पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को भड़काने की कोशिश की है। उसने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग..
भारतीय मूल के सौ साल के ‘जवान’ फौजा सिंह ने 42 किलोमीटर की
मैराथन दौड़कर इतिहास रच दिया।फौजा सिंह को सौ साल के बुजुर्ग के बजाय
‘जवान’ कहना ज्यादा उचित होगा। इस धावक ने दिखा दिया है कि अगर
इच्छाशक्ति हो तो उम्र इरादों को नहीं बाध सकती।
भारतीय मूल के धावक फौजा सिंह ने सबसे अधिक उम्र में टोरंटो वाटरफ्रंट
मैराथन पूरा करके नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड
रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। उम्र का ‘शतक’ बना चुके फौजा
सिंह ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच आठ घंटे से अधिक समय में फिनिश
लाइन पार की। रविवार को आयोजित हुई इस मैराथन को कीनिया के धावक कीनेथ
मुंगरा ने जीता। सिंह ने फिनिश लाइन को भले ही सबसे बाद में पार किया
हो, लेकिन संकल्प के धनी इस बुजुर्ग की उपलब्धि को कम करके नहीं आंका
जा सकता। सिंह 42 किलोमीटर की मैराथन को पूरा करने वाले विश्व के सबसे
अधिक उम्र के धावक बन गए हैं।
पंजाबी भाषा बोलने वाले फौजा इस उपलब्धि से गदगद हैं। कोच और दुभाषिये
हरमंदर सिंह के जरिये उन्होंने बताया कि मैंने दौड़ पूरी करने के लिए
नौ घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन प्रदर्शन उम्मीद से भी
बेहतर रहा। हरमंदर के अनुसार, फौजा ने इस कामयाबी से अपनी जिंदगी की
सबसे बड़ी हसरत पूरी कर ली है। फौजा के जीवन की यह आठवीं मैराथन
थी।
पंजाब में जन्मे इस सिख ने 89 साल की उम्र में जीवन की पहली मैराथन
में भाग लिया था। रिकॉर्ड बुक में जगह बनाने का यह उनके लिए पहला मौका
नहीं है। इससे पहले, वर्ष 2003 में टोरंटो मैराथन में उन्होंने 90+ की
श्रेणी में भाग लेकर इसे करीब पांच घंटे 40 मिनट में पूरा किया
था। बृहस्पतिवार को फौजा ने 100 वर्ष से अधिक की उम्र में 100
से पांच हजार मीटर तक की आठ अलग-अलग वर्ग की दौड़ में हिस्सा लेकर
विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था। दौड़ के प्रति जुनून के चलते ब्रिटिश
नागरिक फौजा सिंह को ‘टरबंड टॉरनेडो’ भी कहा जाता है। पत्नी और बच्चे
की मौत के बाद उन्होंने करीब 20 साल पहले ही दौड़ना प्रारंभ किया है।
फौजा की इच्छा अगले वर्ष लंदन में आयोजित होने वाले ओलंपिक में हिस्सा
लेने की है।
Share Your View via Facebook
top trend
-
पाकिस्तान का भड़काऊ बयान, कहा- जम्मू कश्मीर नहीं है भारत का अभिन्न अंग
-
टीम अण्णा की दुकान पर दो-तरफ़ा खतरा मंडराया - सुरेश चिपलूनकर
बड़ी मेहनत से NGO वादियों ने अण्णा को "मोहरा" बनाकर, मीडिया का भरपूर उपयोग करके, अपने NGOs के नेटवर्क के जरिये एक खिचड़ी प..
-
अग्निवेश बिग बॉस में लगायेंगे तड़का ?
टीम अन्ना के पूर्व सदस्य अग्निवेश बिग बॉस के नए मेहमान बनने सकते हैं। नवभारत टाइम्स एवं भास्कर ने अपने अपने सूत्रों से इसक..
-
पैसों का हिसाब मांगने अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जुटे आईएसी के लोग, विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली. टीम अन्ना पर चंदा के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगा है। यह आरोप इंडिया अगेंस्ट करप्शन ..
-
धनतेरस पर करें समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए पूजा ...
दीवाली का त्योहार पांच दिन तक चलता है। इसकी शुरुआत होती है धनतेरस से। दीवाली से दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपा..
what next
-
-
सुनहरे भारत का निर्माण करेंगे आने वाले लोक सभा चुनाव
-
वोट बैंक की राजनीति का जेहादी अवतार...
-
आध्यात्म से राजनीती तक... लेकिन भा.ज.पा ही क्यूँ?
-
अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा ...
-
सिद्धांत, शिष्टाचार और अवसरवादी-राजनीति
-
नक्सली हिंसा का प्रतिकार विकास से हो...
-
न्याय पाने की भाषायी आज़ादी
-
पाकिस्तानी हिन्दुओं पर मानवाधिकार मौन...
-
वैकल्पिक राजनिति की दिशा क्या हो?
-
जस्टिस आफताब आलम, तीस्ता जावेद सीतलवाड, 'सेमुअल' राजशेखर रेड्डी और NGOs के आपसी आर्थिक हित-सम्बन्ध
-
-
-
उफ़ ये बुद्धिजीवी !
-
कोई आ रहा है, वो दशकों से गोबर के ऊपर बिछाये कालीन को उठा रहा है...
-
मुज़फ्फरनगर और 'धर्मनिरपेक्षता' का ताज...
-
भारत निर्माण या भारत निर्वाण?
-
२५ मई का स्याह दिन... खून, बर्बरता और मौत का जश्न...
-
वन्देमातरम का तिरस्कार... यह हमारे स्वाभिमान पर करारा तमाचा है
-
चिट-फण्ड घोटाले पर मीडिया का पक्षपातपूर्ण रवैया
-
समय है कि भारत मिमियाने की नेहरूवादी नीति छोड चाणक्य का अनुसरण करे : चीनी घुसपैठ
-
विदेश नीति को वफादारी का औज़ार न बनाइये...
-
सेकुलरिस्म किसका? नरेन्द्र मोदी का या मनमोहन-मुलायम का?
-
Comments (Leave a Reply)