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देश को चारित्रिक व आर्थिक दरिद्रता से निकालने की जरूरत : बाबा रामदेव
फर्रुखाबाद, बाबा रामदेव ने रविवार को प्रबुद्ध वर्ग की परिचय बैठक में कहा कि ब्राह्माणों के शराब पीने और मंदिरों में वध (बलि प्रथा) की बात सोची भी नहीं जा सकती थी लेकिन ऐसा हो रहा है। देश को चारित्रिक व आर्थिक दरिद्रता से हमें निकालना है।
योग शिविर आयोजन के सहयोगियों एवं सभ्रांत नागरिकों की परिचय बैठक एनएकेपी कॉलेज में बुलायी गई थी। इसमें योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हम छोटे थे, तो मेरे गांव में वैश्य परिवार के लोग शराब नहीं पीते थे। ब्राह्माण कभी शराब पियेंगे, यह सोचा भी नहीं था। योगगुरु ने कहा कि वह एक मंदिर में गये तो वहां खून की नाली बह रही थी। ऐसी स्थिति में वहां पूजा अर्चना कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि योग कोई मेरी सोच नहीं है। हमारी संस्कृति में योग को आधार माना गया है। उसी को वह आगे बढ़ा रहे हैं।
समतामूलक समाज की कल्पना तभी साकार होगी जब आर्थिक विषमता को दूर किया जाएगा। हमारा यह मिशन स्वस्थ भारत व राष्ट्र जागरण का है। बाबा ने मंच पर मौजूद संत आचार्य स्वदेश जी महाराज का परिचय भी कराया। कवि डॉ. शिवओम अंबर ने काव्य पाठ कर योगगुरु के सम्मान में अपनी अभिव्यक्ति पेश की। भाजपा नेता व कायमगंज नगरपालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती मिथलेश अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किये। संचालन रामदेव पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में आर्थिक सहयोग देनेवालों को योग गुरु ने तुलसी माला भेंट की। कई लोगों ने शॉल भेंट की।
ब्रह्मदत्त की हत्या के समय सुना था फर्रुखाबाद का नाम : प्रबुद्ध वर्ग की बैठक में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि फर्रुखाबाद का नाम उन्होंने भाजपा नेता ब्रह्मादत्त द्विवेदी की असमय हत्या के समय बहुत सुना था। उन दिनों तो यह भूमि पूरे राष्ट्र में चर्चा में आयी थी।
रामदेव ने कहा यहां आकर वे अभिभूत हैं। इस भूमि पर महर्षि दयानंद जी आये थे और फर्रुखाबाद का ऐतिहासिक महत्व भी है। वह काफी दिनों से यहां के बारे में सोच रहे थे और अब यहां आने पर बहुत जानकारी भी मिली। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में डॉ. हरिदत्त द्विवेदी की प्रशंसा की।
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