने की जानकारी सदस्यों को भी है। टीम अन्ना के एक सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े ने भी यह बात मानी है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि ‘‘कुछ लोग’’ उनके और भूषण के नाम पर ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के लिए चंदा जुटा रहे हैं। उन्होंने इस तरह के तत्वों से सावधान रहने के लिए भी कहा था। उन्होंने कहा कि किसी को भी ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के लिए धन जुटाने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
टीम अन्ना ने आरटीआई का भी जवाब नहीं दिया
आरटीआई कार्यकर्ता अफरोज आलम साहिल ने पीसीआरएफ, कबीर और अन्ना हजारे
के संगठन भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन न्यास से आरटीआई के जरिए चंदे का
हिसाब-किताब भी मांगा था। कबीर और अन्ना के संगठन ने आरटीआई का जवाब
नहीं दिया। पीसीआरएफ ने यह कहा था कि समस्त जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध
करा दी जाएगी।
टीम अन्ना ने भी यह तय किया था कि 15 अक्टूबर तक चंदे के पैसे से
संबंधित तमाम जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन अभी जक
इस पर अमल नहीं हुआ है।
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