नैरोबी। अगर हमारे देश में बच्चों की प्रतियोगिता हो तो उन्हें क्या इनाम दिया जा सकता है? खिलौने, लंचबाक्स या और प्रोत्साहित..
बंद कमरे में सुनवाई की गुहार, चिदंबरम के खिलाफ सीबीआइ जांच

नई दिल्ली केंद्र सरकार और सीबीआइ ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में तत्कालीन वित्त मंत्री (वर्तमान गृहमंत्री) पी. चिदंबरम की कथित संलिप्तता को पुरजोर विरोध किया। चिदंबरम के खिलाफ सीबीआइ जांच व निगरानी के लिए विशेषज्ञ पैनल गठित करने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दोनों ने दावा किया कि घोटाले में चिदंबरम की कोई भूमिका नही है। उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। साथ ही अदालत से यह गुहार भी लगाई कि मामले की सुनवाई बंद कमरे (चैंबर) में की जाए। खुली अदालत में सुनवाई से जांच प्रभावित होती है।
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जीएस सिंघवी व एके गांगुली की पीठ ने चिदंबरम की भूमिका की सीबीआइ जांच संबंधी सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका और गैरसरकारी संगठन सीपीआइएल की जांच की निगरानी के लिए 2-3 सदस्यों का विशेषज्ञ पैनल गठित करने की अर्जी पर सुनवाई की। इस मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव ने कहा, चिदंबरम के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। रिकार्ड देखने से पता चलता है कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए.राजा और तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बीच 10 जनवरी 2008 के पहले कोई मीटिंग नहीं हुई थी। सारी चर्चा और पत्राचार वित्त सचिव के जरिए वित्त मंत्री तक पहंुचा था और वित्त मंत्री ने उसे देखा था।
सीबीआइ वित्त सचिव के बयान व अन्य दस्तावेजों को देख चुकी है। राव ने कहा कि इस तरह आदेश देने से तंत्र अस्थिर हो जाएगा। सीबीआइ प्रतिष्ठित जांच एजेंसी है उस पर आरोप लगाना गलत है। याचिकाकर्ता आधी-अधूरी जानकारी पर ये मांग कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति या सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले की उतनी अच्छी निगरानी नहीं कर सकता जितनी अच्छी सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश कर रहे हैं। सरकार ने कोर्ट से चैंबर में सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि खुली अदालत में सुनवाई से जांच प्रभावित होती है। इस पर पीठ ने कहा कि इससे पहले तो कभी भी सरकार ने चैंबर में सुनवाई की मांग नहीं की थी। कोर्ट ने राव से अपनी मांग के बाबत अर्जी दाखिल करने को कहा। सीबीआइ के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा, जांच सही दिशा में चल रही है। अब तक दाखिल की गयी स्थिति रिपोर्ट पर अदालत ने संतोष जताया है। उन्होंने कहा, अदालत को कोई अधिकार नहीं है कि वह जांच एजेंसी को जांच के तरीके और किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ जांच का आदेश दे।
स्वामी और सीपीआइएल के वकील प्रशान्त भूषण ने अपनी मांगों पर जोर दिया। स्वामी ने कहा कि दस्तावेज बताते हैं कि चिदंबरम को पूरी जानकारी थी। वहीं, सीबीआइ ने अदालत को पूर्व संचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और छापे मारने की जानकारी दी। साथ ही सील बंद कवर में जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश की।
Share Your View via Facebook
top trend
-
कुरान पाठन में मिला पहला स्थान, पुरस्कार दिया गया एके-47
-
रिकॉर्ड से सामने आ गया महबूबा मुफ्ती का झूठ, नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बोली थीं
जम्मू - कश्मीर की बहुचर्चित नेता महबूबा मुफ्ती अब भले ही कुछ कहें , पर यह सच है कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में वह न स..
-
बाबा रामदेव का गांधी परिवार पर हमला, कांग्रेस का बहिष्कार करने की अपील
योग गुरु बाबा रामदेव ने पहली बार गांधी परिवार पर हमले का शुभारंभ करते हुए आज उत्तर प्रदेश में एक बैठक के दौरान मतदाताओं ..
-
नेत्रहीनों का सहायक सेवाभारती का ‘मनोनेत्र’
भारत में करीब देड करोड नेत्रहीन है| योग्य प्रशिक्षण और शिक्षा देने पर ये नेत्रहीन कई काम कर सकते है; यह बात ध्यान में रखकर..
-
होली, स्वास्थ्य एवं विज्ञान : होलिकोत्सव पर विशेष
भारतीय संस्कृति त्योहारों की संस्कृति है जो की विश्व की प्राचीन संस्कृति मानी जाती है| अपनी संस्कृति में सिर्फ मानव जीवन..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)