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बाबा रामदेव ने शुरू की दूसरी 'जंग': झांसी से निकली स्वाभिमान यात्रा
झांसी. योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर भारत स्वाभिमान यात्रा पर
निकल पड़े हैं। योग गुरु ने मंगलवार को इस यात्रा का आगाज़ उत्तर
प्रदेश के झांसी जिले से किया। बाबा रामदेव ने आज सुबह इस यात्रा के
आगाज़ से पहले झांसी में योग शिविर लगाया। शिविर में रामदेव ने कहा कि
उनके एजेंडे में आज भी विदेशी बैंको में जमा चार सौ लाख करोड़ रुपये
का काला धन स्वेदश में वापस लाना शामिल है। उन्होंने अपने सहयोगी
आचार्य बालकृष्ण को बेकसूर बताते हुए कहा कि उन्हें परेशान किया जा
रहा है।
योग गुरु ने पूछा कि क्या योग सिखाना पाप है? बाबा रामदेव ने राजनीतिक
दलों को भी खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि उन्हें किसी भी पार्टी के
सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। योग गुरु ने कहा कि जिन लोगों का
कैरेक्टर ही नहीं है, वे मुझे क्या कैरेक्टर देंगे? बाबा रामदेव की
भारत स्वाभिमान यात्रा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब से होकर
गुजरेगी।
पहले चरण में बाबा रामदेव 3 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के झांसी से
फर्रूखाबाद तक की यात्रा करेंगे। 7 अक्टूबर से उत्तराखंड में यात्रा
का दूसरा चरण शुरू होगा। गौरतलब है कि इस साल जून में दिल्ली के
रामलीला मैदान में अनशन के दौरान पुलिसिया कार्रवाई के चलते बाबा
रामदेव और उनके समर्थकों को रामलीला मैदान छोड़ना पड़ा था।
इससे पहले सोमवार को बाबा रामदेव मध्य प्रदेश के ग्वालियर में थे।
भ्रष्टाचार विरोधी और कालाधन वापस लाने की अपनी मुहिम के तहत बाबा
रामदेव ने सोमवार को रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
उनके साथ आचार्य बालकृष्ण, राजनीतिक विचारक वेदप्रताप वैदिक और दंदरौआ
सरकार महंत रामदास भी मौजूद थे। समाधि स्थल से सरकार को कालेधन के
मुद्दे पर घेरते हुए बाबा ने कहा सारी दुनिया जान चुकी है कि सरकार ने
आम आदमी का धन लूटा है और दुनिया के तमाम बैंकों में इनका कालधन जमा
है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने सोमवार को ग्वालियर की धरती से भ्रष्टाचार के
खिलाफ धर्मयुद्ध छेडऩे की घोषणा की। उन्होंने सोमवार को रानी
लक्ष्मीबाई समाधि की परिक्रमा कर संकल्प लिया कि वह विदेशों में जमा
काला धन वापस लाने तक अभियान जारी रखेंगे। रामदेव ने कहा, इन्होंने
(कांग्रेस नेताओं ने) अन्ना हजारे पर आरोप लगाए, हम पर आरोप लगाए,
लेकिन आरोप लगाने भर से कोई दोषी नहीं हो जाता। अब तो सारा जहां जानता
है कि हमारा चरित्र क्या है और इनका का चरित्र क्या है?’ उन्होंने
कहा, ‘ग्वालियर में हमारा कोई घोषित कार्यक्रम नहीं था, फिर भी इतने
लोग हमें समर्थन देने आएं हैं, मैं इससे अभिभूत हूं। मुख्यधारा की
राजनीति में आने के सवाल पर योगगुरू ने कहा, ‘व्यवस्था परिवर्तन के
लिए देश भर में पहले से योग विज्ञान और राष्ट्र निर्माण शिविर चलाए जा
रहे हैं, इस पूरे आंदोलन को लेकर न तो पहले हमारा कोई राजनीतिक
उद्देश्य था, न अभी है।’
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