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दंगों का दोषी हूं तो फांसी दोः, किसी खास समुदाय के लिए नहीं है उपवास : मोदी
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा है
कि यदि २००२ में गुजरात में हुए दंगों में वो दोषी पाए जाते हैं तो
उन्हें भी फांसी दे दी जाए। आज मोदी के उपवास का दूसरा दिन है। वह
सोमवार को उपवास खत्म करेंगे।
नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि उनका यह उपवास देश से वोट बैंक की
राजनीति समाप्त करने के लिए है। साक्षात्कार में नरेंद्र मोदी गुजरात
के विकास के गुण गाते रहे। सद्भावना मिशन का उद्देश्य बताते हुए मोदी
ने कहा कि हमें मानवता को साथ लेकर आगे बढ़ना है।
वहीं कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे किसी भी तरह के आरोपों से बचते
हुए मोदी ने बार-बार यह कहा कि वो किसी भी आरोप पर या कांग्रेस पर
टिप्पणी नहीं करना चाहते। लोकायुक्त पर केंद्र सरकार के रवैये पर पूछे
गए सवाल का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि देश की सभी सरकारे इस समय
केंद्र सरकार से परेशान है। जिस प्रकार से देश के संघीय ढांचे पर हमला
बोला गया है उससे देश के सामने बड़े खतरे पैदा हुए हैं। यह सिर्फ
गुजरात की की शिकायत नहीं है बल्कि देश भर के राज्यों की भारत सरकार
से यही शिकायत है। यह कोई शिकायत नहीं है बल्कि देश हित में उठाया गया
कदम है।
मोदी ने यह भी कहा कि उनके सद्भावना मिशन के साथ सभी लोगों को जुड़ना
चाहिए। नीतीश कुमार के न आने पर मोदी ने कहा कि यह उनका अपना फैसला
है। मोदी ने यह भी कहा कि वो अपनी आलोचनाओं को हमेशा सकारात्मक रूप
में स्वीकारते रहेंगे।
हालांकि मोदी ने भविष्य की राजनीति के बारे में कोई भी टिप्पणी
नहीं की। उन्होंने कहा कि भविष्य को लेकर मेरी कोई प्लानिंग नहीं है
लेकिन मैं जो भी करता हूं उसमें जुट जाता हूं। मोदी ने यह भी कहा कि
मैं दिल्ली आजकल कम समय के लिए ही जाता हूं।
लेकिन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा- है कि मोदी उपवास की
नौटंकी खत्म कर गुजरात में दंगों से हलकान हुए लोगों की मदद करें और
फर्जी मुठभेड़ के दोषी पुलिस अफसरों को सजा दिलाएं (पूरी खबर रिलेटेड
आर्टिकल में पढि़ए)।
'सबका साथ सबका विकास' है मोदी का नया नारा
नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नया नारा भी दिया है। नरेंद्र
मोदी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि गुजरात में जो विकास उन्होंने
किया है वो देशभर में दिखना चाहिए। मोदी ने यह भी कहा कि उनका यह
सद्भावना उपवास वोट बैंक की राजनीति समाप्त करने के लिए है। मोदी ने
इस बात पर जोर दिया कि सभी वर्ग के लोगों को एक साथ लेकर भी आगे बढ़ा
जा सकता है और यह गुजरात ने पिछले सात सालों में सिद्ध कर दिया
है।
मेरे नाम नहीं दर्ज है कोई एफआईआर, दोषी हूं तो फांसी
दो
मोदी ने यह बात भी जोर देकर कही कि यदि मैं दंगा कराने का दोषी पाया
जाता हूं तो मुझे फांसी मिलनी चाहिए। हालांकि मोदी ने यह भी साफ कहा
कि उनके नाम न ही कोई एफआईआर दर्ज है और न ही सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर
दर्ज करने का कोई आदेश दिया है।
प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर खुलकर नहीं बोले
मोदी
कई चैनलों के टीवी पत्रकारों ने नरेंद्र मोदी से बार-बार उनकी
प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी संबंधी सवाल पूछे लेकिन हर बार नरेंद्र
मोदी सवालों को बड़ी चतुराई से टालते रहे और जवाब में गुजरात के विकास
की ही बात करते रहे।
उपवास किसी समुदाय को आकर्षित करने के लिए
नहीं
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनका तीन
दिवसीय उपवास किसी खास समुदाय या धर्म को आकर्षित करने के लिए नहीं
है। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि गुजरात की जनता अपार पीड़ा सही
है, जहां 2002 के साम्प्रदायिक दंगे में कम से कम 1,000 लोग मारे गए
थे और उसमें अधिकांश मुस्लिम थे।
मोदी ने अपने उपवास के दूसरे दिन कहा कि सद्भावना मिशन किसी खास
समुदाय या धर्म के लिए नहीं है। यह गुजरात की जनता के लिए है। गुजरात
की प्रगति ने आगे का रास्ता दिखाया है।
मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि गुजरात राज्य ने अपार पीड़ा सहा है।
पीड़ित हुए परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है। मैं अभी भी उस पीड़ा
को महसूस कर सकता हूं। मोदी के इस सम्बोधन को 2002 के साम्प्रदायिक
दंगे के संदर्भ के रूप में लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि यह मिशन जोड़ने के लिए है, तोड़ने के लिए नहीं। गुजरात मेरा परिवार है। छह करोड़ गुजरातियों की खुशी, गम, सपने और आकांक्षाएं मेरी हैं।
ज्ञात हो कि गुजरात विश्वविद्यालय में चल रहे मोदी के उपवास को
अल्पसंख्यकों को लुभाने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
मोदी ने अपने 10 वर्षो के शासन के दौरान की उपलब्धियों का जिक्र किया
और कहा कि उनका उपवास शांति, एकता और सद्भाव के लिए है।
उपवास के दूसरे दिन उपवास स्थल पर भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेट
खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे।
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